नौकरी छोड़ जब मिस्टर लिट्टी वाला ने सोचा लिट्टी बेचने का, बोला परिवार बेटा पागल हो गया है, आज PM Modi भी स्वाद के हैं दीवाने

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Success Story: आज हम आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जो 90000 रुपये की नौकरी करता था, लेकिन फिर उसने लिट्टी चोखा बेचना शुरू किया. शुरुआत में तो लोगों ने उन्हें पागल समझा, लेकिन आज उनका टर्नओवर कर…और पढ़ें
देवेंद्र सिंह मिस्टर लिट्टी वाला
हाइलाइट्स
- देवेंद्र सिंह ने 90,000 की नौकरी छोड़ लिट्टी चोखा बेचना शुरू किया!
- आज मिस्टर लिट्टी वाला का टर्नओवर करोड़ों में है!
- PM मोदी भी मिस्टर लिट्टी वाला के लिट्टी चोखा के दीवाने हैं!
नई दिल्ली: दिल्ली के मॉल से लेकर सड़क और इंडिया गेट तक मिस्टर लिट्टी वाले के यहां आपने लिट्टी चोखा का स्वाद तो जरूर चखा होगा लेकिन क्या आपको पता है कि मिस्टर लिट्टी वाले के पीछे कौन है जिसके स्वाद के दीवाने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हैं. तो चलिए आज आपको बताते हैं विस्तार से. असल में बिहार के छपरा के रहने वाले देवेंद्र सिंह ने मिस्टर लिट्टी वाले की शुरुआत साल 2010 में की थी और साल 2011 में पहली बार प्रगति मैदान के ट्रेड फेयर में इन्होंने छोटा सा स्टॉल लगाकर लोगों को बिहार का पारंपरिक खाना लिट्टी चोखा खिलाया.
आलम यह हुआ कि हर रोज उनकी सात से आठ हजार लिट्टी बिकने लगी और यहीं से इनको राह मिली और वर्तमान में पूरे दिल्ली में मिस्टर लिट्टी वाले की एक ब्रांच विनोद नगर, दूसरी ब्रांच इंडिया गेट और तीसरी ब्रांच लक्ष्मी नगर के बड़े से मॉल में है. आज मॉल के अंदर मिस्टर लिट्टी वाला बड़े से बड़े ब्रांड को टक्कर दे रहे हैं और बड़े-बड़े ब्रांड के बीच में लोग मिस्टर लिट्टी वाले का देसी लिट्टी चोखा खाने आ रहे हैं.
दो साल में इंटरनेशनल हो जाएगा मिस्टर लिट्टी वाला
देवेंद्र सिंह ने बताया कि उनका सपना है कि वह मिस्टर लिट्टी वाले को इंटरनेशनल करें यानी इसे विदेशों में भी बेचें और अगले दो साल में वह मिस्टर लिट्टी वाले को विदेशों में बेचने लग जाएंगे और विदेश के लोगों को भी लिट्टी चोखा का स्वाद चखाएंगे. उन्होंने बताया कि तैयारी चल रही है. इसी के साथी फ्रेंचाइजी के लिए भी लोगों की भारी डिमांड होने के बावजूद वह नहीं दे रहे हैं, क्योंकि जब इंटरनेशनल ब्रांड मिस्टर लिट्टी वाला बन जाएगा तब वह लोगों को फ्रेंचाइजी देंगे.
ऐसा रहा अब तक का सफर
देवेंद्र सिंह ने बताया कि होटल मैनेजमेंट का कोर्स उन्होंने किया था. पत्नी सरकारी बैंक में अफसर है. पूरा परिवार अच्छी नौकरी वाला है. देवेंद्र सिंह खुद भी 90,000 रुपए की नौकरी कर रहे थे, लेकिन एक बार जब उन्होंने देखा कि दिल्ली के बड़े से बड़े मॉल और हर जगह पर फास्ट फूड और बड़े ब्रांड बिक रहे हैं, लेकिन बिहार का पारंपरिक खाना लिट्टी चोखा गायब है तो यहीं से कई रात वह सो नहीं पाए और उन्होंने 90,000 की नौकरी छोड़कर लिट्टी बेचने का प्लान किया. इस दौरान परिवार वालों को लगा कि उनके घर का बेटा पागल हो गया है और नाक कटवा देगा, क्योंकि जिस समाज से वह आते हैं, उस समाज में ऐसा काम अच्छा नहीं माना जाता.
इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और लिट्टी चोखा बेचते बेचते आज देवेंद्र सिंह का टर्नओवर करोड़ों में है. देवेंद्र सिंह कहते हैं कि लिट्टी चोखा सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है. यह सिर्फ आटा, सत्तू, बैंगन, प्याज और टमाटर की सब्जी और सरसों की चटनी के साथ खाया जाता है. इससे पेट भी भर जाता है. उन्होंने बताया कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारतीय जनता पार्टी के नेता मनोज तिवारी और रविशंकर प्रसाद समेत बिहार का हर एक नेता उनके लिट्टी चोखा का स्वाद चख चुका है.
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