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छत्रसाल विश्वविद्यालय में महाराजा महाविद्यालय का संविलियन करने का हुआ विरोध, पूर्व छात्र छात्राओं ने सड़कों पर किया प्रदर्शन

छतरपुर। 130 वर्ष पुराना महाराजा महाविद्यलय का संविलियन छत्रसाल विश्विद्यालय में किए जाने के विरोध में पूर्व छात्र-छात्राओं सहित जनता उतरी सड़को पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा छतरपुर की पहचान एतहासिक धरोहर 130 वर्ष पुराना महाराजा महाविद्यलय का संविलियन छत्रसाल विश्विद्यालय में किया जा रहा है जो कि आम जनमानस और छात्र हित के विरोध में है । आज महाविद्यलय के पूर्व छात्रों  छात्राओ और गणमान्य नागरिकों ने कुलपति के माध्यम से महामहिम राज्यपाल और कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंप के निर्णय को वापस लेने की मांग उठाई,साथ सी सांकेतिक रूप से चक्का जाम भी किया गया ।।  जिले का 130 वर्ष पुराना शासकीय महाराजा महाविद्यालय स्थित है। इस महाविद्यालय में लगभग तीन हजार छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। शासन द्वारा इस महाविद्यालय को महाराजा छत्रसाल विश्वविद्यालय में संविलियन किया जा रहा है जो कि छात्रहित एवं क्षेत्र की जनता के लिए  गलत निर्णय है। इन बिंदुआ के सम्बंध में सौंपा ज्ञापनशासकीय महाराजा महाविद्यालय में कई छात्र पढ़कर उच्च पदों पर कार्यरत हैं। महाविद्यालय के इस संविलियन यहां पढऩे वाले एवं यहां से पढ़कर देश-विदेश में अपनी सेवाएं दे रहे लोग आहत हो रहे हैं। प्रदेश सरकार द्वारा 9 वर्ष पूर्व महाराजा छत्रसाल विश्वविद्यालय की स्थापना की गई थी। लेकिन आज तक इस विश्वविद्यालय को सरकार द्वारा एक रूपए की राशि प्रदान नहीं की गई। विश्वविद्यालय 9 वर्ष बाद भी शासकीय महाराजा महाविद्यालय के भवन में संचालित हो रहा है। विश्वविद्यालय के लिए 418 एकड़ भूमि अधिग्रहीत की गई थी लेकिन आज दिनांक तक इस  भूमि पर विश्वविद्यालय के लिए किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य नहीं किया गया।विश्वविद्यालय के लिए कई बार बजट की मांग करने के बावजूद भी प्रदेश सरकार ने बजट जारी नहीं किया जिससे विश्वविद्यालय किराए के भवन में संचालित हो रहा है। महाराजा महाविद्यालय को यूजीसी द्वारा बी-ग्रेड प्राप्त है इसके बावजूद सरकार द्वारा महाविद्यालय का महाराजा छत्रसाल यूनिवर्सिटी में विलय किया जाना क्षेत्र की जनता एवं छात्र-छात्राओं के साथ धोखा है। इस दौरान महाविद्यलय के पूर्व छात्रसंघ अध्य्क्ष अदित सिंह राहुल , वरिष्ठ पत्रकार पूर्व अध्यक्ष अशोक नायडू, लोकेंद्र वर्मा, अक्षय त्रिवेदी ,चौबे चौधरी, राजवर्धन मिश्रा, आदर्श रावत,नरेश पटेल,सुरेंद्र मिश्र,है प्रियंका अग्रवाल, शिवानी चौरसिया,शवनम खातून,हनीफ खान,अजय सिंह,विशाल शर्मा, दीप्ति पाण्डेय,दिलीप सिंह,दिलीप क्षत्रिय,निशार खान, ब्रजकिशोर पांडेय,कैलाश यादव,मनमोहन कुशवाहा,सहित सैकड़ों की संख्या में लोग उपस्थित रहे। 

एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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