महाराजा कॉलेज के अस्तित्व को खत्म किए जाने के तानाशाहीपूर्ण निर्णय के विरूद्ध कांग्रेस के तीन विधायकों की पत्रकारवार्ता आज
छतरपुर। मप्र सरकार द्वारा छतरपुर के 130 वर्ष पुराने ऐतिहासिक महाराजा महाविद्यालय का विलय महाराजा छत्रसाल बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय में किए जाने के निर्णय के विरूद्ध छतरपुर का समाज आंदोलन की राह पर निकलेगा। महाराजा कॉलेज के अस्तित्व को खत्म किए जाने के इस तानाशाहीपूर्ण निर्णय के विरूद्ध महाराजा कॉलेज बचाव संघर्ष समिति क्रमबद्ध आंदोलन चलाएगी। इस संबंध में संघर्ष समिति आज पत्रकारों के समक्ष अपने विचार रखेगी। संघर्ष समिति की ओर से कांग्रेस नेता अदित सिंह ने बताया कि महाराजा कॉलेज छतरपुर जिले के लाखों लोगों के लिए मान-सम्मान और स्वाभिमान का प्रतीक है। इस कॉलेज की समस्त संपत्तियों को सरकार ने विश्वविद्यालय के अधीन कर इसके नाम को मिटाने के आदेश जारी कर दिए हैं। यह दोषपूर्ण निर्णय छतरपुर जिले की भावनाओं को आहत कर रहा है। इस निर्णय के विरूद्ध छतरपुर के समस्त विद्यार्थी, पूर्व छात्र, बुद्धिजीवी, विभिन्न राजैनतिक दलों में काम करने वाले ऐसे लोग जो महाराजा कॉलेज के अस्तित्व को बचाना चाहते हैं एकजुट होकर इसका विरोध करेंगे। आज दोपहर 12 बजे सागर रोड स्थित एक होटल में पत्रकारवार्ता आयोजित की गई है जिसमें इस मुद्दे पर पत्रकारों से सुझाव लिए जाएंगे और आंदोलन की रूपरेखा बताई जाएगी। इस पत्रकारवार्ता में कांग्रेस विधायक आलोक चतुर्वेदी, विधायक नातीराजा एवं विधायक नीरज दीक्षित मौजूद रहेंगे।