जनसुनवाई में शिक्षिका का हंगामा: जिला शिक्षा अधिकारी पर लगाए गंभीर आरोप, महिला पुलिसकर्मियों ने जनसुनवाई केंद्र से निकाला बाहर

छतरपुर। मंगलवार को जिला मुख्यालय पर आयोजित जनसुनवाई के दौरान एक महिला शिक्षक अपना स्थानांतरण रुकवाने के लिए कलेक्टर के पास आवेदन लेकर पहुंची और जनसुनवाई वाले कमरे में उसने हंगामा शुरू कर दिया। महिला ने जिला शिक्षा अधिकारी पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। कुछ देर हंगामे को शांत करने के प्रयास किया गया और फिर बाद में महिला शिक्षिका को दो महिला पुलिसकर्मियों ने जनसुनवाई केंद्र से बाहर निकाला। शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल बसारी में सहायक शिक्षक के पद पर पदस्थ महिला शिक्षक हरबाई अहिरवार ने बताया कि वह पिछले 30 वर्षों से शासकीय सेवा दे रही है उसके बावजूद जिला शिक्षा अधिकारी ने उसकी 24 या 30 वर्ष की क्रमोन्नति नहीं लगाई। इसके अलावा हरबाई का 5 वर्ष का एरियर्स भी निकलना है।
शिक्षका हरबाई ने जिला शिक्षा अधिकारी संतोष शर्मा पर आरोप लगाए हैं कि वे वर्ष 2014 से उसके साथ अन्याय करते चले आ रहे हैं और इसी बीच कई बार लेन-देन भी हुआ है। इस संबंध में उसने कई बार सीएम हेल्पलाइन में भी शिकायत की। इन्हीं शिकायतों से नाराज होकर जिला शिक्षा अधिकारी ने उसका स्थानांतरण बड़ामलहरा ब्लॉक के जंगल क्षेत्र में स्थित विश्वां स्कूल में कर दिया है। ज्ञापन के माध्यम से हरबाई ने कहा है कि वह छतरपुर में निवास करती है और ब्लड प्रेशर की मरीज है। उसका इकलौता पुत्र भी डिप्रेशन का मरीज है इसलिए उसे ही अपने पुत्र की भी देखरेख करनी होती है। ऐसी स्थिति में वह प्रतिदिन विश्वां आ-जा नहीं सकती और अपने परिवार को छोड़कर वहां रह भी नहीं सकती। उसकी परेशानी को ध्यान में रखकर शिक्षिका ने कलेक्टर से स्थानांतरण रोकने की गुहार लगाई है।
इस संबंध में कलेक्टर छतरपुर शीलेन्द्र सिंह का कहना है कि शासकीय कर्मचारी का इस तरह का व्यवहार करना सिविल सेवा आचरण के विरुद्ध है। वास्तविकता यह है कि छतरपुर जिले में शिक्षकों के किए गए तबादलों को लेकर जिले की अधिकांश महिलाएं स्थानांतरण रुकवाने के लिए लगातार जनप्रतिनिधि एवं जिला प्रशासन के यहां भटक रही हैं परंतु जिले में किए गए स्थानांतरण को लेकर कई बार गंभीर आरोप भी लगाए गए हैं। कुल मिलाकर अफरा तफरी का माहौल बना हुआ है।