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‘छुट्टियों में भी आधी रात…’, जजों के कामकाज पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा? तुषार मेहता और सिब्बल भी हुए सहमत


नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अपनी छुट्टियों और जजों के काम के घंटों के बारे में हालिया आलोचनाओं पर कड़ी आपत्ति जताई. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम छुट्टियों के दौरान भी आधी रात को काम में लग जाते हैं. जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की अवकाश पीठ ने अर्थशास्त्री संजीव सान्याल की हालिया टिप्पणी पर अपना गुस्सा जाहिर किया. जिन्होंने कथित तौर पर कहा था कि भारत में जज केवल कुछ घंटों के लिए काम करते हैं और लंबी छुट्टियों पर चले जाते हैं.

पीठ ने कहा कि ‘बहुत दुर्भाग्य से जजों द्वारा की जा रही कोशिशों के बावजूद यह कहा जाता है कि जज बहुत कम घंटे काम करते हैं. जो लोग ये सब कहते हैं वो शासन का हिस्सा हैं. संघ (सरकार) आदि द्वारा दायर एक भी मामला सीमा के भीतर दायर नहीं किया गया है. हर मामले में विलंब क्षमा प्रार्थना पत्र होता है. जूडिशियरी की निंदा करने वाले सभी लोगों को इस पर ध्यान देना चाहिए.’ जस्टिस दत्ता ने कहा कि ‘हम छुट्टियों के दौरान भी आधी रात को काम करते हैं.’

केंद्र सरकार के दूसरे वरिष्ठ कानून अधिकारी, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता उस समय अदालत में मौजूद थे. वह भी बेंच की टिप्पणी से सहमत हुए. मेहता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट सबसे लंबे और सबसे कठिन कामकाजी घंटों वाला शीर्ष संस्थान है. वरिष्ठ वकील और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कपिल सिब्बल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट सबसे अधिक काम करने वाली अदालतों में से एक है.

सुप्रीम कोर्ट में यह छोटी बातचीत तब हुई जब बेंच ने जेल में बंद झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मनी-लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट की एक अन्य पीठ ने हाल ही में टिप्पणी की थी कि जो लोग अदालत की छुट्टियों की आलोचना करते हैं उन्हें यह एहसास नहीं है कि न्यायाधीशों को सप्ताहांत का आनंद भी नहीं मिलता है. सुप्रीम कोर्ट ने राय दी थी कि छुट्टियां लंबे फैसलों का मसौदा तैयार करने के लिए जरूरी समय देती हैं.

FIRST PUBLISHED : May 22, 2024, 19:33 IST



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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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