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लोकनाथपुरम में शासकीय नाले की जमीन पर धड़ल्ले से अवैध निर्माण जारी: जिला प्रशासन तथा नगरीय निकाय बना मूक दर्शक

छतरपुर। लोकनाथ पुरम और मून सिटी के बीच शासकीय नाले की जमीन पर धड़ल्ले से अवैध निर्माण किया जा रहा हैं। आश्चर्य की बात यह है कि यह निर्माण बिना किसी रजिस्ट्री और निर्माण स्वीकृति के कराया जा रहा है और जिला प्रशासन तथा नगरीय निकाय मूक दर्शक बना इस अवैध निर्माण को एक तरह से संरक्षण दिये हुए है।

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मोहल्ले वासियों ने बताया कि भूमाफिया बेखौफ रूप से लोकनाथपुरम में रकबे से ज्यादा जमीन बेंच चुके हैं। कानूनन लोकनाथ पुरम के रकबे 1111/1 की जमीन के क्रय विक्रय पर रोंक लगी हुई है और मामला न्यायालय में विचाराधीन है। बावजूद इसके विवादित जमीन शासकीय भूमि से लगी होने के काऱण कब्ज़ा शासकीय जमीन पर एग्रीमेंट के जरिए भूमाफिया सरेआम जमीन का सौदा करने से बाज नहीं आ रहा है।
अब बताया जा रहा है कि भूमाफिया ने लोकनाथ पुरम से लगे शासकीय नाले के रकबे 1122 का अवैध तरीके से सौदा कर डाला है। इस सरकारी नाले की चौड़ाई चालीस फीट के लगभग है। जिसमें अवैध निर्माण धड़ल्ले से जारी है। इतना ही नहीं दिनदहाड़े मशीनों से बिना किसी स्वीकृति के बेशकीमती पेड़ तक काट डाले गए हैं। नाले के किनारे लगे अनेक पेड़ो को काट डाला गया है। एक बहुत पुराने अर्जुन के वृक्ष का निर्मम कत्ल कर डाला गया है।
सीएम हेल्पलाइन में शिकायत के बाद भी हैरत की बात है कि जिला प्रशासन सुप्त बना हुआ है और मोहल्लेवासियों ने बताया कि सैकड़ों वर्ष पुराने वृक्षों को काटने के लिए नगरपालिका की मशीन आई थी जिनकी जिम्मेदारी बिना परमीसन बिना मंजूरी के निर्माण पर रोक लगाने की है वही उक्त शासकीय जमीन पर नगरपालिका के द्वारा वहां के पेड़ काटे जाना नगरपालिका की मिलीभगत उजागर करती है .

सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार पूर्व में भी इस तरह की कोशिश होती रही हैं जिस कारण से इन जमीनों के क्रय विक्रय पर रोक लगी हुई है लेकिन कुछ रजिस्ट्रियां पूर्व में की जा चुकी हैं जिनके कब्जे ११२२ में दिए गए हैं जहाँ आज मकान बन चुके है उनके नामांतरण में लाखों के बारे न्यारे राजस्व अधिकारी कर रहे है। अब जो रकबा बचा हुआ है वह रोड का या शासकीय नाले में कब्ज़ा देने के कारण बचा है जिसे अब अधिकारीयों की सांठ गाँठ से बेंचा जा रहा है।

इस सम्बन्ध में पटवारी अभिषेक गोस्वामी ने बताया कि में और आर आई साहब मौके पर गए थे जो निर्माण चल रहा है उसका पीछे का हिस्सा नाले से लगा हुआ है नाले में तो वर्षों से मकान बने हुए हैं उनके खिलाफ नोटिस जारी किए जाएंगे और निर्माण कार्य जिस खसरा नंबर में चल रहा है वह निजी हैं लेकिन उक्त खसरा पर शासन द्वारा रोक होने के बावजूद जिसकी ना तो रजिस्ट्री है और ना ही किसी प्रकार की परमीशन है फिर भी कार्य बेधड़क जारी है और एक नक्शा भी उन्होंने भेजा जिसमें साफ़ देखा जा सकता है कि खसरा ११२२ शासकीय नाले का रकबा है और उस नाले में कितने मकान बने दिख रहे हैं उक्त नक्शा ही शासकीय नाले की दुर्दशा बयां कर रहा है।

कुल मिलाकर भूमाफिया सरेआम अवैध निर्माण कर रहे हैं। शासकीय नाले की जमीन को सुनियोजित तरीके से हड़पा जा रहा है। इस मामले की शिकायत सीएम आनलाइन में भी की गई है। अब देखना है कि जिला प्रशासन के कानों में जरा भी जूं रेंगती है अथवा भूमाफिया अवैध निर्माण के जरिए शासकीय नाले की जमीन हड़पने में कामयाब हो जाता है।

एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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