अजब गजब

This person is earning lakhs every month from paper plate business, you also meet him – News18 हिंदी


नीरज कुमार/बेगूसराय: बचपन में बच्चों को पॉकेट मनी मिलती है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है इस पॉकेट मनी को बचाकर कोई युवा उद्यमी भी बन सकता है. जी हां. ऐसा ही एक उदाहरण बेगूसराय जिले के रहने वाले दो भाईयों ने पेश किया है. दोनों भाइयों ने मिलकर 6 साल तक अपनी पॉकेट मनी को बचाया और इस पॉकेट मनी को बचाकर पेपर प्लेट निर्माण फैक्ट्री लगा दी. आज इस पेपर प्लेट के व्यवसाय को शुरू कर दोनों भाई जहां एक ओर मिसाल पेश कर रहे हैं. वहीं अपने छोटे से कारखाने में कई लोगों को रोजगार दे रहे हैं. दोनों भाईयों ने बताया कि बचपन से ही बिजनेस मैन बनने का सपना था. वोकल फॉर लोकल प्रोग्राम से ही प्रेरित होकर आत्मनिर्भर बना, इसलिए उन्होंने कागज प्लेट का व्यवसाय शुरू किया.

बेगूसराय जिला मुख्यालय से तकरीबन 32 किलोमीटर चेरिया बरियारपुर प्रखंड अंतर्गत सकरबासा पंचायत के वार्ड नंबर 02 के रहने वाले मनोज कुमार रौशन के पुत्र गौरव जायसवाल और सौरव जयसवाल दोनों भाइयों ने मिलकर पेपर प्लेट निर्माण फैक्ट्री लगाई है. बिजनेस आइडिये को लेकर दोनों भाईयों का कहना है कि वे साथ ही पढ़ाई करते थे. कक्षा 6 की बात है जब शिक्षक इकोनॉमिक्स पढ़ा रहे थे इसी दौरान बिजनेस करने का ख्याल आया. तभी से दोनों भाइयों ने मिलकर अपनी पॉकेट मनी बचाना शुरू कर दी थी. 6 साल के बाद खुद की पॉकेट मनी और पापा के सहयोग से पेपर प्लेट निर्माण फैक्ट्री लगाई. हालांकि, इस फैक्ट्री को स्टार्ट करने के लिए उद्योग विभाग का भी चक्कर लगा लेकिन किसी प्रकार की मदद नहीं मिल पाई. कुल मिलाकर 2.50 लाख की लागत से पेपर प्लेट निर्माण शुरु कर दिया. आज इलाके में बेहतर क्वालिटी होने की वजह से डिमांड भी काफी ज्यादा हो रही है.

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महीने में 90 हज़ार से ज्यादा की आमदनी
गौरव कुमार ने बताया कि पेपर पत्ता, कटोरी और प्लेट का निर्माण काम दो महिलाओं और कई पुरुषों की मदद से कर रहे हैं. मेरा पेपर प्रोजेक्ट बिकने के लिए बेगूसराय, खगड़िया और समस्तीपुर के बाजार में जाता है. वहीं, पेपर प्लेट निर्माण के रॉ मटेरियल यानी पेपर पटना या फिर बंगाल से लाते हैं. एक पेपर प्लेट के निर्माण में 60 पैसा खर्च आता है. जबकि बाजार में एक रुपए के हिसाब से बेचते हैं. पेपर प्रोडक्ट का निर्माण कार्य मुख्य रूप से बाजार के डिमांड पर निर्भर करता है. फिर भी महीने में 25 दिनों तक फैक्ट्री का संचालन करने के बाद 3 से 5 लाख पीस तक पेपर प्लेट, कटोरी आदि निर्माण कर बाजार में उपलब्ध करा 90 हज़ार तक की बचत हो जाती है.

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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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