मध्यप्रदेश

Rub cotton with watermelon pulp, if it turns red then understand that it is adulterated | फूड विभाग का निरीक्षण: तरबूज के गूदे से कॉटन रगड़ें, लाल हो तो समझ जाएं मिलावटी – Gwalior News


गर्मी बढ़ने के साथ ही तरबूज की मांग बढ़ गई है। यह गर्मी में पानी की कमी पूरी करता है। बढ़ती मांग को देखते हुए बाजार में काफी मात्रा में नकली तरबूज भी मिल रहे। इन्हें केमिकल के माध्यम से लाल रंग किया जाता है। फूड विभाग की टीम ने रविवार को मोतीझील फल मंड

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दोनों टीम ने तरबूजों की जांच चलित खाद्य प्रयोगशाला में कराई, लेकिन तरबूजों में कृत्रिम रंग नहीं पाया। इसके अलावा केला एवं आम के फलों का पकाने के लिए एफएसएसआई द्वारा निर्धारित ईथाइलीन राइपनर के पाउचों का उपयोग करना पाया गया। वहीं टीम ने लोगों को लोगों को भी सलाह दी है कि वह घर पर भी तरबूज खाने से पहले इसकी जांच अवश्य कर लें। ताकि उनके स्वास्थ्य पर कोई विपरीत प्रभाव न पड़े।

आप ऐसे करें जांच

1. तरबूज को 2 हिस्सों में काट लें। इसके बाद कॉटन की बॉल बनाकर तरबूज के बीच के पार्ट पर लगाकर हल्का दबाएं। कॉटन को तरबूज के अंदर वाले पार्ट पर रगड़ने पर अगर कॉटन पर हल्का लाल रंग नजर आए तो समझ जाए इसे लाल करने के लिए केमिकल यूज हुआ है। 2. तरबूज को 2 दिन के लिए रखने पर वह खराब हो जाए, झाग-पानी निकले तो इसमें इंंजेक्शन लगा है।


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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