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कमाल का अस्पताल: डॉक्टर की मां को ही नहीं मिला स्ट्रेचर, व्हीलचेयर और न ही वार्डबॉय, पैदल ही अपनी मां को लेकर घूमते डॉ. लखन तिवारी..

छतरपुर जिला अस्पताल में पदस्थ डॉ. लखन तिवारी (चाइल्ड स्पेशलिस्ट) जो कि पूर्व में जिला अस्पताल के सिविल सर्जन भी रहे हैं। गुरुवार को यहां उन्हीं की मां को ही व्हीलचेयर और स्ट्रेचर नहीं मिला। वह अपनी मां के लिए स्वयं परेशान होते रहे।

क्षुब्ध होकर डॉ. लखन तिवारी की मानें यो यह जिला अस्पताल का दुर्भाग्य है कि मैं इस अस्पताल में सीनियर डॉक्टर हूं और सिविल सर्जन भी रहा हूं। गुरुवार को जब मुझे अपनी मां के इलाज के लिए एंबुलेंस की आवश्यकता थी, तो मेरे कॉल करने पर भी वह नहीं मिली।

डॉ.लखन तिवारी ने बताया कि परेशान होकर मैं पर्शनल वाहन से मां को लेकर जिला अस्पताल लेकर पहुंचा यो यहां मुझे न तो स्ट्रेचर मिला, न व्हीलचेयर मिली और न ही वार्डबॉय मिला। मैं खुद अपनी को पैदल लेकर घूम रहा।

मामला चाहे जो भी हो, पर इतना तो तय है कि वर्तमान में जिला अस्पताल में पदस्थ सीनियर डॉक्टर और पूर्व में सिविल सर्जन रहे डॉक्टर लखन तिवारी को आवश्यकता पड़ने पर व्हीलचेयर, स्ट्रेचर, और वार्डबॉय मुहैया नहीं हो सके तो आम लोगों की बिसात ही क्या, आखिर उनका क्या होता होगा? वहीं मामले से आप खुद ही समझ गए होंगे कि जिम्मेदार किस तरह से अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह कर रहे हैं।

एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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