B.Sc, M.Sc की डिग्री, फिर बनें IPS Officer, SPG, NIA में भी किया काम, DGP से CRPF में मिली ये जिम्मेदारी

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IPS CRPF Story: UPSC सिविस सेवा की परीक्षा को पास करके आईपीएस ऑफिसर बनते हैं. इसके बाद उनके अनुभव और सर्विस ईयर के आधार पर अलग-अलग विभागों में प्रमोशन देकर भेजा जाता है. इनमें से बहुत ही काम लोग होते हैं, जो DG…और पढ़ें
UPSC IPS Story: इस सीनियर IPS Officer को बनाया गया CRPF का DG.
हाइलाइट्स
- ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह बने CRPF के डायरेक्टर जनरल.
- 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह.
- उनका कार्यकाल 2027 तक रहेगा.
IPS CRPF Story: आईपीएस की नौकरी (Sarkari Naukri) को सबसे प्रतिष्ठित नौकरियों में से एक माना जाता है. हर कोई इस नौकरी को पाने का सपना देखते हैं. लेकिन यह सपना कुछ ही लोगों का पूरा हो पाता है. अगर आप भी इस सपने को पूरा करना चाहते हैं, तो इसके लिए यूपीएससी सिविल सेवा की परीक्षा को पास करना होगा. इसके बाद रैंक के अनुसार IPS की नौकरी मिलती है. आईपीएस ऑफिसर बनने के बाद काम के अनुभव के आधार पर प्रमोशन मिलता है. अभी हाल में एक सीनियर आईपीएस ऑफिसर ने CRPF के नए डायरेक्टर जनरल का पद संभाला है. हम जिनकी बात कर रहे हैं, उनका नाम ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह है.
1991 बैच के हैं आईपीएस ऑफिसर
ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह असम-मेघालय कैडर के 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. उन्हें 18 जनवरी, 2025 को कैबिनेट की नियुक्ति समिति द्वारा सीआरपीएफ का डायरेक्टर जनरल बनाया गया था. उनका कार्यकाल 30 नवंबर, 2027 तक रहेगा. उन्होंने यह पद सीआरपीएफ के कार्यवाहक प्रमुख और स्पेशल डायरेक्टर जनरल वितुल कुमार से लिया है. इससे पहले वह जीपी सिंह ने असम पुलिस के महानिदेशक सहित विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है. उन्होंने आतंकवाद विरोधी अभियानों, पुलिस सुधारों और लॉ एंड ऑर्डर बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
B.Sc, MSc की हासिल की डिग्री
IPS ऑफिसर ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले से ताल्लुक रखते हैं. उन्होंने लखनऊ में अपनी स्कूली और उच्च शिक्षा पूरी की. ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने बीएससी और एमएससी की डिग्री हासिल की. बाद में उन्होंने UPSC सिविल सेवा की परीक्षा को क्रैक करके हैदराबाद स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में ट्रेनिंग लिया. उन्होंने 1992 में असम में अपना करियर शुरू किया है. उन्होंने सोनितपुर, रंगिया और नलबाड़ी में विभिन्न पुलिस पदों पर कार्य किया. इसके बाद उन्होंने जोरहाट, गुवाहाटी और बारपेटा में पुलिस अधीक्षक (SP) के रूप में अपनी सेवाएं दीं.
SPG का भी रहे हिस्सा
ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह वर्ष 2002 में स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) में शामिल हुए और तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और डॉ. मनमोहन सिंह की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाली. वर्ष 2013 से 2019 तक वह नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) में महानिरीक्षक (IG) के पद पर काम किया और कई महत्वपूर्ण आतंकवादी मामलों की जांच का नेतृत्व किया. इन जांचों में समझौता, मालेगांव, अजमेर शरीफ और मक्का मस्जिद विस्फोट शामिल थे.
असम पुलिस में रहे DGP
वह असम में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADGP) के पद पर भी रहे हैं. इसके अलावा राइनो प्रोटेक्शन टास्क फोर्स के प्रमुख के रूप में भी कार्य किया. बाद में फरवरी 2023 में उन्हें असम पुलिस का महानिदेशक (DGP) बनाया गया.
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