गांधी जयंती: बापू की जीवंत झांकी एवं तख्तियों के माध्यम से प्रेम, एकता, सद्भाव, सहिष्णुता का दिया संदेश एवं सूतांजली कार्यक्रम का आयोजन

स्थानीय गांधी स्मारक निधि में शनिवार को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की 152वीं जयंती के अवसर पर सूतांजली कार्यक्रम का आयोजन किया गया। दिन की शुरुआत बापू की प्रतिमा के समक्ष सर्वधर्म प्रार्थना से की गई। इसके बाद प्रभात फेरी गांधी आश्रम परिसर से शुरू होकर, महाराजा छत्रसाल चौराहा, जिला न्यायालय, बिजावर नाका तिराहा, शांति नगर कॉलौनी, महाराजा कॉलेज तिराहा होते हुए वापस गांधी आश्रम परिसर में सामपन हुआ।
प्रभात फेरी में बापू की जीवंत झांकी एवं तख्तियों के माध्यम से प्रेम, एकता, सद्भाव एवं सहिष्णुता का संदेश दिया। साथ ही गांधी जी के प्रिय भजनों को गाकर बापू के विचारों से जोड़ा। इस मौके पर सत्यशोधन विद्यालय के छात्र-छात्राओं के साथ आमजन उपस्थित रहे।
गांधी जयंती कार्यक्रम की शुरूआत मुख्य अतिथि न्यायाधीश राजेश कुमार देवलिया, अनिल पाठक, एसडीएम यूसी मेहरा एवं महर्षि विद्या मंदिर के प्राचार्य सीके शर्मा, प्रो. एसआर पॉल, गांधी स्मारक निधि के अध्यक्ष दुर्गा प्रसाद आर्य ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं देश के द्वितीय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर किया। इसके पश्चात महर्षि विद्या मंदिर के छात्राओं ने बापू के प्रिय भजन वैष्णव जन व स्वागत गीत गाया।
गांधी स्मारक निधि की मंत्री दमयंती पाणी ने अतिथि एं आगंतुकों को स्वागत किया। महर्षि विद्या मंदिर के छात्रों ने गांधी जी के जीवन पर नाटक का जीवंत मंचन किया।
न्यायाधीश राजेश देवलिया ने कहा कि गांधी जी ने हमेशा अपने जीवन में उदाहरण पेश किए। वह कहते थे कि वह बदलाव खुद में लाइए जिसे आप दुनिया में देखना चाहते हैं। न्यायधीश अनिल पाठक ने युवाओं को गांधीजी से प्रेरणा लेने की बात कही। उन्होंने कहा कि गांधीजी के विचार यदि हम युवा आयु में अपना लें तो वह देश के लिए समस्या बनने की जगह समाधान बनकर जीवन में खुशहाली लाएगा।
एसडीएम यूसी मेहरा ने कहा कि गांधी आश्रम द्वारा बापू के रचनात्मकत कार्यों को करना प्रशंसनीय है, यह समाज में बदलाव के लिए एक उदाहरण है। इसके बाद अटल शुक्ला ने गांधीजी का प्रिय भजन हरि तुम हरो जन की पीर..भजन गाया।

प्राचार्य सीके शर्मा ने कहा कि आज हमें असमानता, गैरबराबरी, छुआछूट और सामाजिक बुराइयों को छोड़ने की आवश्यकता है। गांधीजी ने हमेशा अपने आत्मबल को मजबूत करके दक्षिण अफ्रीका से लेकर भारत में इन बुराइयों से लड़ाई लड़ी। आज भी गांधी विचार इन बुराइयों से अहिंसात्मक रूप से सामना करने में प्रासंगिक हैं। जन-जन को जीवन में आत्मसात करना चाहिए।
इसके अलावा शहर के प्रबुद्ध जन ने भी बच्चों को गांधीजी के छोटे-छोटे प्रसंगों से अवगत कराया। गिटार बजाकर अश्वनी और सुमित ने देश भक्ति गीत गाकर देश प्रेम की भावना से भर दिया। कार्यक्रम का संचालन अंकित मिश्रा एवं आभार दमयंती पाणी द्वारा किया गया।
इस मौके पर गांधी स्मारक निधि द्वारा गांधीजी के जीवन पर आधारित चित्र प्रदर्शनी लगाई गई। इसमें माध्यम लोगों ने गांधी के जीवन, विचार एवं संदेशों को जाना एवं समझा।
गांधी स्मारक निधी की सचिव दमयंती पानी ने बताया गांधी जयंती के कार्यक्रम पर हमने सबको सादर आमंत्रित किया था बावजूद इसके कोई भी नेता जनप्रतिनिधि गांधी आश्रम नहीं पहुंचा, उनका कहना है कि हम किसी पार्टी विशेष से बात नहीं कर रहे, फिर चाहे वह देश की कोई भी पार्टी, गांधीजी सिर्फ हमारे ही नहीं हम सब के पूरे राष्ट्र के राष्ट्रपिता हैं।
कार्यक्रम का संचालन अंकित मिश्रा एवं आभार दमयंती पाणी द्वारा किया गया। इस मौके पर गांधी स्मारक निधि द्वारा गांधीजी के जीवन पर आधारित चित्र प्रदर्शनी लगाई गई। इसमें माध्यम लोगों ने गांधी के जीवन, विचार एवं संदेशों को जाना एवं समझा। कार्यक्रम में ब्रम्हकुमारी आश्रम की बहनें, आनंदम विभाग के जिला संयोजक लखन लाल असाटी, अंजली श्रीवास्तव, कीर्ति विश्वकर्मा, सीमा चौधरी, संजय चौधरी, शंकर सोनी, केएन सोमन, नीलम पांडे, सुमति प्रकाश जैन, निदा रहमान, विजयानंद तिवारी, शिवम तिवारी, नितिन पटैरिया, अभिदीप सुहाने, कृष्णकांत मिश्रा, देवेंद्र भंडारी, विकास मिश्रा, श्रीजा सिंह, रजत चतुर्वेदी, गौरव, राजेंद्र सिंह चौका, दिव्यांश के अलावा शहर के बड़ी संख्या में जागरूक नागरिक उपस्थित रहे।