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कई साल बाद रूरल इकनॉमी में लौटी रौनक! शहर के लोग कैसे उठाएं फायदा, कहां पैसे लगाकर बटोरें मुनाफा?

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Investment Tips : कई साल बाद ग्रामीण अर्थव्‍यवस्‍था दोबारा पटरी पर आने लगी है और इसका फायदा शहर के लोगों को भी मिल सकता है. बाजार में कई ऐसे म्‍यूचुअल फंड हैं, जो ग्रामीण विकास को फोकस करने वाली कंपनियों में पै…और पढ़ें

भारत की जीडीपी में आधे से ज्‍यादा योगदान रूरल इकनॉमी का है.

नई दिल्‍ली. कहते हैं भारत गांवों में बसता है. शहर भले ही कितने आधुनिक और विकसित हो जाएं, लेकिन भारत की अर्थव्‍यवस्‍था आज भी गांवों के इर्द-गिर्द घूमती है. इसकी 2 बड़ी वजहें हैं, एक तो कामकाजी उम्र की आबादी का बड़ा हिस्सा ग्रामीण भारत में है और दूसरा भारत की 64% आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है. यही वजह है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था भारत की जीडीपी में लगभग आधे का योगदान देती है. मोदी सरकार के आने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन स्तर में सुधार के लिए कई कदम उठाए गए हैं और इसका फायदा ग्रामीण अर्थव्‍यवस्‍था में सुधार के रूप में दिखा, जो कई दशक बाद निर्णायक मोड़ पर आ खड़ी हुई है. लेकिन सवाल ये है कि रूरल इकनॉमी में आई इस तेजी का फायदा शहर के लोगों को कैसे मिल सकता है.

आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी में फंड मैनेजर प्रियंका खंडेलवाल का कहना है कि शहरों में ग्रामीण क्षेत्र के मुकाबले रोजगार के अवसर ज्‍यादा थे. लिहाजा अभी तक ग्रामीण अर्थव्‍यवस्‍था सुस्‍त चल रही थी, लेकिन सरकार की नीतियों ने इस क्षेत्र में भी बड़े अवसर पैदा करने शुरू कर दिए हैं. इस फायदा उठाने के लिए आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल रूरल अपॉर्चुनिटीज फंड लांच किया गया है. यह फंड विपरीत और संरचनात्मक निवेश के अवसरों को संतुलित करते हुए ग्रामीण विकास और उपभोग विषयों में निवेश प्रदान करता है. यह निफ्टी इंडिया रूरल इंडेक्स को ट्रैक करता है, जो 11 क्षेत्रों और 75 कंपनियों के शेयरों को कवर करने वाला एक डाईवर्सिफाई बेंचमार्क है. इसमें लार्ज-कैप कंपनियों की बड़ी हिस्‍सेदारी है.

क्‍यों बेहतर है यह फंड
यह फंड कुछ संरचनात्मक विषयों और खराब प्रदर्शन करने वाले क्षेत्रों पर जोर देता है, जिनमें ग्रामीण विकास में तेजी आने के साथ अच्छा प्रदर्शन करने की क्षमता है. अपने बहुक्षेत्रीय और लचीले दृष्टिकोण के साथ इस फंड का लक्ष्य उभरते ग्रामीण परिदृश्य को नेविगेट करना और स्थायी दीर्घकालिक रिटर्न प्रदान करना है. निवेशकों के लिए भी यह रूरल ग्रोथ के साथ ज्‍यादा रिटर्न पाने का अवसर बनाता है.

दिख रही बड़ी संभावना
ग्रामीण अर्थव्‍यवस्‍था में आगे भी बड़ी संभावना दिख रही है. लाडली बहना जैसी योजना के जरिये ग्रामीण उपभोग और बचत को बढ़ावा मिलेगा. कृषि संकेतक भी अच्छे दिख रहे हैं जो निकट अवधि में कृषि आय के लिए अच्छा संकेत है. सरकार फसलों की कीमतें भी बढ़ा रही है जिससे किसानों की आमदनी बढ़ रही. जैसे-जैसे ग्रामीण भारतीयों की कमाई में सुधार होगा, ग्रामीण उपभोग में भी वृद्धि होने की संभावना है. लेकिन, आय बढ़ने के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में बचत भी बढ़नी चाहिए और जमा राशि में वृद्धि की संभावना को देखते हुए, बैंकिंग क्षेत्र अपने शाखा नेटवर्क का विस्तार करने पर भी विचार करेंगे. इससे ग्रामीण क्षेत्र में बीमा की पहुंच बढ़ने की भी संभावना है.

सड़कों का भी होगा विस्‍तार
कनेक्टिविटी एक अन्य विषय है जिसे ग्रामीण विकास से लाभ मिलता है. पिछले दशक में सड़क बुनियादी ढांचे और बिजली की उपलब्धता में सुधार के लिए जितना निवेश किया गया है, उससे दूरसंचार और ऑटो जैसे क्षेत्रों को फायदा हो सकता है. किफायती टेलीकॉम टैरिफ और सस्ते स्मार्टफोन की उपलब्धता ने यह सुनिश्चित किया है कि ग्रामीण भारतीय दुनिया से जुड़े हुए हैं, जिसके परिणामस्वरूप ग्रामीण भारत में जागरूकता और आकांक्षाएं बढ़ी हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन बुनियादी ढांचा उतना विकसित नहीं है, बढ़ती डिस्पोजेबल आय के साथ, ग्रामीण भारत में दोपहिया और यात्री वाहनों की बिक्री में सुधार हो सकता है.

कमाई बढ़ने से होगा फायदा
जब घरेलू आय बढ़ती है तो लोग बेहतर जीवन जीने, बेहतर दिखने और बेहतर महसूस करने की इच्छा रखते हैं. उपभोग से जुड़े कई क्षेत्रों को इससे लाभ होता है, जैसा कि हमने पिछले दशक में शहरी भारत में देखा है. ग्रामीण प्रति व्यक्ति आय भी उस मोड़ के करीब है जहां से गैर-खाद्य खपत बढ़नी चाहिए और जो कंपनियां इन उपभोक्ताओं की सेवा पर ध्यान केंद्रित करती हैं, उन्हें बेहतर विकास संभावनाओं से लाभ हो सकता है. इसका सीधा फायदा निवेशकों को मिलेगा.

(Disclaimer: यहां बताए गए स्‍टॉक्‍स ब्रोकरेज हाउसेज की सलाह पर आधारित हैं. यदि आप इनमें से किसी में भी पैसा लगाना चाहते हैं तो पहले सर्टिफाइड इनवेस्‍टमेंट एडवायजर से परामर्श कर लें. आपके किसी भी तरह की लाभ या हानि के लिए लिए News18 जिम्मेदार नहीं होगा.)

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कई साल बाद रूरल इकनॉमी में लौटी रौनक! शहर के लोग कैसे उठाएं फायदा


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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