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चार बूंदों में ध्वस्त हुआ लाखों रुपए का 60 फुट गहरा कुआं

खेमराज चौरसिया@9893998100

मध्य प्रदेश छतरपुर जिले की महाराजपुर नगर पालिका संभवत राजनीतिक जुगलबंदी वाली ठेकेदारी की नगरपालिका में गुणवत्ता स्वरूप इन कामों की जांच कमलनाथ एवं शिवराज सिंह के चहेतो की नहीं होनी चाहिए।वैसे तो भ्रष्टाचार पर कार्यवाही हो पाना मध्यप्रदेश में वैसा ही है जैसे आसमान से तारे तोड़कर लाना.. कार्यवाही सिर्फ कागजों में होती है जमीन पर नहीं /

आज भ्रष्टाचार की नगरपालिका महाराजपुर के लाखों करोड़ों रुपए की लागत से वार्ड नंबर ग्यारा कुसमा निर्मित श्मशान घाट के अंदर बना हुआ कुआं अचानक जमीन मैं समा गया शुक्र है कोई हादसा नहीं हुआ कुआं 60 फुट गहरा बताया जाता है। ठेकेदार के निर्माण कार्य की गुणवत्ता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वहां पड़े हुए ईटा साक्ष्य मिटाने के लिए ट्रैक्टर से कुचल दिए गए जो फोटो वीडियो में नजर आ रहे हैं सूत्र बता रहे हैं कि कुआं बनने के महज चंद दिनों ही हुए हैं एवं आज रात को ही लाखों रुपए का कुआं जमीन में ध्वस्त हो गया फोटो वीडियो में आप देख सकते हैं पेमेंट भी कर दिया गया है।वैसे कुआ, तालाब, पार्को निर्माण के दस्तावेज लागत की बात नगर पालिका महाराजपुर में बेनामी है/

कागजों में तालाब खुदाई के सूचना के अधिकार के आवेदन की अपील नगरीय प्रशासन सागर संभाग सागर के अधिकारी ने इसलिए खारिज कर दी कि लॉकडाउन में वह समय सीमा में कार्यालय नहीं पहुंची लेकिन महोदय ने यह बताना उचित नहीं समझा कि उनके अधिकारियों ने रजिस्ट्री से भेजी हुई डाक आखिर कहां गुम कर दी। फिलहाल रिटायरमेंट के चंद दिन बचे सीएमओ एवं इंजीनियर की कार्यकाल की जांच एवं योग्यता की बड़ी-बड़ी डिग्री हासिल करने उपरांत पदस्थ हुए इंजीनियर पर सरकार माफी दे एवं उनके दस्तावेजों की जांच ना करें संभवत प्रदेश में व्यापम जो घटित हुआ कहीं उसका ही सरूप ना निकल आए वैसे नगरपालिका महाराजपुर की ई-टेंडरिंग दो करोड़ 91 लाख के मामले की सुनवाई भी आज दिनांक 27/07/2021को नगरी प्रशासन एवं विकास सागर संभाग सागर के कार्यालय में है आशंका यह भी है कि उन्हीं निर्माण कार्य लिस्टों में इस कुएं का नाम या ठेकेदार का नाम भी शामिल हो सकता है वैसे इस गुणवत्तापूर्ण निर्माण कार्य में कार्यरत इंजीनियर एवं ठेकेदार की भी बड़ी जुगलबंदी है कोर कटिंग जांच एवं ब्लैक लिस्टेड की कार्यवाही नही होनी चाहिए अभय दान भी मिलना चाहिए।

खेमराज चौरसिया

नोट- उपरोक्त दिए गए विचार व आंकड़े लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है।)

एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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