सहारा इंडिया के भोपाल स्थित मुख्यालय पर EOW का छापा, मौके से कई दस्तावेज जब्त..
जबलपुर। सहारा इंडिया की जबलपुर के गोरखपुर, रांझी सहित कटनी जिले की शाखा में निवेशकों की जमा पूंजी समयाविध पूरी होने के बाद भी न लौटने के मामले में आज EOW ने सहारा इंडिया के भोपाल स्थित ऑफिस में छापा मारा. निवेशकों द्वारा मामले की शिकायत पूर्व में ईओडब्ल्यू की जबलपुर ईकाई में की गई थी। जहां से कई दस्तावेज भी EOW ने जब्त किए हैं. यह कार्रवाई जबलपुर ईओडब्ल्यू की टीम ने की है.
निवेशकों की शिकायत पर ईओडब्ल्यू ने जांच करते हुए सहारा इंडिया प्रमुख सुब्रतो राय सहित अन्य सात अधिकारियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया था। मामले की विस्तृत जांच करते हुए 27 सितंबर को ईओडब्ल्यू डीएसपी मनजीत सिंह, डीएसपी एसएस धामी, निरीक्षक शशिकला एवं उपनिरीक्षक विशाखा तिवारी की टीम सहारा के भोपाल एमपी नगर स्थित हैड क्वाटर पहुंची है। टीम ने जबलपुर-कटनी सहित अन्य संबंधित जिलों के निवेशकों के संपूर्ण दस्तावेज कंपनी के अधिकारियों से तलब किए हैं।
गौरतलब है कि इसके पहले EOW ने जबलपुर व कटनी स्थित सहारा इंडिया के कार्यालयों में दबिश देकर दस्तावेज जब्त किए थे. ईओडब्ल्यू एसपी देवेंद्र प्रताप सिंह राजपूत ने बताया कि निवेशकों की शिकायत पर जांच चल रही है.फिलहाल सभी दस्तावेज जुटाते हुए उनकी जांच की जा रही है.
सुब्रत राय को बनाया गया आरोपी
अधिकारियों के मुताबिक जबलपुर में पहली बार सहारा प्रमुख सुब्रत राय के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। जबलपुर सहित अन्य जिलों में निवेशकों द्वारा करोड़ों रुपए जमा किए गए थे कि मैच्योरिटी टाइम पूरी होने पर ब्याज सहित रुपए मिलेंगे। अन्य निवेशकों की शिकायत को भी जांच में शामिल किया गया है।
3 FIR दर्ज
जबलपुर में 3 सितंबर को तीन एफआईआर गोरखपुर, रांझी और कटनी सहारा ब्रांच के मामले में दर्ज की गई थीं। इसमें सहारा ग्रुप के डायरेक्टर सुब्रत राय सहित अन्य को आरोपी बनाया गया है। 38 निवेशकों के 38 लाख रुपए की जांच मौजूदा समय में 25 हजार निवेशकों के 250 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। बताया गया है कि सहारा इंडिया कंपनी की गोरखपुर शाखा में कुल 12 निवेशकों ने 19.68 लाख रुपए जमा किए थे। सहारा इंडिया की शाखा रांझी में कुल 16 निवेशकों ने 16.42 लाख रुपए जमा किए थे। इन निवेशकों को भी अब बैंक की ओर से पैसे नहीं दिए जा रहे हैं। सहारा इंडिया की कटनी शाखा में कुल 4 निवेशकों ने 2.24 लाख रुपए जमा किए थे। इन निवेशकों को भी परिपक्वता अवधि समाप्त होने के बावजूद पैसे नहीं दिए जा रहे थे। यहां सुब्रत रॉय सहित कई नामजद व अन्य को आरोपी बनाया गया है।