आधी दुनिया में सफेद तबाही का बड़ा खतरा, वैज्ञानिकों ने क्यों दी चेतावनी, अभी से हो जाएं सावधान

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Polar Vortex Collapse: पोलर वोर्टेक्स के टूटने से अमेरिका, कनाडा और यूके में भयानक शीत लहर का खतरा है. वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि मार्च में तापमान में भारी गिरावट हो सकती है.
US और यूरोप के कुछ हिस्सों में तापमान में ऐतिहासिक गिरावट देखने को मिल सकती है. (फोटो Reuters)
हाइलाइट्स
- अमेरिका, कनाडा और यूके में शीत लहर का खतरा.
- मार्च में तापमान में भारी गिरावट की चेतावनी.
- पोलर वोर्टेक्स के टूटने से ठंड बढ़ेगी.
Polar Vortex Collapse: पृथ्वी का तापमान दिनों-प्रतिदिन गर्म होता जा रहा है. लेकिन एक भयानक शीत लहर का खतरा अमेरिका, कनाडा और यूके पर मंडरा रहा है. इस सफेद तबाही को लेकर वैज्ञानिकों ने बड़ा अलर्ट जारी किया है. वैज्ञानिकों के अनुसार एक भयानक शीत लहर का खतरा अमेरिका, कनाडा और यूके पर मंडरा रहा है. मौसम वैज्ञानिक चेतावनी दे रहे हैं कि पोलर वोर्टेक्स, जो आर्कटिक के ऊपर ठंडी हवा का एक विशाल भंवर है, एक बार फिर टूटने की कगार पर है.
इसका मतलब है कि मार्च में दुनिया के कई देशों में कड़ाके की ठंड वापस आ सकती है, जिससे तापमान में भारी गिरावट आएगी और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो सकता है. रिपोर्ट के अनुसार पिछले महीने पोलर वोर्टेक्स के टूटने के बाद से ही यह आशंका जताई जा रही थी कि यह घटना फिर से हो सकती है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह टूटन और भी भयावह हो सकती है. इससे उत्तरी अमेरिका और यूरोप के कुछ हिस्सों में तापमान में ऐतिहासिक गिरावट देखने को मिल सकती है.
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पोलर वोर्टेक्स बदल रहा है अपना आकार
AccuWeather के मौसम विज्ञानी पॉल पास्टेलोक के अनुसार, यह पोलर वोर्टेक्स का विस्थापन यूरोप और पूर्वी कनाडा की ओर हो सकता है. इससे इन क्षेत्रों में भीषण ठंड पड़ सकती है. हालांकि आमतौर पर एक मजबूत पोलर वोर्टेक्स ठंडी हवा को ध्रुवों में बंद रखता है, लेकिन इस बार यह अजीब तरह से खिंच रहा है और अपना आकार बदल रहा है. यह असामान्य व्यवहार वायुमंडल में ऊर्जा के उतार-चढ़ाव के कारण हो रहा है, जिससे पोलर वोर्टेक्स सामान्य से ज़्यादा खिंच और सिकुड़ रहा है.
विशेषज्ञों को किस बात की चिंता?
जबकि NOAA का कहना है कि पोलर वोर्टेक्स इस साल “काफी मजबूत” रहा है. लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इसका अजीब आकार और बार-बार टूटना चिंता का विषय है. जब पोलर वोर्टेक्स टूटता है, तो यह जेट स्ट्रीम को प्रभावित करता है. इससे ठंडी हवा दक्षिण की ओर धकेल जाती है. इसका नतीजा भयंकर बर्फीले तूफान और जानलेवा ठंड के रूप में सामने आता है.
फरवरी में पोलर वोर्टेक्स के टूटने से पहले ही कई क्षेत्रों में रिकॉर्ड तोड़ बर्फबारी और ठंड दर्ज की जा चुकी है. वैज्ञानिक इस बात पर बहस कर रहे हैं कि ग्लोबल वार्मिंग के बावजूद इतनी भीषण ठंड क्यों पड़ रही है. कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन जेट स्ट्रीम के व्यवहार को प्रभावित कर रहा है, जिससे चरम मौसमी घटनाएं बढ़ रही हैं. भले ही कारण जो भी हो, एक बात तो साफ़ है कि इस साल ठंड का कहर अभी खत्म नहीं हुआ है. पोलर वोर्टेक्स का खतरा अभी टला नहीं है और आने वाले हफ़्तों में तापमान में और गिरावट आ सकती है.
March 05, 2025, 17:23 IST
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