Himachal’s apples will be grown on the land of Pachmarhi too | पचमढ़ी की धरती पर भी पैदा होंगे हिमाचल के सेब: जिले में पहली बार सेब की बागवानी, 500 पौधे लगाए – narmadapuram (hoshangabad) News

कश्मीर, हिमाचल प्रदेश के ठंडे क्षेत्रों की पैदावार सेब यानी एप्पल अब सतपुड़ा की रानी पचमढ़ी में भी पैदा होंगे। यहां 3 साल बाद पचमढ़ी में ही स्थानीय लोगों और पर्यटकों को पचमढ़ी में ही ताजे पेड़ से टूटे सेब खाने को मिलेंगे। नर्मदापुरम जिले के पचमढ़ी मे
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उद्यानिकी विभाग द्वारा पचमढ़ी के पोलो उद्यान में सेब की पैदावार का ट्रायल किया है। जो संभवत सफल हो रहा। विभाग ने उद्यान के 2एकड़ में सेब के 500 पौधे लगाए हैं। सभी पौधे जीवित हैं। अधिकारियों की माने तो 3 साल में ये पौधे फल भी देने लगेंगे। विभाग ने यहां हरिमन99, अन्ना इसराइल, डोरसेट गोल्डन प्रजाति के पौधे लगाएं हैं।
उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पहले सेब की प्रजाति सिर्फ ठंडे प्रदेशों में होती थी। हालांकि अब वैज्ञानिकों ने ऐसी प्रजाति भी विकसित की हैं जो सामान्य या कम ठंडी जलवायु वाले क्षेत्रों में भी पैदावार देंगी। विभाग ने तीन प्रजातियों के 500 पौधे ट्रायल के लिए लगाए थे। उनका डाटाबेस तैयार किया जा रहा है। वहीं इस ट्रायल के काफी बेहतर परिणाम भी मिल रहे हैं।

ट्रायल सफल तो किसानों को भी मिलेंगे पौधे
सहायक संचालक आरएस शर्मा ने बताया सेब के पौधे लगाने का उदेश्य ये है कि पचमढ़ी में सफ़लता पूर्वक सेब की पैदावार होती है तो पौधा रोपण तैयार कर किसानों को भी आसानी उपलब्ध करा सकेंगे। जिससे सेब का उत्पादन क्षेत्र बढ़ा सकेंगे।
नाशपाती का पुराना बगीचा, इसलिए सेब की प्लानिंग
पचमढ़ी के पोलो उद्यान में नाशपाती का भी पुराना बगीचा है। 25 साल से बगीचे में नाशपाती पैदा हो रहे हैं। नाशपाती भी ठंडे क्षेत्र हिमाचल, कश्मीर में होती है। मप्र पचमढ़ी और अमरकंटक में इसकी पैदावार सफल रहीं। इसी को देखते हुए सेब के पौधे लगाएं है।
आडू, आलू बुखारा और खुमानी पौधे भी लगाएं
सेब के साथ विभाग ने तीन अन्य फलों की पैदावार की तैयारी शुरू कर दी है। विभाग ने आधा-आधा एकड़ में आडू, आलू बुखारा और खुमानी के पौधे लगाए हैं। इससे अन्य तीन प्रजातियों के फलों की पैदावार के लिए भी मौसम की जरूरत होती है। यही कारण है कि विभाग ने अब आडू, आलू बुखारा और खुमानी की पैदावार का भी ट्रायल शुरू कर दिया है।
3 साल में उत्पादन होने की संभावना

उद्यानिकी विभाग पचमढ़ी के सहायक संचालक आरएस शर्मा ने बताया एप्पल की खेती मुख्य रूप से जम्मू कश्मीर हिमाचल प्रदेश में की जाती है। कुछ किस्में नई तैयार की है। जिनका कम ठंड के तापमान के क्षेत्र भी उत्पादन हो सकता है। हिमाचल प्रदेश 3 प्रजाति के 500 पौधे लाकर यहां 2 एकड़ में लगाएं है। ट्रायल के सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं।
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