गुटबाजी में फंसी भाजपा जिला कार्यकारिणी की घोषणा? डेढ़ साल से पुरानी कार्यकारिणी के भरोसे
छतरपुर । गुटों में फंसी भाजपा पिछले डेढ़ साल से छतरपुर जिले में अपनी कार्यकारणी घोषित नहीं कर पा रही हैं। कहा जा रहा हैं कि कार्यकारणी में दबदबे को लेकर यह घोषणा उलझी हुई हैं। हालांकि प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का संसदीय जिला होने से यह तय हैं कि सिक्का उनका ही चलेगा। पुरानी कार्यकारिणी के कुछ पदाधिकारी फिर भूमिका में नज़र आयेंगे तो कुछ की छुट्टी होकर नये चेहरों को मौका दिया जायेगा।
डेढ़ साल बीत गये लेकिन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीड़ी शर्मा के संसदीय छतरपुर जिले में ही नई जिला कार्यकारिणी की घोषणा नहीं हों पाई हैं। पुरानी कार्यकारिणी के भरोसे ही भाजपा चल रही हैं। कोरोना काल को इस लेट लतीफी का कारण बताया जा रहा था पर मप्र के कमोवेश सभी जिलों में नई कार्यकारिणी घोषित की जा चुकी हैं लेकिन प्रदेश अध्यक्ष के संसदीय जिले की घोषणा नहीं होने से राजनैतिक हल्के में चर्चा बनी हुई हैं। इसके पीछे की वज़ह पार्टी की गुटबाज़ी मानी जा रही हैं। कहा जाता हैं कि भाजपा कई गुटों में फंसी हुई हैं। सिंधिया के बीजेपी में प्रवेश बाद से एक नया गुट भी पनपा हैं। हालांकि बुंदेलखंड के छतरपुर जिले में सिंधिया का कोई असर नहीं हैं। फिर भी यहाँ पहले से गुटिय प्रभाव रहा हैं। स्थानीय नेता अपने क्षत्रपो के सहारे अपना दबदबा कायम करते रहे हैं। छतरपुर जिले की भाजपा में परिस्थिति भी कुछ अलग हैं। इस जिले का तीन सांसद प्रतिनिधित्व करते हैं जो तीनो ही ताकतवर हैं। एक वह बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीड़ी शर्मा हैं जिनके कंधो पर पूरे संगठन की कमान हैं जो खजुराहो से सांसद बनने के बाद अपने करीबियों के जरिये कमान कसना चाहते हैं वहीँ दमोह सांसद प्रहलाद पटेल और टीकमगढ़ लोकसभा सांसद वीरेंद्र खटीक केंद्र सरकार में मंत्री होने के कारण जिला कार्यकारिणी में अपनों को उपकृत करना चाहते हैं जिससे उनकी अहमियत भी साबित हों सके।
राजनैतिक समीक्षक यहीं मानते हैं की इसी साख बचाने की जंग में जिला कार्यकारणी की घोषणा भी जंग का कारण बनी हैं। यह तय हैं कि कार्यकारिणी पर वीड़ी शर्मा कि छाप दिखेगी। सूत्र बताते हैं कि पुरानी कार्यकारिणी के महामंत्री अरविन्द पटेरिया पुनः इसी पद पर मनोनीत हों सकते हैं। जिले की 22 सदस्य वाली कार्यकारिणी में 8 उपाध्यक्ष, 3 महामंत्री, 8 मंत्री, 1 कोषाध्यक्ष, 1 सह कोषाध्यक्ष और 1 कार्यालय मंत्री की नियुक्ति होनी हैं। जिसमे अनुरुद्ध सिंह ज्योराहा, दिलीप अहिरवार, ब्रजेश राय, द्रोपदी कुशवाहा, शोभा राजपूत, कमलेश राय, सुशीला सोनी जगह पा सकते हैं। महामंत्री के लिये पप्पू चौरसिया, मणिकांत चौरसिया और ब्रजेश चौरसिया में से किसी एक को मौका मिल सकता हैं। सूत्र बताते हैं कि 22 सदस्य वाली कार्यकारिणी में आधा दर्जन महिलाओ को मौका मिल सकता हैं। पुरानी कार्यकारिणी के कई पदाधिकारी फिर नई टीम में शामिल दिखेंगे तो कई की छुट्टी होकर नये चेहरों को मौका मिल सकता हैं।
कई गुटों में फंसी बीजेपी की नई टीम में स्थानीय नेताओं का संतुलन बना उनके करीबियों को जगह नहीं दी गई तो फिर बुरे दिनों की शुरुआत हों सकती हैं। फिलहाल तो क्षत्रपो के जाल में उलझी छतरपुर जिले की भाजपा को नई टीम का इंतज़ार हैं कि आखिर कब घोषित होंगी।
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