मध्यप्रदेश

NSA action against law student | बैतूल का लॉ स्टूडेंट 8 महीने से जेल में बंद: जबलपुर हाईकोर्ट में पिता की याचिका; कहा-दबाव में आकर कलेक्टर ने की एकतरफा कार्रवाई – Jabalpur News

लॉ स्टूडेंट के पिता की याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई।

जबलपुर हाईकोर्ट में एक लॉ स्टूडेंट के पिता ने याचिका दायर की है। जिसमें बताया है कि उनके 27 वर्षीय बेटे के खिलाफ बैतूल कलेक्टर ने राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत कार्रवाई करते हुए जेल भेज दिया है। वह 8 माह से जेल में है।

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मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट जस्टिस सुश्रुत धर्माधिकारी और जस्टिस अनुराधा शुक्ला की डिविजन बेंच ने राज्य सरकार, बैतूल कलेक्टर और एसपी को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा है कि निश्चित रूप से 10 जुलाई के पूर्व इस केस का जवाब बनाकर कोर्ट में दिया जाए।

अभद्रता पर प्रोफेसर से हुआ था विवाद

याचिका में बताया गया कि 14 जून 2024 को अनु उर्फ अनिकेत अपने 5 अन्य साथियों के साथ बैतूल के जेएच काॅलेज पहुंचा था। वहां काॅलेज प्रोफेसर नीरज धाकड़ ने एक लड़की के साथ अभद्रता की थी। जिसके बाद अनिकेत और उनके साथियों का प्रोफेसर से विवाद हो गया था। इस घटना के बाद प्रोफेसर ने अनिकेत पर आरोप लगाए कि उसने आंखों में मिर्च डाली और डंडे से मारपीट की, जिसके चलते उन्हें गंभीर चोट आई है।

15 जून को बैतूल के गंज थाने में अन्नू अनिकेत के साथ हेमंत (18) पिता लल्लू प्रसाद यदुवंशी, निवासी ग्राम सिमरिया नवेगांव छिंदवाड़ा, शिवम (24) पिता दिनेश सोलंकी निवासी ग्राम बोड़की, थाना आमला, कुनाल (20) पिता बलवंत चड़ोकार निवासी कालापाठा गंज, बैतूल, लक्की (19) पिता उदयसिंह चौहान, निवासी ग्राम बोड़की थाना आमला और एक नाबालिग को आरोपी बनाया गया।

विवाद के बाद गंज थाने में एफआईआर हुई, इसकी जानकारी लगते ही 16 जून को थाने में जाकर सरेंडर कर दिया। गंज पुलिस ने अनिकेत के खिलाफ धारा 307, 353, 338, 148, 149 के तहत मामला दर्ज किया था।

14 जून 2024 को कॉलेज में घुसते और बाहर निकलते समय अनिकेत और उसके साथियों के चेहरे CCTV में कैद हो गए थे।

धाकड़ समाज ने दिया ज्ञापन प्रोफेसर नीरज के साथ हुए विवाद के बाद धाकड़ समाज के लोगों ने बैतूल कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की थी। पुलिस पूछताछ में प्रोफेसर ने बताया कि अनिकेत कॉलेज का पूर्व स्टूडेंट है, जिससे कुछ समय पहले विवाद हुआ था।

अनिकेत संस्कृत विभाग से प्रोफेसर की सील और लेटर हेड लेकर भाग रहा था। उस समय उसे पकड़ लिया तो उससे झूमाझटकी हुई। कॉलेज में कुछ छात्राओं की स्कॉलरशिप के मामले को लेकर अन्नू ठाकुर वहां पहुंचा था।

याचिकाकर्ता का आरोप है कि समुदाय विशेष के दबाव में आकर कलेक्टर ने एक तरफा कार्रवाई की और एनएसए लगा दिया, जबकि उसके खिलाफ जो भी आपराधिक मामले में है, वह काफी पुराने हैं, और छात्र राजनीति में रहते हुए उसके खिलाफ दर्ज किए गए थे।

प्रोफेसर से विवाद के बाद धाकड़ समाज के लोगों ने प्रदेशभर में ज्ञापन दिया था।

प्रोफेसर से विवाद के बाद धाकड़ समाज के लोगों ने प्रदेशभर में ज्ञापन दिया था।

जुलाई 2024 को अनिकेत पर लगा एनएसए

बैतूल कलेक्टर ने अनिकेत के खिलाफ 11 जुलाई 2024 को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत एनएसए की कार्रवाई करते हुए उसे भोपाल जेल भेज दिया। तब से वह अभी भी जेल में है। याचिकाकर्ता के पिता कृपाल सिंह ने अपने बेटे अनिकेत पर लगाए गए एनएसए के आवेदन को बैतूल कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत किया। जिसे खारिज कर दिया गया। कलेक्टर की कार्रवाई को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। 15 फरवरी 2025 को मामले की सुनवाई हुई। कोर्ट ने राज्य सरकार सहित कलेक्टर और एसपी को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है।

विवाद के बाद प्रोफेसर बेहोश हो गए थे।

विवाद के बाद प्रोफेसर बेहोश हो गए थे।

लाॅ के छात्र पर एनएसए की कार्रवाई क्यों?

राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत याचिकाकर्ता को निरुद्ध किए जाने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका में सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को हर हाल में 10 जुलाई के पूर्व जवाब देने निर्देशित किया है। यह याचिका याचिकाकर्ता बैतूल जिले के विधि छात्र अन्नू उर्फ अनिकेत की ओर से वाद मित्र के रूप में उनके पिता कृपाल सिंह की और से प्रस्तुत की गई है।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता असीम त्रिवेदी ने बताया कि बैतूल जिले में असिस्टेंट प्रोफेसर के साथ कथित मारपीट में अनिकेत के विरुद्ध कार्रवाई की गई है। जबकि विवाद एक अनुसूचित जाति की छात्रा से प्रोफेसर द्वारा अशोभनीय बर्ताव के कारण बढ़ा था। प्रोफेसर ही फोटोग्राफ में याचिकाकर्ता के साथ मारपीट करते दिखाई दे रहे हैं।

केवल एक समुदाय विशेष के अनुचित राजनैतिक दबाव के कारण याचिकाकर्ता के विरुद्ध निरोध आदेश पारित किया है। इसमें संवैधानिक प्रक्रिया का हनन किया है। जैसे जिला मजिस्ट्रेट ने राज्य सरकार के समक्ष तत्क्षण पुष्टि के लिए निरोध आदेश प्रेषित नहीं किया। निरुद्ध के आधार व सामग्री केंद्र सरकार को प्रेषित नहीं किया।

याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि जब वह जेल में एक माह से बंद था, तब जेल में रहते हुए उसके खिलाफ एनएसए की कार्रवाई की गई है, जो कि गलत है।

अधिवक्ता असीम त्रिवेदी ने बताया-

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अगर उसके बाहर रहने से समाज को खतरा होता तो एनएसए की कार्रवाई उचित थी। घटना के बाद उसने स्वयं जाकर थाने में सरेंडर किया और एक माह से जेल में था, उसके बाद याचिकाकर्ता को अपनी बात रखने का मौका भी नहीं दिया गया।

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यह खबर भी पढ़ें… कॉलेज में घुसकर प्रोफेसर को लाठी-डंडों से पीटा

बैतूल में कुछ बदमाशों ने कॉलेज में घुसकर एक प्रोफेसर पर जानलेवा हमला कर दिया। बदमाशों ने पहले प्रोफेसर की आंखों में मिर्ची झोंकी और फिर लाठी-डंडों से पिटाई कर दी। हमले में गंभीर रूप से घायल प्रोफेसर को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पूरी खबर यहां पढ़ें…


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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