Hair color camp ‘Halla Gulla’ concluded in Indore | इंदौर में बाल रंग शिविर ‘हल्ला गुल्ला’ का समापन: बाल कलाकारों ने दी नाटकों, नृत्य और गीतों की प्रस्तुतियां, विजेता पुरस्कृत – Indore News

हल्ला -गुल्ला यानी इंदौर के बच्चों का बाल रंग, नाट्य शिविर का रविवार को समापन हो गया। 25 मई को सुबह 11 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक इस बाल रंग शिविर का समापन कार्यक्रम हुआ। इसमें प्रतिभागी बच्चों के 125 से अधिक पालक/परिजन, शहर के गणमान्य नागरिक, कवि, ले
.
शिविर में विविध प्रस्तुतियां।
कई नाटकों का मंचन हुआ
मुख्य अतिथि के रूप में पूजा सक्सेना, प्राचार्य उत्कृष्ट विद्यालय बाल विनय मंदिर उपस्थित थीं। उन्होंने दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया एवं कलाकार बच्चों को प्रमाण-पत्र भी वितरित किए। इस अवसर पर शिविर में तैयार नाटिकाएं, नृत्य एवं संगीत की प्रस्तुतियां हुई जिनमें -1. नाटक – मोनिया दि ग्रेट (लेखक- शकील अख़्तर), 2. बुद्धि का चमत्कार (लेखक और संगीतकार, तपन मुखर्जी), 3. मैना का बलिदान (लेखिका-सीमा व्यास), 4. साइबर क्राइम (लेखक-वरुण जोशी) एवं 5. रवीन्द्रनाथ ठाकुर रचित गीत पर नृत्य की प्रस्तुति प्रमुख रुप से शामिल हैं।

बालिका को पुरस्कृत करते अतिथि।
बच्चों की कला तराशने में अहम भूमिका निभाई
शिविर का संचालन एवं निर्देशन वरिष्ठ रंगकर्मी तपन मुखर्जी द्वारा किया गया। उनके साथ सह- निर्देशकों के रूप में अंजुश्री मुखर्जी, रंजना तिवारी एवं इंदौर के नवोदित रंगकर्मी पूजा पटेल एवं वरुण जोशी ने भी बच्चों की कला तराशने में अहम भूमिका निभाई।

प्रस्तुति देते बच्चे।
शिविर में कई वक्ताओं ने मार्गदर्शन दिया
बच्चों से संवाद हेतु शिविर में कई वक्ताओं ने मार्गदर्शन दिया। इसमें 15 मई को वरिष्ठ रंगकर्मी एवं मालवी कवि नरहरि पटेल एवं पर्यावरणविद जनक पलटा मगिलिगन के आतिथ्य एवं आशीर्वचनों से इस शिविर का उद्घाटन हुआ था। पिछले 10 दिनों में सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. परशुराम तिवारी, मूर्तिकार देवेंद्र अत्रे, वरिष्ठ रंगकर्मी राजन देशमुख, चित्रकार अमिता पांचाल, कथक नृत्यांगना ऋषिना नातू, कार्टूनिस्ट इस्माइल लहरी, कबीर जन समूह के डॉ. सुरेश पटेल, राजकुमार जैन, रणजीत सिंह (इंदौर ट्रैफिक पुलिस आइकॉन), वरिष्ठ रंगकर्मी श्रीराम जोग, सतीश श्रोती, नंदकिशोर बर्वे, पूर्व हल्ला-गुल्ला प्रतिभागी तन्मय मुखर्जी एवं निलेश गंधे आदि ने प्रतिदिन शिविर में आकर विविध विधाओं पर संवाद किया। इससे बच्चों को सीखने एवं व्यक्तित्व विकास में सहायता मिली।
Source link