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इन महिलाओं के हाथ में है जादू, फूड और हैंडमेड प्रोडक्ट की देशभर में डिमांड, इस ग्रुप से जड़कर बदल गई किस्मत

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Udaipur Women Empowerment: उदयपुर के ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं फूड प्रोडक्ट और हेंडक्रॉफ्ट आइटम तैयार कर अच्छी कमाई कर रही हैं. दाईची ग्रुप ने इन महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में अहम रोल अदा किया हैं. इस ग्रुप …और पढ़ें

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आत्मनिर्भर बनी महलाएं

हाइलाइट्स

  • उदयपुर की महिलाएं फूड और हैंडीक्राफ्ट प्रोडक्ट बना रही हैं.
  • दाईची ग्रुप से जुड़कर महिलाएं 15-20 हजार प्रति माह कमा रही हैं.
  • महिलाओं को आत्मसम्मान और सामाजिक पहचान मिल रही है.

उदयपुर. जिले के ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं की आत्मनिर्भर बनने की कहानी अब प्रेरणा का स्रोत बन चुकी है. वेदांता ग्रुप की सामाजिक पहल के तहत गठित ‘दाईची ग्रुप’ ने सैकड़ों महिलाओं को रोजगार के साथ आत्मविश्वास भी दिया है. शुरुआत में जो महिलाएं घर की चारदीवारी में सिमटी हुई थीं, आज वे ना सिर्फ प्रोडक्ट्स तैयार कर रही है बल्कि देश के अलग-अलग हिस्सों में जाकर उन्हें बेच भी रही हैं. ये महिलाएं समूह में फूड प्रोडक्ट तैयार करने के साथ सेल भी करती है.

15 से 20 हजार तक हर माह कर रहीं कमाई

इस ग्रुप से अब तक 600 से अधिक महिलाएं जुड़ चुकी हैं, जो अचार, पापड़, शरबत, मसाले, जैसे पारंपरिक खाद्य उत्पादों को बनाती हीं है. अब इससे एक कदम आगे बढ़कर सिलाई-कढ़ाई और हैंडीक्राफ्ट आइटम्स भी तैयार कर रही है. इन उत्पादों को वे मेलों, प्रदर्शनियों और बाजारों में खुद बेचती हैं, जिससे उन्हें प्रतिमाह 15 से 20 हजार रुपये तक की आमदनी हो रही है. दाईची ग्रुप से जुड़ी महिलाओं का कहना है कि शुरुआत में उनमें आत्मविश्वास की कमी थी और वे सोच भी नहीं सकती थीं कि कभी खुद का काम कर पाएंगी. लेकिन, प्रशिक्षण और सतत मार्गदर्शन ने उन्हें वह ताकत दी है जिससे वे आज खुद स्टॉल लगाकर अपने प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग करती हैं.

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आत्मसम्मान के साथ मिल रहा सामाजिक पहचान

महिलाओं ने बताया कि आत्मनिर्भरता के इस सफर ने उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त तो किया ही है, साथ ही उनके आत्मसम्मान और सामाजिक पहचान में भी वृद्धि हुई है. अब वे न केवल खुद के लिए काम कर रही हैं, बल्कि दूसरी महिलाओं को भी इस मुहिम से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बना रही हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में दाईची ग्रुप अब एक स्थानीय ब्रांड बन चुका है, जो महिला सशक्तिकरण का उदाहरण बनकर उभर रहा है. यह पहल यह साबित करती है कि सही मार्गदर्शन और सहयोग से महिलाएं किसी भी मुकाम को हासिल कर सकती हैं.

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गांव की महिलाएं बनीं ‘ब्रांड एंबेसडर’, इस ग्रुप से जुड़कर बदल गई जिंदगी


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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