एसपी अगम जैन ने बच्चों को पढ़ाया सड़क सुरक्षा का पाठ: साइबर सुरक्षा पर किया जागरूक; सुरक्षित इंटरनेट उपयोग के टिप्स किए साझा…
छतरपुर। यातायात जागरूकता एवं दुर्घटनाओं के रोकथाम पर व्याख्यान माला का आयोजन विश्वविद्यालय के सभागार में किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पुलिस अधीक्षक, छतरपुर आदरणीय श्री अगम जैन जी एवं विशिष्ट अतिथि जिला यातायात प्रभारी आदरणीय बृहस्पति साकेत जी रहे कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलसचिव विजय सिह ने की व्याख्यान माला का प्रारम्भ मंचसीन अतिथियों ने माँ सरस्वती देवी की प्रतिमा के समुख दीप प्रज्ज्वलन कर किया। विश्वविद्यालय के कुलसचिव विजय सिंह एवं सलाहकार डॉ. वी एस राजपूत ने अथितियों का पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया।
मुख्य वक्ता पुलिस अधीक्षक अगम जैन जी ने अपने अध्ययन के समय की गतिविधियों को साझा किया एवं लक्ष्य पाने के प्रति तटस्थता होना जरूरी है इस पर उन्होंने छात्र छात्राओं को बताया कि प्रशासनिक पद पर पहुंचने के लिए बहुत मेहनत की आवश्यकता होती है आप सभी लगन पूर्वक अपनी पढ़ाई जारी रखें निश्चित ही एक दिन सफलता आपको अवश्य मिलेगी आज की व्यख्यानमाला के शीर्षक पर अपने विचार रखते हुए उन्होंने बताया कि वाहनों की संख्या में वृद्धि होने से यातायात सुरक्षा महत्वपूर्ण विषय बन गया है। चालक को वाहन चलाते समय यातायात के नियमों की समस्त जानकारी होनी चाहिए। सड़क दुर्घटना से बचाव के नियम बताते हुए उन्होंने सुरक्षित यातायात के लिए नशे में वाहन न चलाने, मोबाइल का प्रयोग न करने, सीट बेल्ट लगाने तथा नियमों का पालन और वाहन की गति को नियंत्रित रखने की जानकारी दी उन्होंने कहा कि यातायात के नियमों का पालन करें और लोगों को भी इसके प्रति जागरूक कर एक अच्छे और सच्चे भारतीय नागरिक होने का कर्तव्य निभाए। इस विश्वविद्यालय में आकर आप सभी विद्यार्थियों और प्राध्यापकों से मिलकर बहुत अच्छा लगा। निश्चित ही हम आगे भी आप सभी विद्यार्थियों को मार्गदर्शन हेतु इस तरह के कार्यक्रमों में आते रहेंगे।
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विशिष्ट अतिथि जिला यातायात प्रभारी बृहस्पति साकेत ने कहा कि सुरक्षित वाहन बनाना एक सतत वैज्ञानिक प्रक्रिया है जो व्यापक अनुसंधान तथा सुरक्षा विशेषज्ञों उपकरण निर्माता कंपनियों सरकारी संगठनों के सामूहिक प्रयास और सबसे बढ़कर जागरूक उपभोक्ताओं से प्रेरित होती है जो अब अपनी कारों में सुरक्षा संबंधी विशेषताओं की मांग करने लगे हैं। जिस प्रकार सड़कों और वाहनों का विकास हो रहा है उसे देखते हुए वाहन सुरक्षा बढ़ाने के प्रति वचनबद्धता भी बढ़नी चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों और प्राध्यापकों को यातायात के नियमों को बड़ी ही बारीकी से डाक्यूमेंट्री फिल्मों के माध्यम से समझाया। उन्होंने आगे बताया कि छतरपुर में हमने एक नई पहल शुरू की है, कि यदि कोई चालक भूलवश अपने घर से बिना हेलमेट के अपने गन्तव्य स्थान तक जाने के लिए अपनी गाड़ी से चल देता है, तो उसे परेशान होने की आवश्यकता नही है। बल्कि वह वह अपनी गाड़ी का रजिस्ट्रेशन एवं ड्राइविंग लाइसेंस दिखाकर छतरपुर शहर के छत्रसाल चौराहे पर पुलिस सहायता केन्द्र पर स्थापित हेलमेट बैंक से नि:शुल्क हेलमेट प्राप्त कर सकता है और वापसी में कर उसे हेलमेट बैंक में जमा कर सकता है। सड़क दुर्घटना में किसी भी घायल व्यक्ति को उपचार हेतु आप अस्पताल भेजते हैं और उसकी सहायता करते हैं, तो इसके लिए सरकार ने पांच हजार रूपये की राशि इनाम स्वरूप रखी है।
विश्वविद्यालय के कुलसचिव विजय सिंह ने इस व्याख्यानमाला को सारगर्भित बताते हुये कहा कि धरती पर रह रहे हर एक इंसान के द्वारा सड़क सुरक्षा पर पूरा ध्यान देना चाहिए। भले ही वह वाहन का उपयोग करता हो या न करता हो। सड़क सुरक्षा नियम हमें सड़कों पर चलने और सुरक्षित रूप से हमें दुर्घटना से बचाते है। अत: इन नियमों का पालन करना हम सबके लिए अति आवश्यक है। आगे उन्होंने कहा – सड़क सुरक्षा नियमों का करो सम्मान, न होगी दुर्घटना न होंगे आप परेशान।
भारत में हर साल करीब डेढ़ लाख लोग सड़क हादसों में अपनी जान गंवाते हैं। यह स्थिति तब है जब भारत में विश्व के तकरीबन 10 प्रतिशत वाहन हुये हैं, लेकिन सड़क हादसों में एक चौथाई लोग भारत में जान गंवाते हैं। ऐसे अनगिनत उदाहरणों और तथ्यों की कड़ी कहीं न कहीं सड़क सुरक्षा के बिंदु पर आकर जुड़ती है। ये हमें यही स्मरण कराते हैं कि सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारे लिए तत्काल कितना महत्वपूर्ण हो गया है। ऐसे में बड़ा सवाल यही है कि हम सड़कों को सभी के लिए सुरक्षित कैसे बनाएं। सड़क दुर्घटना से बचने के लिए हमें निम्न बातों का विशेष ध्यान रखना होगा।
१. नींद में गाड़ी ना चलाएं
२. गति पर नियंत्रण रखें
३. यातायात के चिन्ह और लाइटस का ध्यान रखें
४. टायर का ख्याल रखें इसके लिए समय समय पर टायर चेक करते रहे और एक निश्चित दूरी चलने के बाद उन्हें यथा समय बदलने का ध्यान अवश्य रखें
५. ब्रेक्स सही से काम कर रहे हैं या नहीं इसके लिए समय समय पर गाड़ी की सर्विस कराते रहे
६. नशे में कभी भी ड्राइविंग ना करें
७. ड्राइविंग करते समय मोबाइल का इस्तेमाल ना करें
८. ओवर टेक करते समय सतर्क रहें
कार्यक्रम के अंत में विश्वविद्यालय के कुलसचिव विजय सिंह द्वारा अतिथियों का शॉल, श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन सुमेधा राय सहायक प्राध्यापक प्रबंधन विभाग और आभार माधव पाठक सहा. प्राध्यापक विधि विभाग ने किया। इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के समस्त विभागों के प्राध्यापकगण, छात्र-छात्राए, विश्वविद्यालय के कर्मचारीगण, बसों के ड्राइवर भी उपस्थित रहे।