गाय को राष्ट्रीय धन घोषित करे सरकार: देवकीनंदन ठाकुर
प्रख्यात कथावाचक ने किया इलाहाबाद हाईकोर्ट के सुझाव का स्वागत
छतरपुर। देश के प्रख्यात भागवत कथावाचक संत पं. देवकीनंदन ठाकुर ने दो दिन पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा सरकार को गाय के संबंध में दिए गए सुझाव का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि गाय सनातन संस्कृति के लोगों के लिए पशु नहीं बल्कि माता के समान है और खेती के लिए अनिवार्य वृषभ को जन्म देती है इसलिए वह किसानों का धन है। जो लोग गाय को पशु के तौर पर देखते हैं या उसका मांस खा रहे हैं ऐसे लोगों पर कार्यवाही होनी चाहिए। यह तभी होगा जब सरकार गाय को राष्ट्रीय धन घोषित कर उसकी सुरक्षा और बेहतर देखभाल के लिए ठोस कदम उठाए। उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार को सुझाव दिया था कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित कर उसकी सुरक्षा के कदम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने सरकार को सुझाव दिया था कि गाय को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ कड़े कानून बनाने की जरूरत है। केन्द्र सरकार को संसद में बिल लाकर कड़े कानून बनाने चाहिए। इसी सुझाव का पं. देवकीनंदन ठाकुर ने स्वागत करते हुए न्यायपीठ को धन्यवाद दिया है। देवकीनंदन ठाकुर इन दिनों जिले के ग्राम गढ़ा में स्थित बागेश्वर धाम पर श्रीमद् भागवत कथा का वाचन कर रहे हैं। शनिवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने यह बात कही। सनातन संस्कृति में जाति से कोई छोटा नहीं सबको तिलक, चोटी, धर्म अपनाने का अधिकार
गाय को राष्ट्रीय धन घोषित करे सरकार: देवकीनंदन ठाकुरप्रख्यात कथावाचक ने किया इलाहाबाद हाईकोर्ट के सुझाव का स्वागतनोट: इस समाचार के साथ फोटो 06 लगाएं। छतरपुर। देश के प्रख्यात भागवत कथावाचक संत पं. देवकीनंदन ठाकुर ने दो दिन पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा सरकार को गाय के संबंध में दिए गए सुझाव का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि गाय सनातन संस्कृति के लोगों के लिए पशु नहीं बल्कि माता के समान है और खेती के लिए अनिवार्य वृषभ को जन्म देती है इसलिए वह किसानों का धन है। जो लोग गाय को पशु के तौर पर देखते हैं या उसका मांस खा रहे हैं ऐसे लोगों पर कार्यवाही होनी चाहिए। यह तभी होगा जब सरकार गाय को राष्ट्रीय धन घोषित कर उसकी सुरक्षा और बेहतर देखभाल के लिए ठोस कदम उठाए। उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार को सुझाव दिया था कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित कर उसकी सुरक्षा के कदम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने सरकार को सुझाव दिया था कि गाय को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ कड़े कानून बनाने की जरूरत है। केन्द्र सरकार को संसद में बिल लाकर कड़े कानून बनाने चाहिए। इसी सुझाव का पं. देवकीनंदन ठाकुर ने स्वागत करते हुए न्यायपीठ को धन्यवाद दिया है। देवकीनंदन ठाकुर इन दिनों जिले के ग्राम गढ़ा में स्थित बागेश्वर धाम पर श्रीमद् भागवत कथा का वाचन कर रहे हैं। शनिवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने यह बात कही। सनातन संस्कृति में जाति से कोई छोटा नहीं सबको तिलक, चोटी, धर्म अपनाने का अधिकारतीन साल पहले एट्रोसिटी एक्ट में बदलाव लाने की मांग कर चर्चा में आए देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि वे सनातन संस्कृति को मानते हैं जो यह कहती है कि इस संस्कृति में पैदा हुआ व्यक्ति किसी भी जाति में जन्म ले उसे तिलक लगाने, चोटी रखने और भगवान के पूजा पाठ का पूरा अधिकार है। उन्होंने कहा कि वे सिर्फ यह चाहते हैं कि जाति के आधार पर किसी का भी मौलिक न्याय अधिकार नहीं छीना जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति में सब बराबर हैं।
संस्कृति बिगाडऩे वाले टीवी और फिल्मी कार्यक्रमों पर रोक लगे
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान एक सवाल के जवाब में पं. देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि कोई भी व्यक्ति या देश सिर्फ धन से धनवान नहीं बन सकता। वही देश सक्षम और सफल हो सकते हैं जिनके युवा चरित्रवान हों। इन दिनों देखा गया है कि टीवी, फिल्में और वेबसीरीज जिस संस्कृति को बढ़ावा दे रही हैं उससे युवाओं का पतन होता है। युवाओं को चरित्रवान बनाने की जिम्मेदारी हम सबकी है, सरकारों को भी इस ओर ध्यान देना चाहिए। ऐसा कंटेंट जिससे संस्कृति विरूपित होती है उस पर रोक लगाने के लिए सरकार को कानून बनाकर ठोस प्रयास करने चाहिए।