मध्यप्रदेश

Vijay Shah: High Court Raises Questions On The Content Of Fir Lodged Against Minister Shah – Amar Ujala Hindi News Live

महिला सैन्य अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी पर मंत्री विजय शाह के विवादित बयान पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी की थी। साथ ही एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे। मंत्री विजय शाह के मामले में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में जस्टिस अतुल श्रीधरन तथा जस्टिस अनुराधा शुक्ला की युगलपीठ ने फिर सुनवाई की।

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महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि आदेश पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने FIR की भाषा,धाराएं और तरीके पर सवाल उठाए हैं। हाईकोर्ट ने कहा है कि ऐसी भाषा के साथ FIR लिखी गई है कि वह निरस्त हो जाए। इसमें आरोपी के अपराध का जिक्र नहीं है। आरोपी के हित को  देखते हुए इसे दर्ज किया गया है। इस पर कोर्ट में महाधिवक्ता ने कहा कि राज्य की मनसा पर शक ना किया जाए। कोर्ट के आदेशों का पालन किया जा रहा है।

ये भी पढ़ें- Vijay Shah: अमित शाह से बात करना चाहते हैं MP के मंत्री, हाईकोर्ट ने कहा- बयान कैंसर जैसा; अब तक क्या हुआ?

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा कि एफआईआर किसने ड्राफ्ट की है? कोर्ट को महाधिवक्ता ने बताया कि एफआईआर को कोर्ट के आदेश के अनुसार चार घंटे में दर्ज किया गया है। आरोपी के हित को देखते हुए एफआईआर नहीं लिखी गई है। इस पर कोर्ट ने सवाल उठाया कि अपराध हुआ है, इसके बारे में जानकारी नहीं है। महाधिवक्ता ने कोर्ट से निवेदन किया कि राज्य सरकार को शक की नजर नहीं देखा जाए। कोर्ट के जैसे निर्देश होंगे वैसा किया जाएगा।

महाधिवक्ता ने सुनवाई के दौरान कोर्ट में एफआईआर पढ़कर भी सुनाई। कोर्ट ने कहा कि ये कोई मर्डर का केस नहीं है। यहां पर किसी व्यक्ति ने क्या कहा है? इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। कोर्ट ने जो संज्ञान लिया है इसके बारे में कोई जानकारी एफआईआर में नहीं दी गई है। अपराध के बारे में कोई जानकारी नहीं है। इस पूरे मामले में नए आदेश कोर्ट ने दिए हैं। इसमें बुधवार शाम तक अमल में लाने के लिए कहा है। 

बता दें कि मंत्री विजय शाह के मामले में बुधवार को  हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए इसे कैंसर जैसा घातक बताया था। हाईकोर्ट ने कहा कि मंत्री शाह ने गटरछाप भाषा का इस्तेमाल किया है, जो अस्वीकार्य है। इसके बाद बुधवार देर रात महू पुलिस ने विजय शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली।  गुरुवार को विजय शाह सुप्रीम कोर्ट की शरण में भी पहुंचे और एफआईआर पर रोक लगाने की मांग की, लेकिन यहां भी शाह को राहत नहीं मिली। सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि आप संवैधानिक पद हैं और आपको अपनी जिम्मेदारी का एहसास होना चाहिए। एक मंत्री होकर आप किस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं।


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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