India Pakistan Operation Sindoor Update । Pahalgam Terrorist Attack । मिशन मोदी सरकार का, चेहरा होंगे शशि थरूर, पूरी दुनिया में पाकिस्तान को बेनकाब करने का प्लान तैयार

नई दिल्ली. कांग्रेस द्वारा लक्ष्मण रेखा पार करने के लिए फटकार लगाए जाने के एक दिन बाद, शशि थरूर को वैश्विक मंच पर पाकिस्तान स्पॉन्सर आतंकवाद को उजागर करने के लिए अगले सप्ताह विभिन्न देशों का दौरा करने वाले सरकार के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का सदस्य नामित किया गया है. सूत्रों के अनुसार, शशि थरूर के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल पहले अमेरिका और फिर यूरोप की यात्रा करेगा.
सूत्रों के अनुसार, सरकार ने थरूर से अमेरिका और यूरोप में बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए संपर्क किया था क्योंकि वह विदेश मामलों की स्थायी समिति के अध्यक्ष हैं. इस बीच, यह भी पता चला है कि थरूर के अलावा कुछ अन्य विपक्षी सांसद भी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होंगे. सलमान खुर्शीद के जापान जाने वाले प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने की संभावना है, जबकि श्रीकांत शिंदे यूएई और कुछ अफ्रीकी देशों के प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई करेंगे. केंद्र सरकार की तरफ से जिन देशों में प्रतिनिधिमंडल भेजे जा रहे हैं उनमें यूएस, ईयू, दक्षिण पूर्व, मध्य पूर्व, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और यूके के नाम शामिल हैं.
बहु-देशीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल सांसदों के नाम
निशिकांत दुबे, रविशंकर प्रसाद, बांसुरी स्वराज, अनुराग ठाकुर, समिक भट्टाचार्य, दग्गुबाती पुरंदेश्वरी, एसएस अहलूवालिया – पूर्व मंत्री/पूर्व सांसद, श्रीकांत शिंदे, सुप्रिया सुले, प्रियंका चतुवेर्दी, सस्मित पात्रा, विक्रमजीत साहवनी, शशि थरूर, सलमान खुर्शीद, कनिमोझी, जॉन ब्रिटास, असदुद्दीन औवेसी, गुलाम नबी आज़ाद, मनीष तिवारी और एमजे अकबर.
पाकिस्तान के खिलाफ मोदी सरकार की वैश्विक पहुंच योजना
भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार द्वारा भेजा जा रहे सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान स्पॉन्सर आतंकवाद को उजागर करने के लिए एक बड़े कूटनीतिक अभियान का हिस्सा है. यह कदम ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद उठाया गया है, जिसे जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के प्रतिशोध में शुरू किया गया था. सरकार ने विपक्ष सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के कई सांसदों से संपर्क किया है और राजनयिक मिशन में उनकी भागीदारी की मांग की है. समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, कई दलों ने पहले ही इस पहल के लिए अपने प्रतिनिधियों को भेजने की मंजूरी दे दी है.
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