महाराजा छत्रसाल विवि के दीक्षांत समारोह में पहुंचे राज्यपाल मंगुभाई पटेल
– फोटो : अमर उजाला
महाराजा छत्रसाल बुंदेलखण्ड विश्वविद्यालय छतरपुर द्वारा आयोजित चौथा दीक्षांत समारोह रविवार को शताब्दी हॉल परिसर में प्रदेश के राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय के कुलाधिपति मंगुभाई पटेल की अध्यक्षता में हुआ। समारोह के सारस्वत अतिथि नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी, मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार, विशेष अतिथि वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री दिलीप अहिरवार एवं क्षेत्रीय विधायक ललिता यादव उपस्थित रहे।
राज्यपाल पटेल के विश्वविद्यालय आगमन पर एनसीसी कैडेट्स द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। वहीं स्वर्ण पदक और उपाधियां प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों, शोध छात्रों, एनसीसी तथा एनएसएस के छात्र छात्राओं, संगीत विभाग के दल आदि ने अपने उम्दा कार्य की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम स्थल के पहले चित्रकला विभाग द्वारा एक चित्ताकर्षक प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसमें छात्र-छात्राओं द्वारा बनाई पेंटिंग्स प्रदर्शित की गई। कार्यक्रम दीक्षांत शोभा यात्रा से प्रारंभ हुआ तत्पश्चात राष्ट्रगान, सरस्वती वंदना एवं कुलगान के पश्चात कुलगुरु प्रो. शुभा तिवारी स्वागत भाषण दिया गया तथा विश्वविद्यालय की प्रगति आख्या प्रस्तुत की गई। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय की पत्रिका दीक्षावाणी और न्यूजलेटर छत्रछाया का विमोचन भी किया गया।
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महाराजा छत्रसाल विवि के दीक्षांत समारोह में पहुंचे राज्यपाल मंगुभाई पटेल
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इस दौरान विवि की कुलगुरु प्रो. शुभा तिवारी, कुलसचिव यशवंत सिंह पटेल, कार्यपरिषद सदस्य, संकायाध्यक्ष मंचासीन रहे। इसके अलावा विधायक राजनगर अरविंद पटैरिया, जिला पंचायत अध्यक्ष विद्या अग्निहोत्री, नगरपालिका अध्यक्ष ज्योति चौरसिया भी उपस्थित रहीं। जिला प्रशासन से कलेक्टर पार्थ जैसवाल, एसपी अगम जैन सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
छात्र जीवन में धैर्य सबसे महत्वपूर्ण है: राज्यपाल
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने अपने उद्बोधन में कहा कि महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय छतरपुर के चौथे दीक्षांत समारोह में शामिल होकर बहुत खुशी हो रही है। दीक्षित होने वाले विद्यार्थियों, उनके गुरुजनों और अभिभावकों को मेरी शुभकामनाएं। उन्होंने कहा विश्वविद्यालय में डिजिटल इंडिया की दिशा में चार ई-लाइब्रेरी, वर्चुअल लैब और थियेटर रूम बनाने की जानकारी पाकर खुशी हुई है। विश्वविद्यालय द्वारा दत्तोपंत ठेंगड़ी शोध संस्थान महामति प्राणनाथ समिति सूरत और मौसम विभाग से अनुबंध बहुद्देशीय-बहुआयामी शिक्षा की सार्थक पहल है। उद्यमिता को बढ़ावा देने, इंक्यूबेशन सेंटर, गरीब, वंचित वर्ग के विद्यार्थियों को पूंजीगत मदद के लिए फंड की स्थापना सही दिशा में लिया गया कदम है।
जनजातीय समुदाय ने हमारे प्रदेश और देश की समृद्ध लोक कला, परंपरा, संस्कृति की धरोहरों का संरक्षण और संवर्धन किया है। हमारे राष्ट्र की अस्मिता की रक्षा के लिए जनजातीय समुदाय की वीरांगनाओं, वीरों का योगदान अतुलनीय और अनुकरणीय है। जनजातीय संस्कृति का संरक्षण, संवर्धन हमारे राष्ट्रीय गौरव संविधान के प्रति सम्मान प्रदर्शन और भावी पीढ़ी के सामने राष्ट्र सेवा का आदर्श प्रस्तुत करना है।
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राज्यपाल ने कहा कि विद्यार्थियों को अपने जीवन में धैर्य की अत्यंत महत्वपूर्ण आवश्यकता है। एक पेपर में नंबर कम आने पर विचलित होकर विद्यार्थी गलत कदम उठा लेते है। अभिभावकों की अपेक्षाएं उनके सपनों का सामना करना भी विद्यार्थी की जिम्मेदारी है। जीवन में धीरज का मूल मंत्र अपनाकर आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए आग्रह किया।
उन्होंने कहा दीक्षांत समारोह में जो प्रतिज्ञा ली गई है सिर्फ एक दिन के लिए नहीं रहे उसे आत्मसात कर रोज उच्चारण करे एवं पालन करें। विवेकानंद जी के शब्दों को दोहराते हुए कहा कि उठो जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए। सिर्फ मौज मस्ती में जीवन व्यतीत न करे। बल्कि एक सार्थक जीवन का सृजन करे और अपने माता पिता का हमेशा सम्मान करें। उन्होंने चित्रकला विभाग की प्रदर्शनी विद्यार्थियों की कला की सराहना की।
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भारत के ज्ञान कोश पर गर्व करें: उच्च शिक्षा मंत्री
उच्च शिक्षा मंत्री श्री परमार ने उद्बोधन में कहा कि महाराजा छत्रसाल ऐसे ऐतिहासिक राजा रहे जिन्होंने कभी पराजय स्वीकार नहीं की। उपाधि मिलने पर विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि भारत के ज्ञान कोश पर गर्व करे। हमारे पूर्वजों के पास ऐसे तकनीकी शक्ति थी जो किसी देश के पास नहीं थी। शोध के माध्यम से इस जान को विश्व भर में प्रसारित कर दुनिया के कल्याण का लक्ष्य है। वसुधैव कुटुम्बकम् में भारत अग्रणी स्थान हासिल किया हुआ है।
एडमिरल ने विद्यार्थियों को सफलता के तीन मूल मंत्र दिए।
कार्यक्रम में सारस्वत अतिथि एडमिरल त्रिपाठी ने दीक्षांत उद्बोधन देते हुए उपस्थित विद्यार्थियों को 3 मूल मंत्र दिए। पहला कभी सीखना बंद न करे। निरंतर लर्निंग प्रोसेस को जारी रखे। दूसरा सक्सेस के लिए शॉर्ट कट्स न अपनाए एवं तीसरा पराजय को गरिमापूर्ण तरीके से स्वीकार करें और आत्मविश्वास के साथ पराजय से सीखे और आगे बढ़े।
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राज्यपाल ने शोधकर्ताओं के साथ कराया फोटोशूट
दीक्षांत समारोह में 127 प्रतिभागियों को उपाधियां तथा इनमें से सर्वोच्च अंक पाने वाले 38 प्रतिभागियों को स्वर्ण पदक महामहिम राज्यपाल मंगुभाई पटेल के कर कमलों से प्रदान किए गए। इस अवसर पर उपाधिधारकों ने शपथ ग्रहण की। महामहिम राज्यपाल द्वारा सारस्वत अतिथि एवं नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी को एमसीबीयू डॉक्टर ऑफ साइंस की उपाधि से विभूषित किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित पत्रिका दीक्षावाणी एवं न्यूज़ लेटर छत्रछाया का विमोचन भी किया गया। सभी शोध छात्रों का महामहिम के साथ फोटो शूट किया गया। सभी स्वर्ण पदक प्राप्त उपाधिधारक एवं शोध छात्र अपनी निर्धारित सुंदर सजीली वेशभूषा में अत्यंत आकर्षक लग रहे थे। वहीं जबलपुर से आमंत्रित पुलिस बैंड पार्टी ने राष्ट्रगान की मनोहारी प्रस्तुति दी।