मध्यप्रदेश

Negligence of Pandharinath police again | इंदौर में दिव्यांग से यौन शोषण: बेटे को इंसाफ दिलाने भटकती रही मां; कमिश्नर से शिकायत के बाद केस दर्ज – Indore News

इंदौर में एक महिला अपने दिव्यांग बेटे को इंसाफ दिलाने के लिए पिछले 20 दिनों से भटक रही थी। उसके बेटे के साथ एक डेयरी संचालक ने यौन शोषण किया थाा। घटना के दिन ही महिला ने थाने में शिकायत दर्ज करा दी। बाद में मेडिकल रिपोर्ट में भी अप्राकृतिक कृत्य की ब

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आखिरकार पीड़ित महिला किसी तरह पुलिस कमिश्नर तक पहुंची। उनके निर्देश पर पुलिस ने महादेव डेयरी के संचालक पंकज के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।

बेटे को डेयरी पर दूध लेने भेजा था

घटना 2 फरवरी की है। महिला ने दिव्यांग 27 वर्षीय बेटे को महादेव डेयरी पर दूध लेने भेजा। जब बेटा काफी देर तक वापस नहीं आया तो बेटी को लेकर महिला महादेव डेयरी पर पहुंची। यहां पंकज से बात की तो उसने कहा कि आपका बेटा आया था। मैंने उसे पीछे की दुकान पर काम से भेजा है।

महिला काफी देर तक उसका इंतजार करती रही। जब युवक की बहन उसे देखने दुकान के पीछे वाली गली में गई तो पंकज अंदर की तरफ चला गया। बाद में उसने पीछे के चैनल गेट से युवक को बाहर कर दिया। यह उसकी बहन ने देख लिया। वह भाई को लेकर पंकज की दुकान पर पहुंची। यहां पर उसकी मां भी खड़ी थी। वह काफी घबराया हुआ था। पूछने पर उसने मां और बहन को बताया कि पंकज ने उसे बाथरूम में बंद कर गलत काम किया और मारपीट भी की।

2 फरवरी की रात में ही थाने में आवेदन दिया

महिला ने 2 फरवरी की रात में ही घटना को लेकर थाने आवेदन दे दिया था। पुलिस कर्मी उसे जिला अस्पताल धार नाका लेकर गए। यहां मेडिकल के बाद उसे एमवाय अस्पताल भेज दिया गया। मेडिकल रिपोर्ट में डाॅक्टर ने उसके साथ गलत काम का उल्लेख किया है।

हालांकि, मेडिकल रिपोर्ट के 2 माह बाद भी कार्रवाई नहीं करते हुए पुलिस महिला को टालती रही।

22 फरवरी को महिला अपने वकील कृष्ण कुमार कुन्हारे और डॉ. रुपाली राठौर के साथ पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह के ऑफिस पहुंची। यहां भी महिला ने उन्हें पूरी बात बताई। मामले में आरोपी पर केस दर्ज कराया।

पुलिस कमिश्नर ने सुनाई थी सजा एक सप्ताह पहले ही पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह ने पंढरीनाथ थाने का दौरा किया था। यहां टीआई कपिल शर्मा के साथ स्टाफ को बीएनएस की धारा के साथ नाबालिग की गुमशुदगी के मामले में फटकार लगाई थी। इसके बाद सभी को 3 दिन की डीसीपी ऋषिकेश मीणा के यहां ट्रेनिंग देने की बात कही। बाद में टीआई सहित सभी पुलिसकर्मियों को यहां एग्जाम देना पड़ा था। बेहतर रिजल्ट आने के बाद सभी को थाने भेजा गया था।


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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