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प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी जलजीवन मिशन योजना को पलीता लगाते कार्यपालन यंत्री

छतरपुर। भारत सरकार एवं देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना जलजीवन मिशन को लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग छतरपुर के कार्यपालन यंत्री महेन्द्र सिंह (भाऊ) के द्वारा पलीता लगाया जा रहा है।मिली जानकारी के अनुसार जिले में ग्रामीण आबादी को शुद्ध पेयजल की समुचित व्यवस्था किए जाने के लिए जलजीवन मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में घर घर पेयजल की अपूर्ति किए जाने के लिए जलसंरचनाओं की स्थापना की जा रही है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में आंगनबाड़ी केन्द्र एवं स्कूलों में शुद्ध पेयजल मिले इसके लिए नलजल योजनाएं का विस्तार किया जा रहा है। जिले में इसके लिए विधिवत टेंडर निकाले गए थे और छतरपुर के विभिन्न उपसंभागों में नलजल योजनाएं व आंगनबाड़ी केन्द्र और स्कूलों में उसका कार्य शुरु किया गया था। परंतु सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इन नलजल योजनाओं और आंगनबाड़ी व स्कूलों में जो काम पीएचई के ई के निर्देशन में हुआ है उसमें लोहे के पाइप की जगह प्लास्टिक के पाइप का उपयोग किया गया है। जिसमें भारी घोटाले किए जाने की अशंका व्यक्त की जा रही है। ठेकेदारों को ओवलाइज करने के लिए इसमें फेरबदल किया गया है। हालांकि छतरपुर एवं राजनगर उपसंभाग की सहायक यंत्री रुचि जैन ने बताया कि जो भी नलजल योजनाएं स्थापित की हैं उसमें प्लास्टिक के पाइपों की अनुमति अधीक्षण यंत्री से ली गई है। जबकि कार्यपालन यंत्री महेन्द्र सिंह ने बताया कि नलजल योजनाओं में पाइप प्लास्टिक के डाले गए हैं कोई अपराध नहीं किया है। छतरपुर जिले में नल विभाग के द्वारा जो भी नलजल योजनाएं ग्रामीण क्षेत्रों में चालू की गई हैं अधिकांश नलजल योजनाएं आधी अधूरी को पूर्ण कर सरपंचों को जबरिया सौंपा गया है। इन योजनाओं को मेंटीनेंस का काम सरपंचों को करना है। ऐसी स्थिति में प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना को पलीता लगाने का काम कार्यपालन यंत्री महेन्द्र सिंह कर रहे हैं। इन का स्थानांतरण राज्य शासन द्वारा पन्ना जिले के लिए कर दिया गया है उसके बावजूद भी वह छतरपुर जिले में धड़ल्ले से काम कर रहे है। जिसकी शिकायत जागरुक पत्रकार विनोद अग्रवाल के द्वारा प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं जिला कलेक्टर एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी से की गई है। जिला पंचायत के सीईओ ने आश्वासन दिया है कि एक हफ्ते के अंदर जांच कराई जाएगी और यदि जांच में दोषी पाए जाते हैं तो कार्यपालन यंत्री के खिलाफ शासन को पत्र लिखा जाएगा। वहीं दूसरी ओर अरविंद जैन ने सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत की है और पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराए जाने की शिकायत की है अब देखना है कि मामला जांच के बाद क्या सामने आता है। 

एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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