मध्यप्रदेश

Electricity generation stopped the work of Narmada flyover | एमपी का दूसरा सबसे बड़ा ब्रिज बनाने में बिजली बाधक: ओंकारेश्वर डैम के पानी में डूबे मोरटक्का पुल के 6 पिलर; जून में पूरा होना था – Khandwa News

खंडवा के मोरटक्का गांव में नर्मदा नदी पर बन रहे प्रदेश के दूसरे सबसे लंबे नेशनल हाईवे ब्रिज के निर्माण में बाधा आ गई है। इसकी वजह बना ओंकारेश्वर डैम से बिजली बनाने के बाद छोड़ा गया पानी। इस पानी में तीन पिलर डूब गए हैं, जबकि तीन अधूरे पड़े हैं। ऐसे में

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एनएचएआई इंदौर के अफसरों ने शासन स्तर पर पानी रोकने के लिए आग्रह भी किया, लेकिन जवाब मिला कि ये पानी ओंकारेश्वर डैम की बजाय पावर स्टेशन से छोड़ा जा रहा है। बिजली बनेगी, तो टरबाइन का पानी आएगा ही। बिजली उत्पादन का काम नहीं रोक सकते। ओंकारेश्वर बांध परियोजना के प्रमुख डीके द्विवेदी के मुताबिक पावर स्टेशन से 3 यूनिट से बिजली उत्पादन होता है। एक यूनिट से प्रति सेकेंड 223 क्यूबिक मीटर पानी छोड़ा जाता है।

बता दें, इस ब्रिज का निर्माण भारतमाला परियोजना फेज-1 प्रोजेक्ट के तहत किया जा रहा है। दैनिक भास्कर की टीम ने मौके पर जाकर देखा।

वर्तमान में ये है स्थिति

ब्रिज बनाने वाली मंगलम कंस्ट्रक्शन कंपनी ने नर्मदा के बहाव क्षेत्र में आने वाले 6 पिलर का काम छोड़ दिया है। पानी के बहाव के कारण यहां मशीन से काम नहीं किया जा सकता। ऐसे में बाकी खड़े पिलर पर स्लैब डालने का काम किया जा रहा है। जिन पिलर पर स्लैब डाल दिया है, वहां रेलिंग लगाई जा रही है।

नर्मदा नदी पर बन रहे ब्रिज के निर्माण में ये पिलर पानी में डूब गए हैं।

ओंकारेश्वर डैम से छोड़ा जा रहा पानी

दरअसल, ये पानी ओंकारेश्वर डैम से छोड़ा जा रहा है। इस पानी को रोका इसलिए नहीं जा सकता कि क्योंकि ओंकारेश्वर डैम के पानी से बिजली बनती है। पावर स्टेशन पर बिजली बनाने के लिए टरबाइन चलते हैं। उसी टरबाइन के पानी को नदी में छोड़ा जाता है। यही पानी ब्रिज निर्माण में मुसीबत बन गया है।

जून 2024 में निर्माण पूरा करने का दावा फेल

सवा किलोमीटर लंबा फ्लाईओवर इंदौर-ऐदलाबाद नेशनल हाईवे पर बन रहा है। ब्रिज का निर्माण 2021 में शुरू किया गया था। इसका काम गुजरात की कंपनी कर रही है। एनएचएआई ने दावा किया था कि ब्रिज को जून 2024 तक पूरा कर देंगे, लेकिन वर्तमान स्थिति को देखते हुए दावा फेल होता दिख रहा है। पानी का बहाव इतना तेज है कि कंस्ट्रक्शन कंपनी की सांसें फूल रही हैं।

पुराना पुल क्षतिग्रस्त, नए को बारिश से पहले बनाना था

इस सड़क मार्ग पर मोरटक्का में नर्मदा नदी पर करीब 60 साल पुराना ब्रिज है। यह पुल हर साल नर्मदा में बाढ़ आने पर डूब जाता है। ऊपर से भारी ट्रैफिक होने के कारण यह कमजोर हो चुका है।

बीते साल बारिश में तो पुल क्षतिग्रस्त हो गया था। इंदौर के एसजीएसआईटी कॉलेज ने पुल की जांच की थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि पुल पर 20 टन से ज्यादा वजनी वाहनों के प्रवेश को रोका जाना चाहिए, लेकिन पुलिस और प्रशासन की मिलीभगत से यहां रोजाना भारी वाहनों को पुल से एंट्री दी जा रही।

MP का दूसरा सबसे लंबा नेशनल हाईवे ब्रिज होगा

मोरटक्का में नर्मदा नदी पर बनने वाला यह ब्रिज प्रदेश का दूसरा सबसे लंबा नेशनल हाईवे ब्रिज होगा। इस हाई लेवल ब्रिज की लंबाई 1275 मीटर यानी करीब सवा किलोमीटर है। ब्रिज की कुल लागत 146 करोड़ रुपए है। कुल 60 पिलर पर 60 स्पॉन से तैयार होना है। ब्रिज के पिलर की नदी में 28-29 मीटर और किनारों पर 12 से 15 मीटर जमीन से ऊंचाई रहेगी। ब्रिज के अप और डाउन ट्रैक पर सड़क की चौड़ाई 16-16 यानी कुल 32 मीटर रहेगी।

किनारों पर जमीन से ऊंचाई- 12 से 15 मीटर

ब्रिज निर्माण करने वाली मंगलम कंपनी के ठेकेदार विपिन पटेल बताते हैं कि पानी की वजह से दिक्कत आ रही है। रिवर में टरबाइन का पानी काफी तेज गति से आ रहा है। पानी का बहाव ऐसा है कि हैवी मशीन भी बह जाएगी। एनएचएआई ने अपने स्तर से शासन स्तर पर बात की है।

भविष्य: देश के दो हिस्सों उत्तर से दक्षिण के खुलेंगे द्वार

इंदौर से ऐदलाबाद (महाराष्ट्र) तक बन रहा नेशनल हाईवे देश के दो हिस्सों को जोड़ रहा है। हाईवे बनने के बाद उत्तर से दक्षिण की सीधी कनेक्टिविटी हो जाएगी। इंदौर से हैदराबाद सीधे जुड़ेगा। व्यापार और उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। उज्जैन महाकाल मंदिर और खंडवा ओंकारेश्वर मंदिर में पर्यटकों की संख्या बढ़ जाएगी। 2028 के उज्जैन सिंहस्थ से पहले यह हाईवे बनकर तैयार हो जाएगा। दो से ढाई घंटे में इंदौर से खंडवा पहुंच सकेंगे। वाहन दुर्घटनाएं भी कम होंगी। प्रतिदिन 20‌ हजार से ज्यादा वाहन चालकों को राहत।

215 किलोमीटर हाईवे की लागत 5427 करोड़

यह नेशनल हाईवे अलग-अलग 6 पैकेज में बन रहा है। कुल 215 किलोमीटर लंबे हाईवे की लागत 5427 करोड़ रुपए है। इसके निर्माण की शुरुआत इंदौर से खंडवा के बीच 4 पैकेज में हो चुकी है। दो पैकेज का काम 100 फीसदी हो गया है। बाकी बुरहानपुर से मुक्ताईनगर (ऐदलाबाद) तक काम अब जाकर शुरू हुआ है।

ब्रिज का निर्माण नर्मदा नदी पर किया जा रहा है। प्रोजेक्ट का नाम भारतमाला परियोजना फेज-1 प्रोजेक्ट है।

ब्रिज का निर्माण नर्मदा नदी पर किया जा रहा है। प्रोजेक्ट का नाम भारतमाला परियोजना फेज-1 प्रोजेक्ट है।

प्रोजेक्ट डायरेक्टर बोले- प्रयास कर रहे हैं

नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडियो के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुमेश बांझल का कहना है कि जून तक ब्रिज बनाने का प्रयास था। दावा कोई न करता है और न कोई कर सकता है, सिर्फ प्रयास कर सकता है। व्यवस्थाएं तो पूरी होनी चाहिए। एक चीज से काम थोड़े ही होता है। एक किलोमीटर लंबा और 30 मीटर ऊंचा ब्रिज बनाना है, वो भी बहती नदी पर। वो कोई छोटी-मोटी नदी नहीं है। नर्मदा नदी पर पुल बन रहा है। हम शांत थोड़े न बैठे हैं, प्रयास कर रहे हैं।

निर्माण बाकी: शाहपुर से मुक्ताई नगर महाराष्ट्र (30.2 किमी)

यह वह हिस्सा है, जहां काम ही शुरू नहीं हो सका है। यह बुरहानपुर से महाराष्ट्र तरफ का ए​रिया है, जहां घना जंगल आ रहा है। यहां सड़क के लिए पेड़ों की कटाई प्रस्तावित है। अनापत्ति वन विभाग और पर्यावरण मंत्रालय से जुड़ी है, जिसका इंतजार है।

यह प्रोजेक्ट भारतमाला परियोजना का फेज-1

इस प्रोजेक्ट का नाम भारतमाला परियोजना फेज-1 प्रोजेक्ट है। यह केंद्र सरकार का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। भारतमाला परियोजना के फेज-1 में 35 हजार किलोमीटर का नेशनल हाईवे बनाने का लक्ष्‍य सरकार ने रखा है। परियोजना के 34,800 किलोमीटर के प्रोजेक्‍ट में से सबसे ज्‍यादा हिस्‍सा मध्‍य प्रदेश का है। यहां अभी तक 3,176 किलोमीटर सड़क बन रही है। इसमें इंदौर-ऐदलाबाद नेशनल हाईवे भी शामिल है। बीते 9 साल से इसके निर्माण की कोशिश चल रही थी।


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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