श्री कृष्णा विश्वविद्यालय में कृषि छात्रों द्वारा जैविक कीटनाशक दवाओं का किया गया छिड़काव
छतरपुर। श्री कृष्णा विश्वविद्यालय, छतरपुर के कृषि विज्ञान संकाय द्वारा विश्वविद्यालय परिसर के समस्त पौधों में जैविक कीटनाशक दवाओं का छिड़काव प्राध्यापकों की उपस्थिति में छात्र छात्राओं द्वारा किया गया।
संकाय के कीट विज्ञान विभाग के रवि कुमार, सहायक प्राध्यापक ने जैविक कीट नाशक दवाओं का उपयोग व उसको कैसे तैयार करते है यह छात्रा- छात्राओं को बताया, उन्होंने बताया कि इल्ली व सफेद मक्खी के नुकसान से बचाव के लिए नीम के फल एवं पत्ती, धतूरे की पत्ती, आक की पत्ती व बेसरम की पत्ती एवं आवश्यकतानुसार लाल-मिर्च का पाउडर व सीताफल के पत्ते, कनेर की पत्तियों को बराबर मात्रा में मिलाकर यह बनाया जाता है।
उन्होंने बताया कि इससे फलदार वृक्षों व फूल वाले पौधों में कीटों से नुकसान होने से बचाया जा सकता है एवं इसका प्रयोग 15 ली. स्प्रेयर टंकी में 500 एम.एल. प्रति 15 लीटर के हिसाब से यह मिश्रण तैयार किया जाता है।इस जैविक दवा (कीट नाशक) का छिड़काव, आज दिनांक 23 सितंबर 2021 को विश्वविद्यालय परिसर में लगे सभी पेड़ पौधों में कीटों के नुकसान से बचाव के लिए छिड़काव किया गया।
इस कार्य में विश्वविद्यालय के कुलसचिव विजय सिंह, संकायाध्यक्ष कृषि विज्ञान संकाय डॉ. आकाश सिंह सहित संकाय के सहायक प्राध्यापक शिवराज सिंह, रवि कुमार रजक, शिवम नायक, आकाश खरे, अंशुल प्रताप सिंह एवं रमाकांत तिवारी सहित समस्त छात्र – छात्रायें उपस्थित रहे।