दुबे, झा और मिश्रा के बाद क्या ‘पांडेय जी का बेटा’ बनेगा बिहार का CM… कास्ट पॉलिटिक्स में कितना फिट PK? – prashant kishor caste politics bihar assembly elections 2025 will pk become forth brahmin chief minister after dubey Jha mishra

साल 2025 के विधानसभा चुनाव में जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर एक अहम किरदार हैं. लेकिन आरजेडी जैसी पार्टियों के नेता पीके को ‘पांडेय जी का बेटा’ कहकर संबोधित कर रहे हैं. पीके बीते 3 साल से राज्य में 3 हजार किलोमीटर से भी ज्यादा की यात्रा कर चुके हैं. जनता के बीच जात-पात से उठकर वोट देने की बात करते हैं. पीके पूरे राज्य में ‘जाति से ऊपर’ की बात करते हुए बिहार की सियासत को नया रंग देने की कोशिश में हैं. लेकिन क्या उनकी यह रणनीति बिहार के गहरे जड़ों वाले जातिगत समीकरणों के सामने टिक पाएगी? तेजस्वी यादव की राष्ट्रीय जनता दल और चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) जैसे दिग्गजों की जाति-आधारित राजनीति के सामने ‘ईमानदार छवि’ कितनी कारगर होगी?
क्या पीके बनेंगे सीएम?
ब्राह्मण का बेटा क्या सीएम बनेगा?
प्रशांत किशोर, जो ब्राह्मण समुदाय से आते हैं 3.65% आबादी अपनी जन सुराज पार्टी को ‘सर्वसमाज’ की पार्टी के रूप में पेश कर रहे हैं. उनकी रणनीति में BRDK फॉर्मूला (ब्राह्मण, राजपूत, दलित, कुर्मी) शामिल है, जिसके तहत वह इन समुदायों को साधने की कोशिश कर रहे हैं. इसके लिए उन्होंने पूर्व सांसद उदय सिंह (राजपूत), मनोज भारती (दलित) और पूर्व IAS आरसीपी सिंह (कुर्मी) जैसे नेताओं को पार्टी में शामिल किया है. लेकिन बिहार की सियासत में जहां हर जाति के लिए एक पार्टी मौजूद है,पीके का यह दांव कितना कारगर होगा?
तेजस्वी यादव और चिराग पासवान कितनी बड़ी चुनौती?
PK का बिहार में क्या है राजनीतिक भविष्य?
चिराग एनडीए में रहते हुए भी नीतीश कुमार पर तीखे हमले कर रहे हैं, जिससे वह युवा और दलित वोटरों को अपनी ओर खींच रहे हैं. उनकी यह रणनीति पीके के लिए मुश्किलें पैदा कर सकती है, क्योंकि चिराग की युवा और आक्रामक छवि पीके की ‘ईमानदार छवि’ को टक्कर देती है. पीके की जन सुराज पार्टी की सबसे बड़ी ताकत उनकी ‘ईमानदार’ और ‘विकास-केंद्रित’ छवि है. 2015 में जेडीयू-आरजेडी-कांग्रेस के महागठबंधन की जीत में उनकी रणनीति की भूमिका ने उन्हें बिहार में एक विश्वसनीय चेहरा बनाया है. लेकिन बिहार की जातिगत राजनीति में उनकी यह छवि कितनी टिक पाएगी यह काफी कठिन सवाल है.
प्रशांत किशोर उर्फ ‘पांडेय जी का बेटा’ बिहार की जातिगत सियासत में BRDK फॉर्मूले के साथ एक नया प्रयोग कर रहे हैं. उनकी ईमानदार और विकास केंद्रित छवि युवा और शिक्षित वोटरों को आकर्षित कर सकती है, लेकिन तेजस्वी यादव की आरजेडी और चिराग पासवान की लोकजनशक्ति पार्टी के मजबूत जातिगत आधार और संगठनात्मक ताकत के सामने यह प्रयोग चुनौतीपूर्ण है. ऊपर से नीतीश कुमार का 20 साल का शासनकाल पीके के लिए बड़ी चुनौती है.
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