साथी के निलंबन से नाराज पटवारियों ने बंद किया काम, चंदला के बाद छतरपुर तहसील के पटवारियों ने भी जमा किए बस्ते
छतरपुर। चंदला तहसील में पदस्थ पटवारी रघुनाथ सिंह गौड़ साथी के निलंबन से कई पटवारी अब काम बंद कर हड़ताल पर चले गए हैं। गुरूवार को जहां चंदला तहसील के पटवारियों ने अपने बस्ते जमा कर हड़ताल पर जाने का ऐलान किया तो वहीं शुक्रवार को छतरपुर तहसील के पटवारियों ने भी तहसील कार्यालय में अपने बस्ते जमा कर दिए। उल्लेखनीय है कि विगत दिनों रघुनाथ सिंह गौड़ को आबादी सर्वे का नक्शा जबलपुर में जमा नहीं करने की लापरवाही के चलते सस्पेंड किया गया था। जिले के पटवारी रघुनाथ गौड़ के निलंबन को गलत बता रहे हैं।
पटवारी संघ की ओर से अनिल रूसिया ने कहा कि आबादी सर्वे के बाद नक्शों को जबलपुर जमा करना किसी पटवारी का काम नहीं है इसके लिए शासन न तो पटवारी को यात्रा भत्ता देता है और न ही अन्य खर्च। ऐसा काम जो पटवारी के कार्यक्षेत्र में नहीं आता है उसे जबरन पटवारियों से करवाया जा रहा है। पटवारियों ने कहा कि यदि तीन दिवस के भीतर रघुनाथ गौड़ का निलंबन वापस नहीं लिया गया तो जिले के एक भी पटवारी काम नहीं करेंगे। 80 पटवारियों के हड़ताल पर जाने से ठप्प होगा कामअनिल रूसिया ने कहा कि छतरपुर तहसील में लगभग 80 पटवारी पदस्थ हैं इनमें से लगभग 40 पटवारियों ने आज ही अपने बस्ते जमा कर दिए हैं। कुछ पटवारी अवकाश पर हैं अथवा बाहर हैं उनके बस्ते भी जल्द ही जमा कर दिए जाएंगे। अनिल रूसिया ने कहा कि हम पहले ही राज्य सरकार को लिखकर दे चुके हैं सारा ऐप पर काम नहीं करेंगे। ऐसे कार्य जो हमारे कर्तव्य क्षेत्र में नहीं है उन्हें नहीं किया जाएगा। रूसिया ने कहा कि पटवारियों को एनडीआरएफ की तरह हर आपदा ग्रस्त क्षेत्र में भेजा जाता है जबकि यह उनका काम नहीं है। इसके अलावा राज्य स्तर से जुड़ीं कुछ मांगों को लेकर भी पटवारी विरोध की मुद्रा में हैं। उन्होंने सीपीसीटी परीक्षा की अनिवार्यता खत्म करने, 2100 ग्रेड पे की जगह 2800 ग्रेड पे दिए जाने, बाहर के जिलों में पदस्थ किए गए पटवारियों को गृह जिलों में पोस्टिंग देने की मांग भी उठाई।