CM, ministers will watch the biographical play on Maa Ahilya this evening | सीएम-मंत्री आज शाम देखेंगे मां अहिल्या का जीवन मंचन: रात को सराफा चौपाटी पर व्यंजनों का उठाएंगे लुत्फ; कैबिनेट बैठक की तैयारी अंतिम दौर में – Indore News

कमिश्नर दीपक सिंह, कलेक्टर आशीष सिंह सहित अन्य अधिकारियों ने रविवार रात लता मंगेशकर सभा गृह में लिया तैयारियों का जायजा।
इंदौर में 20 मई को राजवाड़ा पर होने वाली कैबिनेट बैठक की तैयारियां अंतिम दौर में हैं। आज शाम को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सहित मंत्रीगण इंदौर आएंगे। मुख्यमंत्री शाम 6.30 बजे इंदौर पहुंचेंगे और राजेंद्र नगर स्थित लता मंगेशकर सभागृह जाएंगे। वहां मां अहि
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बैठक को लेकर आज से ही राजवाड़ा क्षेत्र में काफी कसावट की जा रही है। उधर, सराफा चौपाटी में मेहमानों के लिए व्यंजन तो रहेंगे ही, गोपाल मंदिर वाली गली में पारंपरिक व्यंजनों के 25 स्टॉल भी लगेंगे। यहां पुलिस व्यवस्था चाक-चौबंद रहेगी। उधर, राजवाड़ा के गणेश हॉल को सजाया संवारा जा रहा है। बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और मंत्री परिषद के सदस्य मौजूद रहेंगे।
राजवाड़ा के गणेश हॉल को सजाया संवारा जा रहा है।
राजवाड़ा के बाहर मुख्य द्वार के लेफ्ट साइड वाले ओटले पर अधिकारियों के बैठने के लिए एक डोम बनाया है। कैबिनेट की बैठक के लिए ऐतिहासिक होलकर कालीन राजवाड़ा की सुंदरता को और निखारा जा रहा है। बैठक से पहले मुख्यमंत्री और मंत्री राजवाड़ा के अहिल्या उद्यान में अहिल्याबाई की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने जाएंगे। इसके लिए राजवाड़ा और इसके बाहर अहिल्या उद्यान को नगर निगम द्वारा आकर्षक रूप में सजाया और संवारा जा रहा है। पत्थरों और मूर्तियां पर पॉलिश की जा रही है। अधिकारी लगातार राजवाड़ा और उद्यान का दौरा कर रहे हैं। बारिश के मद्देनजर भी व्यवस्थाएं जुटाने के लिए कहा गया है।

मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के मुताबिक बैठक के माध्यम से हमें महिला सशक्तिकरण का संदेश तो देना ही है, इसके साथ ही इंदौर और मालवा की विशेषताएं भी दिखें, इस पर भी फोकस है। उन्होंने कहा कि कैबिनेट बैठक होलकर कालीन परंपरा के अनुसार हो, इसके लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मार्गदर्शन लिया जा रहा है।
दरअसल आजादी के बाद पहली बार राजवाड़ा के दरबार हाल में 20 मई को राज्य सरकार के लोकतंत्र का दरबार सजेगा। इसके पूर्व 1945 में इस राजवाड़ा दरबार हाल में होलकर राजाओं का अंतिम बार दरबार सजा था। पहले इसी हाल में आयोजित दरबार में होलकर सरकार के निर्णय लिए जाते थे।
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