अजब गजब

Maoists attack in Dantewada snatched 2 sons from the same village, mourning spread all around | दंतेवाड़ा में माओवादियों के हमले ने एक ही गांव से छीन लिए 2 लाल, चारों तरफ पसरा मातम

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माओवादी हमले में 10 जवान शहीद हो गए थे।

रायपुर: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के एक गांव ने बुधवार को हुए माओवादियों के हमले में अपने 2 बेटों को खो दिया। इस हमले में शहीद बड़े गुडरा गांव के निवासी जगदीश कोवासी और राजू करटम सरकारी नौकरी और बेहतर जिंदगी की तलाश में पुलिस में भर्ती हुए थे लेकिन एक विस्फोट ने उनके और उनके परिजनों का सपना तोड़ दिया। अपने दो बेटों को खोने के बाद पूरे गांव में अब मातम पसरा हुआ है।

बड़े गुडरा गांव के 2 लाल हुए शहीद, पसरा मातम

दंतेवाड़ा जिले के अरनपुर इलाके में बुधवार को माओवादियों द्वारा किए गए बारूदी सुरंग विस्फोट में मारे गए 10 पुलिसकर्मियों में कुआकोंडा थाना क्षेत्र के बड़े गुडरा गांव के निवासी गोपनीय सैनिक 24 वर्षीय जगदीश कुमार कोवासी और 25 साल के राजू राम करटम भी शामिल हैं। कोवासी के चचेरे भाई राकेश कोवासी ने बताया कि जगदीश कोवासी और करटम पिछले साल 10 मार्च को एक ही दिन गोपनीय सैनिक के रूप में फोर्स में शामिल हुए थे।

‘दोनों की मौत के बाद गांव में निराशा का माहौल है’
गोपनीय सैनिक संबंधित जिले के पुलिस अधीक्षक (SP) या वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा संविदा के आधार पर भर्ती किए गए गुप्त सैनिक होते हैं। स्थानीय आदिवासी आबादी और सरेंडर करने वाले नक्सलियों को बस्तर संभाग में नक्सल विरोधी अभियानों के दौरान सुरक्षाकर्मियों की मदद करने और गुप्त सूचना देने के लिए गोपनीय सैनिक के तौर पर फोर्स में शामिल किया गया है। कोवासी ने बताया कि पहली बार गांव 2 युवक पुलिस में शामिल हुए थे, लेकिन दुर्भाग्य से शामिल होने के एक साल बाद ही उनकी जान चली गई। उन्होंने कहा कि अब गांव में निराशा का माहौल है।

‘हम जगदीश की शादी के लिए लड़की खोज रहे थे’
राकेश ने जगदीश को याद करते हुए कहा, ‘सोमवार को जगदीश गांव आया था और मुझसे मिला था। हम अगले साल तक उसकी शादी करने वाले थे और लड़की खोज रहे थे। उसने कहा था कि उसे अगले साल सर्विस में परमानेंट कर दिया जाएगा, जिसके बाद वह शादी कर लेगा। जगदीश 12वीं कक्षा तक गांव के ही स्कूल में पढ़ा था और नौकरी करना चाहता था। वह और करटम एक दूसरे को जानते थे लेकिन पक्के दोस्त नहीं थे। उन्होंने कहा कि दोनों परिवार गांव में अलग-अलग गलियों में रहते हैं।’

‘करटम शादीशुदा था और उसके एक बच्चा भी है’
राकेश ने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि दोनों ने पुलिस में शामिल होने का फैसला कैसे किया क्योंकि जो कोई भी फोर्स में शामिल होना चाहता है, उसे क्षेत्र में माओवादियों के प्रकोप का सामना करना पड़ता है। जगदीश तीन भाइयों में दूसरा था। उसके माता-पिता गांव में रहते हैं। करटम शादीशुदा था और उसका एक बच्चा भी है।’ दंतेवाड़ा के अरनपुर थाना क्षेत्र में नक्सलियों ने बुधवार को सुरक्षाकर्मियों के काफिले में शामिल एक गाड़ी को बारूदी सुरंग में विस्फोट कर उड़ा दिया था, जिसमें पुलिस के जिला रिजर्व गार्ड (DRG) के 10 जवान और एक ड्राइवर की मौत हो गई। (भाषा)

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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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