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Telangana Budget Estimates Show Monthly Shortfall Of 4000 Crores, Is Revanth Reddy Led Govt Heading For Bankruptcy | पेंशन और स्कीम्स ने खाली किया खजाना, तेलंगाना दिवालिया होने की कगार पर! हर महीने 4000 करोड़ का घाटा, CAG रिपोर्ट ने खोली पोल

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Telangana Budget 2025: CAG रिपोर्ट के मुताबिक, तेलंगाना को हर महीने ₹4,000 करोड़ का राजस्व घाटा हो रहा है. पेंशन और कल्याण योजनाओं ने राज्य का खजाना खाली कर दिया है. ऑफ-बजट उधारी (₹36,900 करोड़) ने हालात और बिग…और पढ़ें

तेलंगाना की रेवंत रेड्डी सरकार के सामने बड़ी परेशानी (फाइल फोटो)

हाइलाइट्स

  • तेलंगाना को हर महीने ₹4,000 करोड़ का घाटा हो रहा है.
  • पेंशन और कल्याण योजनाओं ने राज्य का खजाना खाली कर दिया है.
  • ऑफ-बजट उधारी ने तेलंगाना की वित्तीय स्थिति बिगाड़ी है.
हैदराबाद: तेलंगाना की चमकती सड़कों और वेलफेयर स्कीम्स की चकाचौंध के पीछे एक खौफनाक सच्चाई छुपी है. राज्य का खजाना खाली हो चुका है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, तेलंगाना को हर महीने करीब 4000 करोड़ रुपए का घाटा हो रहा है. और ये सिर्फ किसी विपक्षी नेता का आरोप नहीं है, खुद राज्य के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ये स्वीकार कर चुके हैं. अब इस पर कैग (CAG) की रिपोर्ट ने मुहर लगा दी है. तेलंगाना सरकार ने अपने 2025-26 के बजट में दिखाया था कि राज्य को राजस्व अधिशेष रहेगा, लेकिन वास्तविक तस्वीर इसके ठीक उलट निकली. अप्रैल महीने में ही राज्य को ₹4,023 करोड़ का घाटा हुआ. यानी सरकार की आमदनी से खर्च कहीं ज्यादा है.

ये पैसा जा कहां रहा है?

पिछली और मौजूदा दोनों सरकारों ने एक-दूसरे से होड़ लगाकर ऐसी स्कीमें चलाईं जिनका सीधा असर खजाने पर पड़ा. रायथु बंधु, दलित बंधु, आसरा पेंशन, फ्री LPG, फ्री बस यात्रा, इंदिरम्मा हाउसिंग स्कीम… हर योजना वोटों के लिए थी, लेकिन पैसों का कोई हिसाब नहीं रखा गया. अब स्थिति यह है कि राजस्व व्यय का 11.5% सिर्फ सब्सिडियों पर खर्च हो रहा है.

ऑफ-बजट कर्ज ने बिगाड़ा खेल

तेलंगाना सरकार ने सीधे कर्ज न लेकर कॉरपोरेशनों और स्पेशल पर्पज व्हीकल्स (SPVs) के जरिए लोन उठाया, जिन्हें बजट में नहीं दिखाया गया. लेकिन इनका भुगतान सरकार ही कर रही है. अकेले कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई योजना के नाम पर हजारों करोड़ का लोन लिया गया, जिसकी ब्याज दर 8.9% से 10.5% के बीच है, जो सामान्य बाजार दरों से भी ज्यादा है.




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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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