बंद स्कूलों का निरीक्षण क्यों करा रही सरकार? प्राइवेट स्कूल संचालकों ने लगाए दबाव बनाने के आरोप, सौंपा ज्ञापन
छतरपुर। प्राईवेट स्कूल एसोसिएशन म.प्र. की जिला इकाई ने सोमावर को मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन एसडीएम को सौंपकर अपनी आठ मांगों से अवगत कराते हुए बताया कि आज से पूरे प्रदेश के प्राईवेट स्कूल संचालकों ने सोमवार से अनिश्चित काल के लिए अध्यापन कार्य पूर्ण रूप से बंद कर दिया है। साथ ही आज से सभी निजी स्कूल संचालक अपने संकुल स्तर पर बने व्हाट्सएप ग्रुप से लेफ्ट होंगे तथा विद्यालयों की चाबी जिला शिक्षा अधिकारी को सौंपेंगे।ज्ञापन सौंपने पहुंचे प्राईवेट स्कूल एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष प्रमोद कुमार मिश्रा ने बताया कि कोरोना वायरस की वजह से स्कूल बंद हैं इसके बावजूद भी शिक्षा विभाग द्वारा मान्यता नवीनीकरण के लिए दबाव बनाते हुए विद्यालयों का निरीक्षण कराया जा रहा है जो कि उचित नहीं है। ज्ञापन में मांग की गई है कि जिस प्रकार वर्ष 2020-21 और 2021-22 की मान्यता का नवीनीकरण विभाग द्वारा कर दिया गया है उसी तरह कक्षा पहली से बारहवीं तक वर्ष 2022-23 से वर्ष 2024-25 तक की मान्यता का नवीनीकरण बिना किसी निरीक्षण-परीक्षण के किया जाए। साथ ही मान्यता एवं संबद्धता शुल्क माफ किया जाए। इसके अलावा छात्रवृत्ति जांच के विषय में संस्थाओं को परेशान न किए जाने, निजी स्कूलों में नि:शुल्क प्रवेश दिए जाने के बाद कई वर्षों की फीस प्रतिपूर्ति नहीं मिली है, जिसका डीपीसी से भगुतान कराने, स्कूल संचालकों को अन्य राज्यों की तरह आर्थिक मदद दिए जाने, संपूर्ण प्रकार के टैक्स, बिजली बिल और बैंक की किश्तें माफ कराने आदि की मांग शामिल है। इसके अलावा कलेक्टर कार्यालय से विगत 9 जुलाई को जारी गए पत्र में लंबित फीस होने के बाद टीसी न रोकने के निर्देश हैं तथा ऐसा करने पर एफआईआर की चेतावनी है, जिस पर भी संचालकों ने असंतोष जाहिर किया है।