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शिक्षक से बनीं बिजनेसवुमन! बेटी की खातिर शुरू किया स्टार्टअप, रेणु शर्मा की कहानी आपको इंस्पायर कर देगी

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गाज़ियाबाद की रेणु शर्मा ने शिक्षक की नौकरी छोड़ ‘सिया किचेन एंड कैफे’ शुरू किया. लॉकडाउन में बेटी सिया के जन्म के बाद रेणु ने परवरिश को प्राथमिकता दी. अब उनका कैफे सफल है.

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शिक्षक की नौकरी छोड़ खोला खुद का स्टार्टअप.

हाइलाइट्स

  • रेणु शर्मा ने शिक्षक की नौकरी छोड़ कैफे शुरू किया
  • लॉकडाउन में बेटी सिया के जन्म के बाद कैफे खोला
  • सिया किचेन एंड कैफे गाजियाबाद में सफल है

गाजियाबाद: अक्सर कहा जाता है कि महिलाएं सिर्फ घर संभालने के लिए बनी हैं, लेकिन इस धारणा को गाजियाबाद की रेणु शर्मा ने पूरी तरह गलत साबित कर दिया. उन्होंने अपने संघर्ष और मेहनत से यह दिखा दिया कि एक महिला अपने परिवार की जिम्मेदारी निभाते हुए भी अपने सपनों को साकार कर सकती है.
रेणु शर्मा जो लंबे समय तक शिक्षा जगत से जुड़ी रही और एक टीचर के रूप में उन्होंने स्कूल की नौकरी भी की. जब देश में लॉकडाउन लगा हुआ था, तब उन्होंने अपनी बेटी सिया को जन्म दिया. लेकिन लॉकडाउन के बाद, बच्ची की परवरिश और अपनी नौकरी के बीच संतुलन बनाना उनके लिए मुश्किल हो गया. ऐसे में उन्होंने अपनी नौकरी छोड़कर बेटी की देखभाल को प्राथमिकता देने का फैसला लिया.

खुद का स्टार्टअप किया शुरू
रेणु शर्मा का सपना हमेशा से खुद का रेस्टोरेंट खोलने का था, लेकिन उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि यह सपना ऐसे पूरा होगा. बेटी की देखभाल के साथ-साथ उन्होंने तीन साल पहले “सिया किचन एंड कैफे” की शुरुआत की. गाजियाबाद के आरडीसी इलाके में स्थित इस कैफे को उन्होंने इस सोच के साथ शुरू किया कि इससे वे अपनी बेटी की परवरिश भी अच्छे से कर सकेंगी और अपने पैरों पर भी खड़ी हो सकेंगी.

संघर्ष से मिली सफलता
कैफे की शुरुआत करना आसान नहीं था. रेणु शर्मा को घर से लेकर बाहर तक कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. शुरुआती दिनों में उन्होंने रोज 14 से 16 घंटे तक कड़ी मेहनत की और धीरे-धीरे उनका कैफे पहचान बनाने लगा.
आज सिया किचन एंड कैफे गाजियाबाद में 4.9 की बेहतरीन रेटिंग के साथ फेमस हो चुका है. यहां की स्वादिष्ट पेस्ट्री और केक लोगों को खूब पसंद आ रहे हैं. रोजाना कैफे में कई ऑर्डर आते हैं, और ग्राहकों का रिस्पांस भी काफी शानदार है.

सपना और बड़ा करने की चाहत
रेणु शर्मा ने बताया कि वह भविष्य में अपने कैफे को और बड़ा बनाना चाहती हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक अपने स्वाद का जादू पहुंचा सकें. उनकी यह कहानी उन महिलाओं के लिए एक प्रेरणा है, जो खुद का व्यवसाय शुरू करने का सपना देखती हैं.
रेणु शर्मा ने यह साबित कर दिया कि अगर आपके अंदर कुछ करने की ललक हो, तो कोई भी सपना नामुमकिन नहीं होता.

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बेटी की खातिर छोड़ी नौकरी, अब बन गईं सफल बिजनेसवुमन!


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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