मध्यप्रदेश

Aviral Construction is the place where Saurabh launders black money | सौरभ का ब्लैकमनी को व्हाइट करने का जरिया अविरल कंस्ट्रक्शन: पत्नी, दोस्त और रिश्तेदारों के नाम 4 कंपनियां, खुद के नाम पर कुछ नहीं – Madhya Pradesh News

सौरभ शर्मा और शरद जायसवाल को कोर्ट में पेश करती लोकायुक्त पुलिस।

परिवहन विभाग का पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा 4 फरवरी तक लोकायुक्त पुलिस की रिमांड पर है। पूछताछ में लोकायुक्त को सौरभ की 4 कंपनियों की जानकारी मिली है। इसमें अविरल कंस्ट्रक्शन सबसे अहम है। इस कंपनी के नाम से साल 2019 के बाद भोपाल और इंदौर की प्राइम लो

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चारों कंपनियों में सौरभ के दोनों पार्टनर चेतन और शरद की हिस्सेदारी है। इसके अलावा सौरभ की मां उमा शर्मा, पत्नी दिव्या शर्मा, साला रोहित तिवारी, रेखा तिवारी और शुभम तिवारी के नाम से भी प्रॉपर्टी खरीदी गई है। लोकायुक्त इन सभी के बयान दर्ज करेगी। इनसे ये पूछा जाएगा कि सारी प्रॉपर्टी सौरभ ने खरीदी है या इनकी खुद की है।

लोकायुक्त के एक सीनियर अधिकारी का कहना है कि सौरभ और उसके पार्टनर्स से जुड़ी कंपनियों के खातों में एक साल तक रोजाना ढाई से तीन लाख रु. जमा हुए हैं। ये इस बात का संकेत है कि काली कमाई को इन कंपनियों के जरिए खपाने की कोशिश की गई है। पढ़िए लोकायुक्त पुलिस को पूछताछ में अब तक क्या पता चला और आगे किस तरह से कार्रवाई होगी।

सिलसिलेवार जानिए कहां-कहां किया इन्वेस्टमेंट..

1.अविरल कंस्ट्रक्शन: कंपनी के नाम से करोड़ों की जमीन खरीदी ये सबसे अहम कंपनी है। इस कंपनी में शरद जायसवाल और चेतन सिंह डायरेक्टर हैं। रोहित तिवारी एडिशनल डायरेक्टर है। दस्तावेजों से पता चला है कि 22 दिसंबर 2021 को कंपनी बनाई गई है। इसकी आखिरी एनुअल जनरल मीटिंग( एजीएम) 30 दिसंबर 2023 को हुई थी।

बताया जा रहा है कि इसी कंपनी के नाम से भोपाल और इंदौर की प्राइम लोकेशन पर करोड़ों रुपए की जमीन खरीदी गई और करोड़ों रु. का ट्रांजैक्शन किया। देवास के राजेश पांडे को नकद राशि दी गई थी। फरवरी से नवंबर 2023 तक 6 ट्रांजैक्शन में करीब सवा सात करोड़ रु. भेजे गए थे। सूत्रों का कहना है कि कंस्ट्रक्शन कंपनी के जरिए नकदी कॉलोनी निर्माण में खपाई जा रही थी।

2.अविरल इंटरप्राइजेस: सौरभ की पत्नी और शरद की मां डायरेक्टर ये कंपनी 22 दिसंबर 2017 को बनाई थी। 30 दिसंबर 2023 को कंपनी की आखिरी एजीएम( एनुअल जनरल मीटिंग) हुई थी। सौरभ की पत्नी दिव्या तिवारी और शरद की मां कृष्णा जायसवाल इस कंपनी के डायरेक्टर हैं।

3.अविरल पेट्रोल पंप: चेतन गौर के नाम से खोला गया इसके रजिस्ट्रेशन डिटेल्स लोकायुक्त को नहीं मिले हैं, लेकिन इसका डायरेक्टर चेतन सिंह गौर है। चेतन ने पूछताछ में बताया है कि वह सौरभ के साथ पढ़ता था। उससे पुरानी दोस्ती है। वह सौरभ के लिए कर्मचारी की हैसियत से काम करता था।

सौरभ के कहने पर वह किसी भी दस्तावेज पर साइन कर दिया करता था। चेतन ने कहा कि उसे तो ये भी नहीं मालूम था कि लोकायुक्त ने जो 2 क्विंटल चांदी बरामद की, वो उसी के कमरे में रखी हुई थी।

4.फिशरीज फर्म: यूपी के राजघाट डैम पर ठेका इसमें भी चेतन सिंह को डायरेक्टर बताया गया है। इस फर्म के पास यूपी के राजघाट डैम पर मछली का ठेका है। इसमें भी शरद जायसवाल और चेतन सिंह के नाम पर कॉन्ट्रैक्ट लिया गया है। जांच एजेंसी को संदेह है कि ब्लैक मनी को व्हाइट में कन्वर्ट करने में इस कंपनी का भी इस्तेमाल हुआ है। वेरिफिकेशन के लिए जांच एजेंसी के इसके आईटी रिटर्न और ऑडिट रिपोर्ट की स्टडी कर रही है।

5.शेयर मार्केट में भी इन्वेस्टमेंट सौरभ ने शेयर मार्केट में भी इन्वेस्टमेंट किया है। उसके पास कई कंपनियों के शेयर हैं। जांच एजेंसी ने सौरभ के डीमेट अकाउंट से उसकी शेयर ट्रेडिंग की डिटेल्स मांगी है। इसके अलावा उसके अलग–अलग बैंक खातों की भी पूरी जानकारी मांगी है। ताकि ये पता चल सके कि उसके अकाउंट्स से किन–किन कंपनियों को कब कितना भुगतान हुआ है?

मंगलवार को सौरभ की पत्नी दिव्या के ईडी में बयान दर्ज हुए थे।

मंगलवार को सौरभ की पत्नी दिव्या के ईडी में बयान दर्ज हुए थे।

प्रॉपर्टी को लेकर किसने क्या कहा…

चेतन और शरद बोले- जो भी प्रॉपर्टी वो सौरभ की चेतन और शरद ने पूछताछ में बताया है कि जो भी प्रॉपर्टी उनके नाम पर है, वो सौरभ की है। चेतन ने बताया कि उसे न तो पेट्रोल पंप के बारे में मालूम है और न ही कार के बारे में। उसने कहा कि किन कंपनियों में मुझे डायरेक्टर बनाया गया है, ये भी नहीं पता। सौरभ मेरा पुराना दोस्त है। मुझे तो ये भी नहीं मालूम था कि जिस मकान में मैं रह रहा था, वहां करोड़ों रुपए रखे हुए थे।

वहीं शरद ने भी कोर्ट में खुद को बेकसूर बताया है। उसने कहा कि वह सौरभ के रेस्टोरेंट, होटल का बिजनेस देखता था। जहां तक प्रॉपर्टी खरीदने की बात है तो सौरभ ने उसके दस्तावेजों का इस्तेमाल कर संपत्तियां खरीदी हैं।

सौरभ बोला- चेतन और शरद बिजनेस पार्टनर वहीं सौरभ ने पूछताछ में बताया कि शरद और चेतन उसके बिजनेस पार्टनर हैं। दोनों को उसके हर कारोबार की जानकारी है। उसने ये भी कहा कि जहां भी चेतन और शरद के दस्तावेज इस्तेमाल किए हैं, दोनों को इसकी जानकारी है।

कई सरकारी दफ्तरों में वह खुद मौजूद रहकर प्रक्रिया पूरी कराते थे। वहीं रिश्तेदारों के नाम पर जो संपत्तियां हैं उसे लेकर सौरभ ने कोई साफ जवाब नहीं दिया और रिश्तेदारों से ही बात करने के लिए कहा।

जिस घर में रहता था सौरभ, वो रोहित तिवारी के नाम

लोकायुक्त रोहित तिवारी से भी पूछताछ करेगी। वजह ये है कि सौरभ अरेरा कॉलोनी के जिस घर में परिवार के साथ रहता था, वह रोहित तिवारी के नाम पर है। रोहित सौरभ का साला है। ऐसे में लोकायुक्त ये जानना चाहती है कि क्या रोहित ने उसे वह घर बेच दिया था? रोहित ने वह घर कब खरीदा था? उसके प्रमाण भी मांगे जाएंगे।

ऐसे ही अरेरा कॉलोनी में सौरभ ने मां उमा शर्मा के नाम पर जो दो अन्य मकान खरीदे थे, उसके भी दस्तावेज वेरिफाई किए जा रहे हैं। इसमें लोकायुक्त ये वेरिफाई कर रही है कि इसका भुगतान कैसे हुआ?

सौरभ शर्मा को कोर्ट रूम ले जाती लोकायुक्त पुलिस।

सौरभ शर्मा को कोर्ट रूम ले जाती लोकायुक्त पुलिस।

अब आगे क्या…

सौरभ के रिश्तेदारों से भी होगी पूछताछ लोकायुक्त के रडार पर सौरभ के 18 रिश्तेदार हैं। उसकी रिमांड खत्म होते ही उसकी मां, पत्नी, बहन, जीजा और जबलपुर में रहने वाले साले रोहित तिवारी से पूछताछ की जाएगी। इन सभी के नाम से प्रॉपर्टी खरीदी के दस्तावेज मिले हैं। इनसे पूछा जाएगा कि उन्होंने प्रॉपर्टी खुद खरीदी हैं या नहीं। यदि खुद खरीदी है तो उन्हें खरीदी के दस्तावेज पेश करना पड़ेंगे।

इसके अलावा भोपाल के शाहपुरा में एनजीओ से जमीन लेकर उस पर जयपुरिया स्कूल के लिए बिल्डिंग बनाने में हुए खर्च का भी लोकायुक्त ने ब्योरा मांगा है। इसमें करीब 10 करोड़ रुपए जमीन में और 10 करोड़ रुपए बिल्डिंग बनाने में खर्च होने का अनुमान है। जांच एजेंसी ने इस खर्च का भी पूरा ब्योरा मांगा है।

ईडी-इनकम टैक्स को भी रिमांड खत्म होने का इंतजार सौरभ और उसके पार्टनर्स की रिमांड 4 फरवरी को खत्म हो रही है इसके बाद संभावना है कि ईडी और इनकम टैक्स के अफसर भी सौरभ से पूछताछ करें। ईडी के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर सत्येंद्र सिंह कहते हैं कि ईडी को आरोपियों से पूछताछ करना है तो उसे कोर्ट से इजाजत लेनी पड़ेगी। वहीं इनकम टैक्स भी कार से मिले 52 किलो सोना और 11 करोड़ रु. नकद के बारे में पूछताछ कर सकता है।

Topics: करोड़पति कॉन्स्टेबल


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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