Success Story: ना पैसे थे, ना सुविधाएं… उधार किताब और गरीब बाप की लाचारी के साथ कुछ यूं पुलिस कांस्टेबल बने आशीष

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अमेठी के आशीष मौर्य ने कठिन हालातों और सीमित संसाधनों के बावजूद मेहनत और परिवार के सहयोग से यूपी पुलिस में कांस्टेबल पद पर चयन पाया. उनके किसान पिता ने हर कठिनाई में बेटे का साथ दिया और सपना साकार किया.
यूपी पुलिस में चयनित होने वाले आशीष मौर्य
हाइलाइट्स
- आशीष मौर्य बने यूपी पुलिस में कांस्टेबल.
- किसान पिता ने हर कठिनाई में बेटे का साथ दिया.
- संघर्ष और मेहनत से मिली सफलता.
आदित्य कृष्ण/ अमेठी- हर मां-बाप का सपना होता है कि उनका बेटा अच्छा इंसान बने, अच्छे माहौल में रहे और मेहनत से अपने भविष्य को संवार सके. अमेठी जिले के गौरीगंज तहसील के रहने वाले आशीष मौर्य की कहानी इसी सपने की एक मिसाल है. आशीष ने तमाम संघर्षों और मुश्किल हालातों के बावजूद यूपी पुलिस में कांस्टेबल पद पर चयनित होकर अपने परिवार का सपना साकार किया है.
किसान पिता और संघर्षों का सफर
आशीष के पिता विनोद मौर्य एक साधारण किसान हैं और परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए शहर में रहकर नौकरी करते हैं. उन्होंने कभी अपने बेटे की शिक्षा और तैयारी में कोई कमी नहीं आने दी. चाहे खुद कितनी भी तकलीफें क्यों न सहनी पड़ी हों, लेकिन बेटे के भविष्य को लेकर वे हमेशा समर्पित रहे.
मुश्किलों के बीच पढ़ाई, फिर मिली सफलता
लोकल 18 से बातचीत में आशीष ने बताया कि उन्हें कभी हाईटेक सुविधाएं नहीं मिलीं. बरसात हो या सर्दी, उन्हें इलाहाबाद में रहकर कठिन परिस्थितियों में पढ़ाई करनी पड़ी. किताबों की भी कमी रहती थी, लेकिन मां-बाप और भाई का साथ हमेशा बना रहा. उनके भाई भी पुलिस में हैं और उन्होंने आशीष को हर कदम पर हौसला दिया.
युवाओं को संघर्ष न छोड़ने का संदेश
आशीष का मानना है कि मेहनत और संघर्ष ही सफलता की असली कुंजी हैं. वे सभी युवाओं को यह संदेश देना चाहते हैं कि परिस्थितियां कैसी भी हों, लक्ष्य पर विश्वास रखें और मेहनत जारी रखें, एक दिन सफलता जरूर मिलेगी.
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