बुंदेलखंड के दलित गांधी से बीजेपी नेताओं को इतनी लाल मिर्ची क्यों…?

डॉ. नरेंद्र अरजरिया टीकमगढ़ पत्रकार
परिसीमन के बाद टीकमगढ़ लोकसभा एससी के लिए आरक्षित हुई थी उस समय स्थानीय लोग भी भाजपा से प्रत्याशी के रूप में तैयार थे लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने एक ऐसे व्यक्ति को चुना जिसकी छवि साफ सुथरी संघर्ष और संघ से जुड़ी हुई थी वह नाम था डॉ. वीरेंद्र कुमार का चार बार सागर से वह लोकसभा सांसद बन चुके थे और सागर लोकसभा सामान्य के लिए हो गई थी
इसके बाद डॉ वीरेंद्र कुमार 2009 में टीकमगढ़ लोकसभा का रुख किया और पहली बार चुनाव लड़ा तब से लेकर वह चौथी बार टीकमगढ़ लोकसभा से सांसद हैं मुझे भी उनको लगातार पिछले 15 सालों से कवर करने का मौका मिला है भारतीय जनता पार्टी की बुंदेलखंड राजनीति में दाबे के साथ कह सकता हूं कि इतना साफ, स्वच्छ और सरल नेता कोई नहीं होगा । वर्ष 2009 में जहां वह 43000 मतों से जीते तो 2014 में लगभग एक लाख मतों से विजय हुए और 2019 में 343000 मतों से जनता ने उनका आशीर्वाद दिया जबकि 2024 के चुनाव में उन्हें 4 लाख 4000 मतों से अपना आशीर्वाद दिया इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि उनका स्वभाव कैसा होगा और जनमानस ने उनको इतना प्यार क्यों दिया फिर इन नेताओं को लाल मिर्ची क्यों लग रही है जिन्हें जनता ने कितना आशीर्वाद दिया है
ऐसा क्या हुआ कि अब भारतीय जनता पार्टी के चंद नेताओं को वह पिछले 2 माह से चुभने लगे हैं छतरपुर से उनके खिलाफ उठी आवाज़ अब धीरे-धीरे टीकमगढ़ में भी सुलगने लगी है टीकमगढ़ कलेक्ट्रेट में बैठक के दौरान डॉ वीरेंद्र कुमार की अधिकारियों के सामने सार्वजनिक बेज्जती की गई थी इसके बाद भी धैर्य नहीं खोया था
डॉ वीरेंद्र कुमार ने जहां तक सांसद प्रतिनिधि बनाने का सवाल है यह उनका व्यक्तिगत और निजी मामला है किसको बनाना और किसको नहीं बनाना है क्योंकि वह संघ की पृष्ठभूमि से आते हैं भाजपा के नेता आरोप लगाते हैं कि उन्होंने उनका विरोध किया है लेकिन उन्हें अपने गिरेबान में भी झांक कर देखना होगा कि वह पार्टी के कितने वफादार हैं इस बात का जिक्र खुद स्वयं वीरेंद्र खटीक ने भी किया है तीसरी बार केंद्रीय मंत्री बनने के बाद भी ना कोई घमंड ना कोई सुरक्षा, सरलता जिनकी पहचान है यही वजह है कि उनका आत्मविश्वास बहुत मजबूत है और वह स्कूटर या बाइक पर बैठकर के सब्जी लेने खुद चले जाते हैं
वैसे आरोप लगाने की बात करें तो धार्मिक ग्रंथो में भगवान को भी असुरो ने आरोप लगाने से नहीं छोड़ा है आपकी सरलता सज्जनता और बुंदेलखंड में ऐसे जनप्रतिनिधि होना वाकई में आम आदमी को गर्व महसूस कराता है जो कभी बड़े लोगों और राजवाड़े की सीढ़िया पर नहीं चढ़ पाता था । लेकिन आप जैसे धेर्यबान का बुंदेलखंड के लिए नेता होना सौभाग्य का विषय है आपके साथ वह जन मानस खड़ा है जो शासन और सत्ता से कोसों दूर बैठा होता है । डॉ वीरेंद्र कुमार को अनंत शुभकामनाएं @डॉ. नरेंद्र अरजरिया टीकमगढ़ पत्रकार