उच्च शिक्षा मंत्री ने महाराजा कॉलेज के विलय को बताया अच्छा कदम, कांग्रेस नेताओं का ज्ञापन नहीं लिया
छतरपुर। जिले में विकास कार्यों का शिलान्यास और लोकार्पण करने पहुंचे प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने बड़ामलहरा में एक संक्षिप्त कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों के सवालों के जवाब दिए। इस दौरान जब उनसे पूछा गया कि छतरपुर के महाराजा कॉलेज का विलय यूनिवर्सिटी में क्यों किया जा रहा है। इस पर उन्होंने कहा कि यह दोनों ही संस्थाओं के विकास के लिए उठाया गया कदम है।
मोहन यादव ने कहा कि किसी भी विश्वविद्यालय के विकास के लिए एक चलायमान महाविद्यालय की आवश्यकता होती है। सरकार ने शहडोल और उज्जैन में भी यही कदम उठाए हैं। महाराजा कॉलेज का विश्वविद्यालय में विलय होने के बाद यहां पहले चार कोर्स के मुकाबले अब 16 नए कोर्स शुरू होंगे। निर्माण कार्यों के लिए भी बजट दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस निर्णय का विरोध उन कांग्रेसियों के द्वारा किया जा रहा है जिन्होंने अपनी डेढ़ साल की सरकार में यूनिवर्सिटी भवन के निर्माण के लिए एक फूटी कौड़ी भी नहीं दी।
मायूस रह गए कांग्रेस नेता
महाराजा कॉलेज के विलय को वापस लिए जाने की मांग को लेकर कांगे्रस जिलाध्यक्ष लखनलाल पटेल और बड़ामलहरा की कांग्रेस नेत्री रामसिया भारती के नेतृत्व में कई कांग्रेस नेता पूर्व नियोजित घोषणा के मुताबिक उच्च शिक्षा मंत्री को ज्ञापन देने के लिए बड़ामलहरा में एकत्रित हुए थे। कांग्रेस नेता प्रशासन से अनुमति लेकर ही यह ज्ञापन देना चाहते थे लेकिन उच्च शिक्षा मंत्री ने कांग्रेस नेताओं का ज्ञापन नहीं लिया और वे उनसे बिना मिले ही निकल गए। कांग्रेस जिलाध्यक्ष लखन पटेल ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा कि जनता इस तानाशाही को जवाब देगी। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में उच्च शिक्षा मंत्री को काले झण्डे दिखाए जाएंगे।