शिवराज कैबिनेट के फैसले: शासकीय महाराजा स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय का संविलियन
भोपाल। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद द्वारा शासकीय महाराजा स्वशासी स्नातकोत्तर अग्रणी महाविद्यालय, छतरपुर का महाराजा छत्रसाल बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, छतरपुर में समस्त संसाधनों सहित संविलियन एवं पूर्व में स्वीकृत 236 पदों (प्रशासकीय 13, शैक्षणिक 140 एवं गैर शैक्षणिक 83) की पुनर्संरचना के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। – राजेश दाहिमा/अनुराग उइके
मंत्रि-परिषद द्वारा अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों तथा अन्य पिछड़े वर्गों के बैकलॉग/ कैरीफारवर्ड पदों तथा निःशक्तजनों के रिक्त पदों की पूर्ति के लिए विशेष भर्ती अभियान की समय-सीमा एक जुलाई, 2021 से 30 जून, 2022 तक एक वर्ष की वृद्धि करने का निर्णय लिया गया।
प्रदेश के 4 राजमार्गों पर एक बार फिर टोल टैक्स लगाने के प्रस्ताव को राज्य कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में सोमवार देर शाम हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रदेश के 4 राजमार्गों पर टोल टैक्स वसूलने के लिए लोक निर्माण विभाग नए सिरे से एजेंसी तय करेगा। न्यायिक सेवा के चयनित उम्मीदवारों से 5 लाख रुपए का बॉन्ड भरवाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है।
मध्यप्रदेश उच्च न्यायिक सेवा (भर्ती तथा सेवा की शर्ते) नियम में संशोधन
मंत्रि-परिषद द्वारा मध्यप्रदेश उच्च न्यायिक सेवा (भर्ती तथा सेवा की शर्ते) नियम, 2017 के नियम-14 के बाद 14 (अ) जोड़ा जाने का निर्णय लिया गया। इसके अतंर्गत अभ्यर्थी से नियमित नियुक्ति के समय इस आशय का रुपये 5 लाख का बंधपत्र निष्पादित कराया जाएगा कि उसे पदभार ग्रहण करने के पश्चात् न्यूनतम 3 वर्ष तक सेवाएँ देना अनिवार्य होगा अन्यथा किसी भी कारण से त्यागपत्र देकर सेवाएँ नहीं देने पर उक्त राशि या 3 महीने के वेतन और भत्ते के बराबर राशि, जो भी अधिक हो, देना होगी। उक्त शर्तों के उल्लंघन के मामले में बांड की पूरी राशि राजसात की जा सकेगी। यदि आवेदक केन्द्र या मध्यप्रदेश राज्य की शासकीय सेवा के लिए पूर्व अनुमति के साथ त्यागपत्र देता है तो बंधपत्र की राशि का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होगी।
सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स के लिए 33 करोड़ रूपये से अधिक की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद द्वारा मानसिक चिकित्सालय, इन्दौर का “सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स” के रूप में उन्नयन किये जाने के लिए नवीन एस.ओ.आर दरों के अनुसार परियोजना के लिए 33.1 करोड़ रूपये की स्वीकृति और संस्था में पूर्व से स्वीकृत 25 पदों को समर्पित करते हुए 13 नवीन पदों के सृजन की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई।
कुटीर एवं ग्रामोद्योग उत्पादों का प्रमोशन
मंत्रि-परिषद द्वारा कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग के उत्पादों का प्रमोशन, ब्राण्ड बिल्डिंग और विपणन अधोसंरचना नवीन योजना का अनुमोदन दिया गया। योजना के परियोजना अभिलेख (DPR) में प्रमुखतः तीन मदों ब्राण्ड प्रमोशन, ई-कॉमर्स प्रचार-प्रसार और विपणन अधोसंरचना विकास में व्यय किया जायेगा। यह नवीन योजना सभी ग्रामोद्योगी उत्पाद, मृगनयनी (हाथकरघा / हस्तशिल्प उत्पाद), कबीरा (खादी उत्पाद), विन्ध्या वैली (ग्रामोद्योग उत्पाद) और प्राकृत (रेशम उत्पादों) के लिये लागू होगी।