फिर हटेगा बाजार का अतिक्रमण कलेक्टर ने ली यातायात समिति की बैठक, हुए कई निर्णय

छतरपुर। शहर के व्यवसायिक इलाकों में दुकानदारों के द्वारा अपनी दुकानों के बाहर सामान रखकर या फिर अस्थायी पट्टियां बनाकर किए गए अतिक्रमण को 27 दिसम्बर के बाद सख्ती के साथ हटाया जाएगा। नगर पालिका और यातायात पुलिस संयुक्त रूप से 26 दिसम्बर तक बाजार में दुकानदारों से अपने अतिक्रमण को हटाने की अपील करेगी। इसके बाद अतिक्रमण को हटाने की मुहिम सख्ती के साथ चलाई जाएगी। यह बात कलेक्टर संदीप जी आर ने बुधवार को कलेक्टर कार्यालय में आयोजित यातायात समिति की बैठक के दौरान कही।
बैठक में पुलिस अधीक्षक सचिन शर्मा ने जिले के 7 बड़े ब्लेक स्पॉट की जानकारी दी। इन चिन्हित स्थानों पर सर्वाधिक हादसे घटित हो रहे हैं। उन्होंने एनएच, नगर निकाय और पुलिस के संयुक्त अभियान से इन स्थानों पर हादसों को नियंत्रित करने के लिए पहल करने की बात कही। इस मौके पर यातायात प्रभारी माधवी अग्रिहोत्री ने कहा कि पिछले दिनों उन्होंने शहर के चौक बाजार, महलों के आसपास दुकानदारों के अतिक्रमण को नियंत्रित करने के लिए रेड लाइन डाली थी लेकिन लाइन डालने की मशीन नहीं होने के कारण यह काम अधूरा छूट गया। उनके सुझाव पर कलेक्टर ने एनएचएआई को मशीन उपलब्ध कराने के लिए निर्देशित किया।
बैठक के दौरान व्यापारियों और गणमान्य नागरिकों ने सुझाव दिए कि शहर में वाहनों की बढ़ती संख्या के बावजूद निर्धारित पार्किंग स्थल नहीं है जिसके कारण जाम की स्थिति निर्मित होती है। इस सुझाव पर कलेक्टर संदीप जी आर ने कहा कि पुराने डीईओ कार्यालय सहित ऐसे सरकारी स्थल चिन्हित किए जा रहे हैं जहां पार्किंग स्थल बनाए जा सकते हैं। जल्द ही इस दिशा में काम होगा। पुलिस अधीक्षक सचिन शर्मा ने सुझाव दिया कि चौक बाजार पर अलंकार ज्वैलर्स के सामने मिनी पार्किंग स्पॉट बनाया जाए। इसी तरह बस स्टेण्ड नंबर एक पर पन्ना एवं सागर से आने वाली बसें खड़ी हों जबकि नंबर 2 पर महोबा और झांसी से आने वाली बसें खड़ी कराई जाएं जिससे व्यवस्थाएं न बिगड़ें। इस मौके पर नगर पालिका सीएमओ ओमपाल सिंह भदौरिया ने कहा कि शहर को व्यवस्थित करने के लिए वे यातायात पुलिस के साथ संयुक्त रूप से काम करेंगे। कलेक्टर ने शहर में हेलमेट चैकिंग एवं मास्क चैङ्क्षकग को शुरू करने के निर्देश दिए साथ ही शहर के चारों तरफ स्पीड नियंत्रण के बोर्ड लगाने के निर्देश भी दिए। उल्लेखनीय है कि यातायात समिति की यह बैठक हर तीन महीने में आयोजित की जाती है। ज्यादातर बैठकों में इसी तरह के निर्णय लिए जाते हैं लेकिन इन निर्णयों का जमीन पर कोई खास असर दिखाई नहीं देता।