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रूस के साथ दोस्ती पर किया सवाल, एस जयशंकर ने पाकिस्तान के बहाने ऐसा धोया कि ऑस्ट्रेलियाई एंकर…

अंतरराष्ट्रीय संबंधों के बारे में बिना किसी लाग-लपेट के बोलने वाले विदेश मंत्री एस. जयशंकर का एक इंटरव्यू इन दिनों खूब चर्चा में है. दरअसल, जयशंकर पिछले दिनों ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर थे. इस दौरान वहां के एक टीवी चैनल ने उनका इंटरव्यू किया. इंटरव्यू करने वाली पत्रकार एंकर ने भारत की रूस के साथ दोस्ती पर सवाल उठाया और कहा कि इससे ऑस्ट्रेलिया के साथ भारत के रिश्ते प्रभावित हो सकते हैं. इस पर जयशंकर ने ऐसा जवाब दिया कि एंकर की बोलती बंद हो गई. विदेश मंत्री ने अपने जवाब के समर्थन में पाकिस्तान का उदाहरण दिया और कहा कि आपको जैसा दिख रहा है दरअसल वास्तविकता में वैसा नहीं होता.

ऑस्ट्रेलिया के स्काई न्यूज चैनल की एंकर शरी मार्कशन एस. जयशंकर का इंटरव्यू कर रही थीं. उन्होंने सवाल किया कि रूस के साथ भारत के रिश्तों को देखते हुए क्या ऑस्ट्रेलिया के साथ उसके रिश्ते में कोई दिक्कत दिख रही है. इस पर एस. जयशंकर ने जवाब देना शुरू किया तो एंकर की बोलती बंद हो गई. जयशंकर ने कहा कि उनको ऐसा नहीं लगता है कि भारत ने कोई परेशानी पैदा की है. आज के समय में देशों का कोई एक्सक्लूसिव रिलेशन नहीं होता. उनका यह इंटरव्यू करीब आधे घंटे का है. यूट्यूब चैनल पर चैनल ने यह इंटरव्यू अपलोड किया है. करीब 20 घंटों में इस इंटरव्यू को 2.60 लाख लोगों ने देखा है. हजारों लोगों ने उनके इंटरव्यू पर कॉमेंट किया है.

पाकिस्तान का उदाहरण
उन्होंने पाकिस्तान का उदाहरण देते हुए कहा कि अगर हम आपके तर्क के हिसाब से सोचें तो हम कह सकते हैं कि पाकिस्तान के साथ कई देशों के रिश्ते हैं. ऐसे में भारत को भी परेशान होने की जरूरत है. फिर उन्होंने आगे कहा कि आपके सवाल के उलट रूस के साथ भारत के रिश्ते से अंतरराष्ट्रीय समुदाय को फायदा हो रहा है. प्रतिबंधों के बावजूद रूस से तेल खरीदने के भारत के फैसले के संदर्भ में उन्होंने कहा कि अगर हमने ऐसा नहीं किया होता तो वैश्विक ऊर्जा बाजार पूरी तरह तबाह हो जाता. वैश्विक स्तर पर ऊर्जा संकट पैदा हो गया होता. इससे पूरी दुनिया में महंगाई चरम पर होती.

जयशंकर ने इसमें आगे जोड़ा कि रूस के साथ भारत के रिश्ते की वजह से ही हम इस संघर्ष को वार्ता की मेज पर लाने में कामयाब हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि रूस के साथ हमारे अच्छे संबंध हैं. ऐसे में हम रूस और यूक्रेन दोनों के साथ बातचीत करने में सक्षम हैं. हम मानते है कि दुनिया और यहां तक कि ऑस्ट्रेलिया को भी ऐसे देश की जरूरत है जो जंग को वार्ता की मेज तक लाने में सहयोग कर सके. उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा विरले होता है जब कोई जंग युद्ध के मैदान में खत्म हुआ हो, बल्कि अधिकतर समय में यह बातचीत की मेज पर खत्म होता है. रूस-यूक्रेन जंग में ऑस्ट्रेलिया यूक्रेन के साथ है. वह उसे अमेरिका, यूरोप के साथ मिलकर यूक्रेन को हथियार मुहैया करवा रहा है. जयशंकर का यह पूरा जवाब सुनने के बाद ऐसा लगा कि ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार के पास सवाल ही खत्म हो गए हों.

FIRST PUBLISHED : November 13, 2024, 14:22 IST


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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