मध्यप्रदेश

Waiting period longer than 1 year for USA visa | अमेरिकी वीजा के लिए 1 साल की वेटिंग: एमपी के 5 हजार लोगों की एप्लिकेशन पेंडिंग; यूएस जाने वालों में भोपाल से आगे इंदौरी – Indore News

एमपी से यूएसए जाने के इच्छुक टूरिस्टों को अब वीजा के लिए दो साल तक इंतजार करना पड़ रहा है। टूरिस्ट वीजा के लिए बायोमेट्रिक और इंटरव्यू अपॉइंटमेंट की वेटिंग समय बढ़कर 24 महीने से ज्यादा हो गई है।

.

ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (TAFI) के एमपी-सीजी अध्यक्ष हेमेंद्र सिंह जादौन के मुताबिक, एमपी के 5 हजार से अधिक लोगों के यूएस वीजा आवेदन पिछले एक साल से पेंडिंग हैं। पहले बायोमेट्रिक और इंटरव्यू दो दिन के अंदर बैक-टू-बैक हो जाया करते थे, लेकिन अब इन दोनों के बीच 1 से 2 महीने का अंतर आ रहा है।

कोविड के बाद से ही अमेरिका वीजा की प्रक्रिया धीमी हो गई है। अब टूरिस्टों को 24 महीने तक इंतजार करना पड़ रहा है। यह समस्या दोनों ही सेगमेंट बी1 और बी2 वीजा को लेकर बनी हुई है। इसके पीछे का मुख्य कारण अमेरिकी एम्बेसी द्वारा कोविड के दौरान स्टाफ की कटौती करना। और स्थिति सामान्य होने पर वापस स्टाफ को न बुलाना। लगातार बढ़ती डिमांड और प्रोसेसिंग में देरी से हजारों यात्री असमंजस में हैं।

वीजा मिलने में इसलिए आ रही समस्या एम्बेसी सूत्रों के मुताबिक, कोविड के बाद से ही वीजा को लेकर समस्या आ रही है। यह समस्या स्टाफ की कमी के कारण हुई है। कोविड के दौरान यूएसए की तरफ से स्टाफ कम किया गया था। जिस वजह से यह समस्या बनी है।

वहीं अमेरिकी एम्बेसी के अधिकारियों ने वीजा की स्थिति में सुधार के पर कई कदम उठाए जाने की बात कही है। बताया जा रहा है कि वीजा देने के लिए लंबे इंतजार को ध्यान में रखकर अमेरिका और अधिक कर्मियों की भर्ती और “ड्रॉप बॉक्स” सुविधाओं को बढ़ाने समेत कई पहल कर रहा है।

इंदौर-भोपाल से हर महीने 500 से अधिक एप्लिकेशन ट्रैवल एजेंट्स के मुताबिक एमपी के 5 हजार से ज्यादा लोगों का यूएसए का वीजा 1 साल से ज्यादा समय से पेंडिंग है। इंदौर से हर महीने औसतन 300 यात्री और भोपाल से हर महीने 200 यात्री यूएस वीजा के लिए आवेदन करते हैं।

बीते कुछ सालों से यूएस आने-जाने वाले यात्रियों की संख्या इतनी हो गई है कि सबसे ज्यादा बी 1 और बी 2 वीजा के लिए परेशानी बढ़ गई है। यात्रियों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। इसके अलावा स्टूडेंट या विजिटर वीजा, जिनके परिजन यूएस में रहते हैं, वह वीजा मिलने में पहले की ही तरह आसानी है। उन्हें कोई दिक्कत नहीं हो रही है।

यह है बी1, बी2 वीजा बी-1 और बी-2 वीजा संयुक्त राज्य अमेरिका में कई उद्देश्यों के लिए सबसे अधिक जारी किए जाने वाले वीजा हैं। बी-1 वीजा मुख्य रूप से अल्पकालिक व्यवसायिक यात्राओं के लिए जारी किया जाता है, जबकि बी-2 वीजा पर्यटन उद्देश्यों के लिए जारी किया जाता है।

अब जानिए 4 केस जिन्हें यूएसए वीजा अप्लाई किए 2 साल से ज्यादा हो गए

केस 1: दो साल इंतजार, अब जाकर मिला अपॉइंटमेंट इंदौर की वृंदा अनुज आनंद बताती हैं कि उन्होंने 2 साल पहले यूएसए के टूरिस्ट वीजा के लिए अप्लाई किया था, लेकिन अब जाकर उन्हें अपॉइंटमेंट मिला है। एम्बेसी से पहला शेड्यूल अगस्त 2024 में बायोमेट्रिक के लिए मिला और दूसरा शेड्यूल इंटरव्यू के लिए सितंबर 2024 का था।

ये दोनों अपॉइंटमेंट अलग-अलग शहरों के थे, इसलिए मैंने इन्हें एक ही शहर में कराने के लिए रिशेड्यूल की एप्लिकेशन दी। उसके बाद नया अपॉइंटमेंट 13-14 जून 2025 का मिला, यानी करीब 8 महीने बाद।

केस 2: एम्बेसी से ईमेल का जवाब तक नहीं मिला निर्भय कासलीवाल और सारिका कासलीवाल ने बताया कि परिवार सहित यूएसए जाने का प्लान तैयार किया है। लेकिन वीजा नहीं मिलने के कारण जा नहीं पा रहे है। 1.5 साल पहले वीजा के लिए अप्लाई किया था। वीजा के लिए एम्बेसी डेट ही नहीं दे रहा है।

वहीं एम्बेसी से बीच में एक बार डेट मिली भी थी तो बायोमैट्रिक और इंटरव्यू शेड्यूल में 6 महीने का गेप था। पूरी फैमिली का टूरिस्ट वीजा अप्लाई किया है। एंबेसी वाले ना कॉल उठाते है और ना ही किसी ईमेल का जवाब देते है। वीजा के देरी से मिलने के चलते कई एजेंट एक्टिव हो गए हैं। एजेंट एम्बेसी में सेटिंग का बोलकर ज्यादा पैसे ले रहे है। लेकिन होता कुछ नहीं है।

निर्भय कासलीवाल ने परिवार के साथ यूएसए वीजा के लिए 1.5 साल पहले अप्लाई किया था। लेकिन अब तक प्रोसेस पेंडिंग है।

निर्भय कासलीवाल ने परिवार के साथ यूएसए वीजा के लिए 1.5 साल पहले अप्लाई किया था। लेकिन अब तक प्रोसेस पेंडिंग है।

केस 3: अलग-अलग समय पर अपॉइंटमेंट मिला

केस 4: फरवरी 2025 में अप्लाई किया, फरवरी 2026 की डेट मिली सीए पंकज पटवा ने बताया कि फैमिली के साथ यूएसए जाने के लिए 3 महीने पहले टूरिस्ट वीजा के लिए अप्लाई किया हुआ है। एंबेसी की तरफ से फरवरी-मार्च 2026 में अपॉइंटमेंट देने की बात कही गई है। हमने एम्बेसी से देरी होने की जानकारी मांगी तो वहां से बताया गया कि काफी लोगों ने वीजा के लिए अप्लाई किया हुआ है। जिसके कारण इतना समय लग रहा है।

अब जानिए, कोविड के पहले किस तरह से मिल रहा था वीजा

अमेरिका के टेक्सॉस शहर में रह रहे इंदौर के सॉफ्टवेयर इंजीनियर अंकुश वर्मा ने बताया कि वह कोरोना के पहले अमेरिका गए थे। उन्होंने जिस समय वीजा के लिए अप्लाई किया था तक कोई समस्या नहीं आई थी। उस दौरान आसानी से वीजा मिल गया था।

अंकुश बताते है की उन्हें वीजा अप्लाई करने के दो माह बाद की ही बायोमेट्रिक और इंटरव्यू अपॉइंटमेंट की बैक-टू-बैक तारीखें मिल गई थी। अंकुश ने बताया कि अमेरिका में रहने या वीजा को लेकर फिलहाल तो कोई समस्या नहीं है। मुझे भी यह जानकारी मिली है कि वर्तमान में वीजा के लिए 1 साल से ज्यादा वेटिंग चल रही है।

सॉफ्टवेयर इंजीनियर अंकुश वर्मा जो लंबे समय से अमेरिका में रह रहे है।

सॉफ्टवेयर इंजीनियर अंकुश वर्मा जो लंबे समय से अमेरिका में रह रहे है।

अपने पसंद का अपॉइंटमेंट शहर मिलता था लेकिन अब ऐसा नहीं ट्रैवल एजेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष हेमेंद्र सिंह जादौन ने कहा कि यह सिनेरियो कोविड के बाद से ही देखने में आया है। कोविड के पहले 1 महीने के अंदर ही वीजा मिल जाता था। तब हमें अपॉइंटमेंट के लिए हमारी मर्जी के शहर भी मिल जाते थे। लेकिन वर्तमान में ऐसा नहीं है।

वर्तमान में पसंद का शहर तो दूर बायोमेट्रिक और इंटरव्यू के लिए बेक-टू-बेक तारीखें भी नहीं मिल रही है। वहीं दोनों ही अप्वाइमेंट कई बार अलग-अलग शहर में मिल रहे है। हमनें इस समस्या से कई बार यूएस कॉन्सुलेट को अवगत कराया है। उनकी तरफ से कहा गया है कि जल्द ही स्थिति में सुधार आएगा।

हर बुधवार शहर में ही वीजा हेमेंद्र जादौन ने बताया कि एक तरफ जहां अमेरिका के वीजा के लिए यात्रियों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। वहीं दूसरी तरफ यूरोप और यूके का वीजा आसानी से मिल रहा है। जादौन ने कहा कि खास बात यह है कि यूरोप और यूके के वीजा के लिए यात्रियों को मुंबई या दिल्ली जाने की जरूरत खत्म हो गई है।

यूरोप और यूके लिए इंदौर में ही हर बुधवार कैंप लग रहा है। 2018 से हर महीने इंदौर में बुधवार को टीम आती है और वीजा के लिए यात्रियों से एप्लिकेशन लेती है। जादौन ने बताया कि बीते कई सालों से यूके और यूरोप के लिए बायोमेट्रिक हर बुधवार को शहर में ही हो जाते हैं। पहले लोगों को इसके लिए दिल्ली, मुंबई जाना होता था, लेकिन अब यह काफी सुविधाजनक हो गया है।


Source link

एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!