India China Relations: 1962 जंग के समय संसद में चर्चा हो सकती है तो फिर… चीन पर कांग्रेस ने सरकार को घेरा, विदेश मंत्री पूरा सर्कस चला रहे

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ जयशंकर की मुलाकात संबंधी एक खबर साझा करते हुए ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “मुझे लगता है कि (अब) चीनी विदेश मंत्री आएंगे और (प्रधानमंत्री) मोदी को चीन-भारत संबंधों में हाल के घटनाक्रमों से अवगत कराएंगे. विदेश मंत्री अब भारत की विदेश नीति को नष्ट करने के उद्देश्य से एक पूरा सर्कस चला रहे हैं.”
रमेश ने एक बयान में कहा, “14 जुलाई, 2025 को चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग के साथ अपनी बैठक में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत-चीन द्विपक्षीय संबंध ‘पिछले साल अक्टूबर में कजान में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद से लगातार सुधर रहे हैं’. उन्होंने यह भी कहा, ‘हमारे संबंधों का निरंतर सामान्य होना दोनों देशों के लिए लाभदायक हो सकता है.”
कांग्रेस नेता ने कहा, “भारतीय सेना के उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर. सिंह ने स्पष्ट रूप से कहा कि भारत ऑपरेशन सिंदूर में तीन दुश्मनों से लड़ा-जिनमें चीन भी शामिल था, जिसने पाकिस्तान को खुफिया जानकारी मुहैया कराई.” रमेश ने सवाल किया कि विदेश मंत्री और प्रधानमंत्री, भारत की जनता को विश्वास में लेकर चीन के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा कब करेंगे ?
रमेश ने कहा, ‘यह बेहद जरूरी है कि चीन के वैश्विक विनिर्माण महाशक्ति के रूप में उभरने और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने तथा आने वाले दशक में अमेरिका को पीछे छोड़ने की संभावना से उत्पन्न हो रहे गंभीर सुरक्षा और आर्थिक खतरों पर राष्ट्रीय सहमति बने, ताकि भारत अपनी सुरक्षा और आर्थिक रणनीति को स्पष्टता और एकजुटता के साथ तय कर सके.’
उन्होंने सवाल किया कि जासूसी के मामले में गिरफ्तार यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा ने खुद को भाजपा सदस्य बताया था और देश की सुरक्षा से जुड़ी जानकारी दूसरे देश में भेजी थी, तो उसके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई? उन्होंने कहा, “हमारी मांग है कि सरकार इन सारे मामलों के जवाब संसद में देश की जनता को दे.” सुप्रिया ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चीन को ‘लाल आंख’ दिखाने की बात कही थी, लेकिन आज ‘लाल कालीन’ बिछाया जा रहा है.
Source link