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पंचायत ने शहरी सीमा में बनाया स्वागत द्वार नपा ने बुल्डोजर चलाकर तोड़ा, सरपंच-सचिव निर्माण से मुकरे

छतरपुर। नौगांव शहर में शासकीय संस्थाओं के बीच आपसी समन्वय के टूटने और भ्रष्टाचार के लिए किसी भी तरह के मनमौजी विकास का मामला सामने आया है। यहां शहर से सटी ग्राम पंचायत धरमपुरा के सरपंच-सचिव ने नगरीय सीमा क्षेत्र में एक स्वागत द्वार बनाया था जिसे नगर पालिका और प्रशासनिक टीम ने बुल्डोजर चलाकर तुड़वा दिया। नगर पालिका का दावा है कि यह शहरी क्षेत्र पर कब्जा था जिसे हटा दिया गया है। उधर कार्यवाही के बाद पंचायत के पदाधिकारी इस बात से इनकार कर रहे हैं कि ये द्वार उन्होंने बनवाया था। अब सवाल ये उठता है कि अपने पैसे खर्च कर इतना बड़ा स्वागत द्वार कौन बनवाएगा? और जिस द्वार को तोड़ा जा चुका है उसमें खर्च हुई शासकीय राशि कौन भुगतेगा?


ये है मामला
उल्लेखनीय है कि विगत दिनों नौगांव जनपद के द्वारा एक अनूठे और अजीब कारनामे को अंजाम दिया गया था। जनपद के अधिकारियों द्वारा ग्राम पंचायत धरमपुरा को एजेंसी बनाकर शहर में मौजूद जनपद कार्यालय के बाहर 9 व्यवसायिक दुकानों का निर्माण कराया जा रहा था। चूंकि जनपद कार्यालय के द्वारा  शहरी क्षेत्र में किसी भी तरह का निर्माण कार्य नहीं किया जा सकता इसलिए एसडीएम ने भाजपा नेताओं की शिकायत पर इन दुकानों के निर्माण के विरूद्ध स्थगन आदेश दिया था। सरपंच ने एसडीएम आदेश के विरूद्ध एडीएम के यहां निगरानी याचिका लगाई जिसे एडीएम ने भी निरस्त कर दिया था। इस मामले में जनपद की ओर से पैरवी करते हुए विधायक नीरज दीक्षित ने विधानसभा में ध्यानाकर्षण लगाते हुए निर्माण कार्य रोके जाने का कारण पूछा था। यह टकराव अभी जारी ही था कि धरमपुरा पंचायत के द्वारा अब शहरी क्षेत्र में स्वागत द्वार बनाया जाने लगा। सूत्र बताते हैं कि स्वागत द्वार भी विधायक निधि से बनाया जा रहा था लेकिन इसे शहरी क्षेत्र में बनाया जा रहा था इसलिए नौगांव नगर पालिका ने एक अक्टूबर को धरमपुरा पंचायत के सरपंच व सचिव को चेतावनी भरा नोटिस जारी किया था। जब नोटिस के बाद भी यह द्वार नहीं हटाया गया तो विगत रोज एसडीएम विनय द्विवेदी, नगर पालिका सीएमओ निरंकार पाठक सहित तहसीलदार और राजस्व अमले ने बुल्डोजर चलाकर इन गेटों को हटा दिया।


बुल्डोजर चलाया लेकिन निर्माणकर्ताओं पर कार्यवाही क्यों नहीं?
इस टकराव में दो पक्ष नजर आ रहे हैं। एक पक्ष भाजपा नेताओं का है जबकि दूसरा कांग्रेस नेताओं से जुड़ा है। भाजपा नेता दुकानों पर रोक लगवाने के बाद इस गेट के अवैध निर्माण के खिलाफ थे जबकि कांग्रेस नेता पहले दुकान बनवा रहे थे जब उस पर रोक लगी तो उन्होंने गेट का निर्माण शुरू करा दिया। प्रशासन ने गेट को तुड़वा तो दिया लेकिन शासन की राशि से बने इस गेट को बनाने वालों पर कार्यवाही नहीं हुई। इतना ही नहीं गेट पर खर्च हुई राशि कौन वहन  करेगा यह भी सामने नहीं आया।


इनका कहना-
गेट के अवैध निर्माण के संबंध में जानकारी प्राप्त हुई थी। पहले नोटिस जारी कर पंचायत से पूछा गया था। उन्होंने जवाब में कहा कि यह तोरण द्वार उनके द्वारा नहीं बनवाया जा रहा इसलिए उसे तोड़ दिया। यह द्वार किसने बनवाया था यह पता नहीं चल रहा है। पता चलेगा तो कार्यवाही करेंगे।
निरंकार पाठक, सीएमओ, नपा नौगांव

एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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