सावधान: मयंक गैस एजेंसी संचालक अपने कर्मचारियों से गैस चोरी करवा कर रहा होम डिलीवरी; घर पहुंचने से पहले आपका भी तो सिलेंडर नहीं हो जाता हल्का, जानें MAYANK INDANE कैसे कर रहा खेला …

रिहायसी इलाके में हो रहा रिफलिंग का काम, गैस हादसे की दहशत में कॉलोनीवासी, प्रशासन बना अंजान
छतरपुर। गैस सिलेंडरों के हादसों से लोग दहशत में बने रहते है। विगत कुछ माह पहले धार जिले की घटना को लोग भूल नहीं सकते है। इस प्रकार की घटनाओं को सुनकर लोग गैस सिलेंडरों से बहुत सावधान रहने लगे हैं। इसके बाजवूद भी मयंक गैस एजेंसी के संचालक लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करने में लगे हुए हैं। कर्मचारियों के द्वारा गैस चोरी कराने को लेकर और मोटी फायदा के चक्कर में हजारों लोगों की जान को हथेली में रखे हुए है। गैस गोदाम से गाड़ी में गैस सिलेंडरों को लेकर पहले नारायणपुरा रोड़ स्थित एक कॉलोनी के मकान में पहले सिलेडरों से रिफलिंग कर गैस चोरी की जाती है। उसके बाद उन्हीं सिलेंडरों में पानी का उपयोग कर सिलेंडरों की तोल को बरकार रखकर ग्राहक तक पहुंचाया जाता है। एक सिलेंडर से एक किलो गैस चुराने का प्रतिदिन का हिसाब मिलाया जाता है। जिस स्थान पर गैस रिफलिंग का काम किया जाता है उस स्थान पर रहने वाले कॉलोनी वासी काफी परेशान है। उनके द्वारा कई बार जिला प्रशासन को अवगत कराया जा चुका है। लेकिन जिला प्रशासन कुम्भकरण की तरह नींद में डूबा हुआ है। अगर किसी दिन हादसा होता है तो हजारों लोगों की जान जा सकती है।
बड़े पैमाने पर होता गैस चोरी का काम

जानकारी के अनुसार शहर में कई गैस एजेंसियों का संचालन हो रहा है। सभी एजेंसियों के संचालकों ने अपना-अपना क्षेत्र बाट रखा है। अपने-अपने क्षेत्र में गैस सिलेंडर पहुंचान का काम एजेंसियों के संचालकों के द्वारा किया जा रहा है। इसी के साथ शहर के नौगांव रोड़ स्थित मयंक गैस एजेंसी का संचालन हो रहा है। इस एजेंसी का मालिक लोगों की जान से खिलवाड़ करने में लगा हुआ है। पहले गोदाम से गैस सिलेंडरों को वाहन में लादकर एक कर्मचारी के घर नारायणपुरा रोड़ स्थित सिलेंडरों को पहुंचाया जाता है। वहां पर कर्मचारियों के द्वारा सिलेंडरों से गैस चोरी का काम किया जाता है। एक सिलेंडर से एक किलो गैस को निकाला जाता है। उसके बाद सिलेंडर में जिस प्रकार की सील लगी रहती है उसी प्रकार की सील लगा दी जाती है। यह कारोबार आज से नहीं बल्कि जब से मयंक गैस एजेंसी का संचालन हो रहा है तभी से गैस चोरी का काम किया जा रहा है।
15 सिलेंडरों से तैयार करते एक सिलेंडर


सूत्रों ने जानकारी देते हुए बताया कि मयंक गैस एजेंसी के संचालक मयंक दुबे के द्वारा पहले गाडी से रिहायसी इलाके के एक मकान में भारी संख्या में सिलेंडरों को एकत्रित किया जाता है। सुबह से लेकर दोपहर तक एक -एक गाडी में सिलेंडर लाकर गैस निकालने का काम किया जाता है। इस हिसाब से 15 सिलेंडरों से गैस निकालकर एक गैस सिलेंडर को तैयार कर लिया जाता है। इसी हिसाब से प्रतिदिन चार सिलेंडरों को तैयार किया जाता है। प्रतिदिन के हिसाब से पांच हजार रूपए की गैस चोरी एक स्थान से प्रतिदिन की जाती है। जबकि ऐसे कई कर्मचरियों से अलग अलग रिहायशी इलाकों से मयंक गैस एजेंसी संचालक गैस चोरी करा ग्राहकों के पास कम गैस वाले सिलेडरों को पहुंचा उपभोक्ताओं को लूट रहा है।
कॉलोनी वासियों को बना जानमाल का खतरा


नारायणपुरा रोड़ स्थित कॉलोनी में मयंक गैस एजेंसी के सिलेंडरों से गैस चोरी करने का काम किया जाता है। यहां पर प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में गाडिय़ों से सिलेंडर आते है और एक मकान में सिलेंडरों से गैस चोरी करने का काम किया जाता है। पचास से अधिक सिलेडरों के रखे होने और गैस की रिफलिंग करने से पूरी कॉलोनी वासियों को जान माल का खतरा बना हुआ है। यहां तक की लोग अपने-अपने घरों में गैस की बदबू से खाना भी नहीं खा पाते है। अगर किसी दिन धार गैस सिलेंडर जैसी घटना घटित होती है तो कॉलोनी के हजारों लोगों की जान जा सकती है।

इनका कहना है
गैस रिफलिंग का कारोबार किसी कॉलोनी में किया जाता है तो मैं टीम बनाकर जांच करवाता हूॅ और एजेंसी संचालक सहित जिन लोगों के द्वारा यह काम किया जाता है उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी।
अखिल राठौर, एसडीएम, छतरपुर