Sarzameen Movie Review: चौंकाएगा इब्राहिम अली खान का अवतार, पंसद आएगी पी सुकुमारन-काजोल की फिल्म

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कहानी की धुरी पर हैं कर्नल विजय मेनन (पृथ्वीराज सुकुमारन), जिन्होंने अपना पूरा जीवन देश की रक्षा में लगा दिया है. उनकी पत्नी मेहर (काजोल) ने अपने बेटे को हर मुश्किल से बचाने में अपनी जिंदगी खपा दी, लेकिन तब क्या होता है, जब उनका अपना बेटा- हरमन (इब्राहिम अली खान) ही देश के लिए एक खतरा बन जाता है? एक ऑपरेशन के दौरान, विजय को पता चलता है कि उनका लापता बेटा हरमन किसी आतंकवादी संगठन से जुड़ा हो सकता है. इस सच का सामना करते हुए, उनकी पत्नी मेहर इस भावनात्मक उथल-पुथल में फंस जाती है, क्योंकि परिवार एक ऐसी स्थिति का सामना करता है जहां व्यक्तिगत रिश्ते राष्ट्रीय जिम्मेदारियों से टकराव में आ जाते हैं.
लेकिन, फिल्म का सबसे बड़ा सरप्राइज इब्राहिम अली खान हैं. उन्होंने हरमन को केवल एक खलनायक के रूप में नहीं, बल्कि एक ऐसे लड़के के रूप में निभाया है जो किसी भी चीज में विश्वास करने के लिए बेताब है. उनके चेहरे के हाव-भाव और डरावनी आंखें बिना संवाद के भी गहरा प्रभाव छोड़ जाती हैं. उन्होंने अपने रियल पिता सैफ अली खान के मशहूर ‘लंगड़ा त्यागी’ वाले किरदार की याद दिलाई है. इब्राहिम ने इस किरदार के लिए अपने भीतर के शैतान को बाहर निकालकर जोरदार अभिनय किया है. एक ‘चॉकलेटी बॉय’ से एक कच्चे और गंभीर आतंकवादी में उनका परिवर्तन प्रभावशाली है. उन्होंने हरमन के किरदार में एक खास संवेदनशीलता और गंभीरता ला दी है, जो आपको उसकी कहानी जानने के लिए मजबूर करती है.
‘सरजमीन’ देशभक्ति, प्यार और बीच की उस जमीन की कहानी है, जो सीधे दिल पर वार करती है. यह निश्चित रूप से ‘मिशन कश्मीर’ और ‘फिजा’ वाले ऋतिक रोशन की याद दिलाती है. इब्राहिम अली खान ‘सरजमीन’ के साथ निश्चित रूप से एक बड़ी छलांग लगा रहे हैं, और यह फिल्म एक बेहतरीन थ्रिलर का वादा करती है जो उन्हें हिंदी सिनेमा में एक अलग पहचान दिला सकती है. काजोल और पृथ्वीराज जैसे अनुभवी कलाकारों के दमदार अभिनय के साथ, फिल्म सही दिशा में आगे बढ़ती दिख रही है. मेरी ओर से फिल्म को 5 में से 3.5 स्टार.
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