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जामनगर के कमलेश सोलंकी की भूतनाथ वडापाव की सफलता की कहानी

Agency:Local18

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Vadapav Business Success Story: कमलेश राजुभाई सोलंकी नाम के युवक ने अपने साले के साथ जामनगर में वडापाव का बिजनेस शुरू किया था. 14 साल पहले उन्होंने “भूतनाथ वडापाव” के नाम से बिजनेस की शुरुआत की थी. आज यह बहुत प…और पढ़ें

हाइलाइट्स

  • कमलेश सोलंकी ने वडापाव का बिजनेस शुरू किया.
  • हर दिन 700-800 वडापाव की बिक्री होती है.
  • सालाना टर्नओवर 70 लाख रुपये तक पहुंचा.

जामनगर: खाने-पीने का बिजनेस हमेशा चलता रहता है. हर शहर में अलग-अलग व्यंजन प्रसिद्ध होते हैं. जामनगर में जामनगरी घुघरा प्रसिद्ध है. जामनगर में कई लोग जामनगरी घुघरा की दुकान चलाते हैं, लेकिन आज हम एक ऐसे जामनगरवासी की बात करेंगे, जिन्होंने वड़ापाव का ठेला शुरू किया. आज उनके शहर में दो ब्रांच हैं.

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बता दें कि मूल रूप से जामजोधपुर के और वर्तमान में जामनगर में रहने वाले कमलेश राजुभाई सोलंकी नाम के युवक ने अपने साले के साथ जामनगर में वडापाव का बिजनेस शुरू किया था. 14 साल पहले उन्होंने “भूतनाथ वडापाव” के नाम से बिजनेस की शुरुआत की थी. आज यह बहुत प्रसिद्ध हो गया है. उनके वडापाव का स्वाद चखने के लिए लोग लाइन लगाते हैं.

लोकल 18 से बात करते हुए कमलेशभाई ने बताया, “मैं पहले पान-बीड़ी का धंधा करता था. तब मेरे साले ने मुझे शहर में आकर नाश्ते की लारी शुरू करने को कहा था. इसलिए हमने पहले ठेले पर धंधा शुरू किया था. उसमें सफलता मिलने पर हमने जी.जी. अस्पताल के सामने दूसरी ब्रांच शुरू की थी. इस तरह हम पिछले 14 साल से इस धंधे से जुड़े हुए हैं.”

हर दिन 700 से 800 वडापाव की बिक्री
उन्होंने आगे बताया, “सुबह 9:00 बजे से हम वडापाव के लिए आलू, चटनी आदि सामग्री तैयार करना शुरू कर देते हैं. फिर शाम 4 बजे दुकान शुरू होती है, जो रात 11 बजे तक चलती है. 7 घंटे में लगभग 700 से 800 वडापाव की बिक्री हो जाती है. हमारे अदरक, नींबू और हरी मिर्च से भरपूर ग्रेवी वाले वडापाव को लोग ज्यादा पसंद करते हैं. वडापाव के साथ हरी, मीठी और लहसुन वाली तीन प्रकार की चटनी भी दी जाती है.

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वडापाव के अलावा हमारे यहां सिंग और बटर ऑयल के साथ कच्छ की प्रसिद्ध दाबेली भी बेची जाती है.” एक समय कर्ज में डूबे कमलेश सोलंकी ने हिम्मत न हारते हुए खाने-पीने का बिजनेस शुरू किया था. जिसमें आज उन्हें जबरदस्त सफलता मिली है. जी.जी. अस्पताल के पास उनकी एक दुकान और एक ठेला है. उन्हें हर दिन 15 से 20 हजार की आमदनी होती है. यानी इस तरह से, साल भर में उसकी आय 54.75 लाख से 73 लाख रुपये के बीच हो रही है.

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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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