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भुला दिए गये इतिहास के अंश को पेश करती है, ‘रजाकार’, सरदार पटेल के प्रयासों की है दिलचस्प कहानी – News18 हिंदी

नई दिल्ली. बड़े-बड़े स्वतंत्रता सैनिनियों ने संघर्ष कर देश को आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी. लेकिन आज़ादी के बाद एक रियासत ऐसी भी थी जिसे आजादी के बाद भारत में शामिल किया गया लेकिन इसके लिए की गई जद्दोजहद के बारे में लोग कम ही जानते हैं. उस रियासत का नाम था हैदराबाद जिससे जुड़ा खूनी इतिहास बड़े पर्दे पर साकार किया गया है फिल्म ‘रजाकार’ के रूप में.

भारत की आजादी के दौरान देश के मौजूदा सभी रियासतों को भारत में शामिल करने के लिए सरदार वल्लभभाई पटेल के प्रयासों से हम सभी भली भांती वाकिफ हैं. सरदार पटेल के नेतृत्व में हैदराबाद की रियासत को हिंदोस्तां में शामिल करने को लेकर जो खूनी संघर्ष हुआ, उसकी दास्तां को बड़े सशक्त अंदाज में ‘रजाकार’ में पेश किया गया है.

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देखने को मिलेंगे इतिहास के भुला दिल गए अंश
आम लोगों की ख्वाहिशों को नजरअंदाज कर हैदराबाद को भारत में शामिल नहीं करने की जद्दोजहद के बीच मुस्लिम शासकों द्वारा अपने रजाकारों (निजी पुलिस) के हाथों हिंदुओं पर‌ किये जाने वाले अत्याचारों को जिस खूबसूरती से पर्दे पर पेश किया गया है कि देखने‌वालों की रूह तक कांप जाएगी. यह फिल्म आजादी के इतिहास के पन्ने को पलटते हुए भुला दिये गये इतिहास के जिसे अंश को पेश करती है, अंत में उसे फिल्म के रूप में देखना एक जबरदस्त अनुभव है.

कैसी है फिल्म
फिल्म की कहानी आपका दिल जीतने में कामयाब होती है. यता सत्यनारायण के निर्देशन में बनी ‘रजाकार’ एक ऐसी दिलचस्प कहानी वाली फिल्म है, जो अंत तक आपको सीट से बांधे रखने में कामयाब होती है. फिल्म में एंटरटेनमेंट के लिहाज से एक्शन सींस भी रोचक ढंग से पेश किए गए हैं. फिर चाहे वो रजाकारों द्वारा हिंदुओं पर‌ किये जाने वाले सीन्स हों, प्रतिकार स्वरूप खड़ी होने वाली जनता द्वारा किया जानेवाला पलटवार हो या फिर भारतीय सेना द्वारा हैदराबाद पर किया जानेवाला हमला हो, फिल्म में सब बड़ी खूबसूरती से संजोए गए हैं. फिल्म में कुछ कमियां में हैं, जिन पर अगर और थोड़ा ध्यान दिया जाता तो फिल्म और बेहतरीन हो सकती थी.

लुभाने वाला है फिल्म का संगीत
फिल्म के एक्शन सीन्स को जिस मेहनत के साथ कोरियोग्राफ किया गया है. फ़िल्म की सिनेमाटोग्राफी भी देखने लायक है. वही बात अगर फिल्म के संगीत की करे तो वहां भी आप निराश नहीं होंगे. फिल्म के‌ मूड के हिसाब से काफी दमदार है.

स्टारकास्ट की एक्टिंग
फिल्म में नजर आ रहे तमाम कलाकारों ने अपने किरदार के साथ न्याय किया है. राज अर्जुन, बॉबी सिम्हा, मकरंद देशपांडे, वेदिका, अनूसुया भारद्वाज, तेज सप्रू, इंद्रजा, सुब्बाराया शर्मा, अनुश्रिया त्रिपाठी सभी ने अपने‌-अपने किरदारों को बखूबी ढंग से निभाया है. तेलुगु में इस फिल्म को काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिला था. अब मेकर्स इस फिल्म को हिंदी में लेकर आए हैं, जो इस शुक्रवार को सिनेमाघरों में दस्तक देने वाली है.

कुल मिलाकर ‘रजाकार’ एक ऐसी फिल्म है जिसे सभी लोगों को, खासतौर पर आज की पीढ़ी के युवाओं को जरूर देखना चाहिए ताकि हिंदोस्ता के एक मुक्कमल राष्ट्र बनने की कोशिशों को इतिहास के आईने में अच्छी तरह से देखा और समझा जा सके.

डिटेल्ड रेटिंग

कहानी :
स्क्रिनप्ल :
डायरेक्शन :
संगीत :

Tags: Bollywood news, Movie review


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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